लॉकडाउन में 90 फीसदी बढ़ा साइबर क्राइम, लोगों ने गंवाए लाखों रुपये
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लागू किया गया, लेकिन इस दौरान साइबर अपराधियों की चांदी रही। लॉकडाउन में लोगों ने ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन लेनदेन किया, लेकिन साइबर अपराधियों ने लोगों को चपत लगाने के लिए इसे अपना हथियार बना डाला। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराध को लेकर आने वाली शिकायतों में 90 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
दिल्ली में डेबिट-क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट से संबंधित, कॉलिंग व फिशिंग के जरिये और इंटरनेट बैंकिंग संबंधित धोखाधड़ी से जुड़े अपराध बढ़े हैं। पुलिस को मिली शिकायतों में वित्तीय धोखाधड़ी की 50 फीसदी से ज्यादा शिकायतें आई हैं, जबकि ऑनलाइन धोखाधड़ी को लेकर 20 फीसदी, बाकी दूसरे प्रकार की भी 20 फीसदी शिकायतें पुलिस के पास आई हैं।
जालसाजों ने लॉकडाउन में सरकारी योजना का भी लाभ लेने के नाम पर लोगों को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया है। पुलिस को जो शिकायतें मिली हैं उनमें 60 फीसदी से ज्यादा शिकायतें ऑनलाइन ही मिली हैं। इसकी वजह ये रही कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने पुलिस के पास जाने की बजाय फोन से संपर्क कर ईमेल पर ही शिकायतें भेजी।
- लॉकडाउन से पहले आईं शिकायतें
| जनवरी 2020 | 1260 |
| फरवरी 2020 | 1849 |
| मार्च 2020(24 तक) | 900 |
| कुल शिकायतें | 4009 |
- लॉकडाउन के बाद आईं शिकायतें
| 25 मार्च से 30 अप्रैल तक | 3858 |
| मई में | 3430 |
| 15 जून तक | 804 |
| कुल शिकायतें | 809 2 |
- संदिग्ध मेल खोलने से बचें
दिल्ली पुलिस का साफ तौर पर यही कहना है कि किसी भी संदिग्ध मेल को खोलने से बचें और सोशल मैसेजिंग एप सहित अन्य दूसरे ऑनलाइन माध्यमों से आने वाली सूचनाएं और लिंक को बिना जांच-पड़ताल के न सर्च करें। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया और बैंकिंग गतिविधियों के लिए मजबूत पासवर्ड और बहुस्तरीय विकल्प का उपयोग करें। किसी अंजान शख्स से फोन पर व्यक्तिगत डिटेल न साझा करें। साथ ही वक्त-वक्त पर अपना एटीएम का पासवर्ड भी बदलते रहें।