Politics: अजित पवार के वायरल वीडियो पर घमासान, प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- महिलाओं की बात और कार्रवाई में फर्क
सोलापुर में महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा से फोन पर कथित धमकी के वायरल वीडियो पर अब शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने डिप्टी सीएम अजित पवार की आलोचना की है। उन्होंने पवार के महिला सम्मान वाले बयान और उनकी पार्टी के एमएलसी अमोल मितकारी द्वारा आईपीएस अफसर की जांच की मांग को विरोधाभासी बताया है।

विस्तार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और महिला आईपीएस अधिकारी के बीच हाल ही में हुए बातचीत के वायरल वीडियो को लेकर राज्यभर में चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में अब इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधा। उन्होंने पवार के महिला पुलिस अधिकारियों के सम्मान को लेकर दिए गए बयान और उनकी पार्टी के एमएलसी अमोल मितकारी की कार्रवाई के बीच विरोधाभास को लेकर सवाल उठाया।

दरअसल, हाल ही में सोलापुर जिले में एक महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा और अजित पवार के बीच फोन पर हुई बातचीत का वीडियो वायरल हुआ था। बताया गया कि अंजना कृष्णा ने अवैध खुदाई रोकने की कोशिश की थी, जिस पर अजित पवार ने कथित तौर पर उन्हें डांटते हुए कहा था कि इतना आपको डेरिंग हो गया क्या? मामले में जब बयानबाजी तेज हुई तब सफाई देते हुए अजित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि उन्हें पुलिस बल और महिला अधिकारियों का बेहद सम्मान है और वे कानून के राज को सर्वोपरि मानते हैं।
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प्रियंका चतुर्वेदी ने पवार की मंशा पर उठाए सवाल
हालांकि डिप्टी सीएम की सफाई के बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने उनकी मंशा पर सवाल उठाए हैं। चतुर्वेदी ने लिखा कि एक ओर अजित पवार महिला अधिकारियों का सम्मान करने की बात करते हैं और दूसरी ओर उनकी पार्टी के एमएलसी अमोल मितकारी ने यूपीएससी को चिट्ठी लिखकर आईपीएसअधिकारी अंजना कृष्णा की शैक्षणिक योग्यता और जाति प्रमाणपत्र की जांच की मांग की है। उन्होंने पूछा कि क्या अजित पवार जी को पता भी है कि उनकी एक प्रोफाइल पर क्या पोस्ट हो रहा है और उनके पार्टी नेता क्या कर रहे हैं?
महिला IPS अधिकारी से जुड़े विवाद पर NCP के MLC अमोल मितकरी ने मांगी माफी
हालांकि महाराष्ट्र के महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा से जुड़े विवाद मामले में एनसीपी के एमएलसी अमोल मितकारी ने शनिवार को माफी मांगते हुए अपना बयान वापस ले लिया। मितकरी ने सफाई देते हुए कहा कि यह मेरा निजी विचार था, पार्टी की नहीं। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा ईमानदार अधिकारियों का सम्मान किया है। मैं अपने ट्वीट को वापस लेता हूं और माफी मांगता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के रुख से पूरी तरह सहमत हैं।
बता दें कि इससे पहले अजित पवार ने यह भी कहा था कि उनका इरादा पुलिस के काम में हस्तक्षेप करने का नहीं था, बल्कि वे सोलापुर में स्थिति को शांत बनाए रखना चाहते थे। उन्होंने वादा किया था कि अवैध खुदाई पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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क्या है पूरा मामला, समझिए
गौरतलब है कि ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब 21 अगस्त को सोलापुर के माढा तहसील के कुर्डू गांव में अंजना कृष्णा अवैध खुदाई की जांच करने पहुंचीं। वहां पुलिस और गांव वालों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद एनसीपी कार्यकर्ता बाबा जगताप ने अजित पवार से फोन पर बात कराई। इसी दौरान पवार और महिला अधिकारी के बीच विवादास्पद बातचीत हुई। ऐसे में अब यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ चुका है, जिसमें विपक्ष अजित पवार की कथनी और करनी पर सवाल खड़े कर रहा है।