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मालेगांव मामला: फडणवीस बोले- आतंकवाद कभी भगवा नहीं था और न ही कभी होगा; कोर्ट के फैसले के बाद किसने-क्या कहा?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Thu, 31 Jul 2025 12:56 PM IST
सार

17 साल पहले 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए विस्फोट मामले में एनआईए की विशेष कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इसके तहत कोर्ट ने पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। ऐसे में कोर्ट के इस फैसले पर देश की सियासत में बयानबाजी तेज हो गई है। आइए जानते है किसने क्या कहा?

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Maharashtra Malegaon blast case NIA court acquits all accused, many leaders including Devendra Fadnavis react
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता कमल नाथ और सीएम देवेंद्र फडणवीस - फोटो : ANI
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विस्तार
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महाराष्ट्र के मालेगांव विस्फोट मामले में गुरुवार को 17 साल बाद एनआईए की विशेष अदालत ने पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारे में बयानबाजी तेज हो गई है। एक तरफ जहां तरफ भाजपा नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया। साथ ही 'भगवा आतंकवाद' के मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथ लेना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस फिर से इस फैसले को चुनौती देने की बात पर जोर दे रही है। आइए जानते है कि इस मामले में किसने क्या कहा?

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क्या बोले फडणवीस?
एनआईए कोर्ट के फैसले के बाद तेज होती सियासत के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने भगवा आतंकवाद और हिंदू आतंकवाद का झूठा आरोप बनाकर इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की।
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उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने अपने वोट बैंक खासकर एक धर्म के वोटों को खुश करने के लिए ये गलत कहानी बनाई। फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस ने सभी हिंदुओं को आतंकवादी बताने की कोशिश की, जिसे अब पूरा देश नकार रहा है। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस इन गलत शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगे।  उन्होंने कहा कि आतंकवाद न कभी भगवा था, न है और न ही कभी होगा। उन्होंने कहा कि अब सच सामने आ गया है।

'भगवा आतंकवाद' पर जवाब दे विपक्ष- रवि किशन
एनआईए कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा सांसद रवि किशन ने मामले मे कहा कि हमें समझ नहीं आ रहा कि खुश हों या दुखी। मेरी बहन साध्वी प्रज्ञा मेरे बगल में संसद में बैठती थीं। उनका शरीर आज लगभग लकवाग्रस्त है। उन्होंने कहा कि सोचिए जिन लोगों पर झूठे आरोप लगे, उनके और उनके परिवारों पर क्या बीती होगी। कौन लौटाएगा उनके 17 साल?

रवि किशन ने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जिस कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ा, आज उन्हें इसका जवाब देना होगा। उन्हें देश के 100 करोड़ हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए। किस आधार पर उन्होंने भगवा आतंक का नैरेटिव खड़ा किया? इसके पीछे का मास्टरमाइंड कौन था? उन्होंने कहा कि अब यह साबित हो चुका है कि हिंदू आतंकी नहीं हो सकता और इस मुद्दे को भाजपा संसद में उठाएगी।

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मालेगांव ब्लास्ट मामले में सभी आरोपी बरी होने पर भड़के ओवैसी
वहीं एनआईए कोर्ट द्वारा सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया कि क्या वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे या नहीं?

ओवैसी ने कहा कि 17 साल बाद सभी आरोपी बरी हो गए। महाराष्ट्र सरकार ने 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस में कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। तो क्या अब अगर ऐसा नहीं किया गया, तो ये आतंकवाद पर दोहरा मापदंड नहीं होगा? उन्होंने आगे कहा कि मालेगांव विस्फोट में मिलिट्री ग्रेड आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ था। इतना खतरनाक विस्फोटक कहां से आया? इसकी जांच क्यों नहीं हुई? असली गुनहगार आज भी खुले घूम रहे हैं। पीड़ितों को न्याय कौन देगा?

ओवैसी ने मोदी सरकार और महाराष्ट्र सरकार से साफ तौर पर पूछा कि क्या वे इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में जाएंगी या नहीं? अगर नहीं गए, तो यह साफ दिखेगा कि आतंकवाद के मामलों में सिर्फ राजनीतिक फायदा देखा जा रहा है, न्याय नहीं।

जो दोषी हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए- अखिलेश यादव
कोर्ट के फैसले के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैंने पूरी रिपोर्ट नहीं पढ़ी है, लेकिन जो लोग इतनी बड़ी घटना में शामिल थे, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।

फैसले को चुनौती देगी कांग्रेस
वहीं इस फैसले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि इससे फर्क पड़ा है, वे इसे चुनौती देंगे। भाजपा कुछ भी कहे, लेकिन ये कोर्ट का फैसला है और इसे चुनौती दी जा सकती है। निश्चित रूप से दोबारा अपील की जाएगी।

ये भी पढ़ें:- मालेगांव ब्लास्ट केस के सभी आरोपी बरी: प्रज्ञा ठाकुर, प्रसाद पुरोहित के साथ किस-किस पर था केस, क्या थे आरोप?

सबूत नहीं थे, इसलिए कोर्ट ने बरी किया- रामदास अठावले
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि इस केस की सुनवाई कई वर्षों तक चली। अदालत ने सभी आरोपियों को बरी किया क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी होता है, उसका कोई धर्म नहीं होता। जब कोर्ट में सुनवाई होती है तो सबूत देना जरूरी होता है।

शिंदे गुट की शिवसेना बोली- कांग्रेस की खुल गई पोल
वहीं इस फैसले का शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने स्वागत करते हुए कहा कि हमें इस फैसले से बहुत खुशी है। कांग्रेस ने एक सोची-समझी साजिश के तहत इन लोगों को फंसाया और ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द गढ़ा। अब उनकी पोल खुल चुकी है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह पहले ही संसद में कह चुके थे कि "हिंदू कभी आतंकी नहीं हो सकता", और अब यह बात साबित हो गई है।

आरएसएस नेता सुनील आंबेकर बोले- सच सामने आ गया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अपने निजी और राजनीतिक कारणों से इस मामले को उठाया और पूरी हिंदू समाज व धर्म को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की, लेकिन अब सच सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि लंबे ट्रायल के बाद अदालत ने सबूतों के आधार पर सही फैसला सुनाया है और यह साबित हो गया कि सभी आरोप बेबुनियाद थे।

भाजपा सांसद बृजलाल बोले- हिंदू समाज को न्याय मिला
भाजपा सांसद बृजलाल ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मैं कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा और सभी निर्दोषों को बधाई देता हूं। कोर्ट ने ना सिर्फ उन्हें, बल्कि पूरे हिंदू समाज को न्याय दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक फर्जी भगवा आतंकवाद' की थ्योरी गढ़ी गई थी। कांग्रेस और उसके नेता मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका और राहुल गांधी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने देश के साथ विश्वासघात किया है।

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भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने किया फैसला का स्वागत
महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री और भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भी फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व को आतंकी बताया गया, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुईं। ये फैसला आध्यात्मिक मूल्यों पर हुए हमले का जवाब है।

क्या है मालेगांव विस्फोट मामला?
गौरतलब है कि आज से 17 साल पहले 29 सितंबर 2008 को मालेगांव शहर में एक मोटरसाइकिल में बम लगाया गया, जो एक मस्जिद के पास फट गया। इस धमाके में छह लोगों की मौत और 101 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित सहित सात लोगों को आरोपी बनाया गया था। अब लगभग 17 साल बाद, कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया है।

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