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Maharashtra: मतदाता सूची में धांधली के आरोप पर महाराष्ट्र का विपक्ष एकजुट, एक नवंबर को निकालेगा महारैली मार्च
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 30 Oct 2025 05:46 PM IST
सार
महाराष्ट्र में मतदाता सूची में धांधली के आरोपों पर विपक्ष एकजुट हो गया है। उद्धव ठाकरे, शरद पवार और राज ठाकरे एक नवंबर को मुंबई में विरोध मार्च निकालेंगे। फैशन स्ट्रीट से बीएमसी मुख्यालय तक होने वाले इस मार्च में कांग्रेस, वामदल और अन्य विपक्षी दल शामिल होंगे। विपक्ष ने एक करोड़ फर्जी वोटरों का आरोप लगाया है।
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शरद पवार और उद्धव ठाकरे (फाइल तस्वीर)
- फोटो : ANI
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विस्तार
महाराष्ट्र की राजनीति में विपक्षी दल अब एकजुट होकर चुनावी तैयारियों में लगे हैं। मतदाता सूची में धांधली के आरोपों को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट), कांग्रेस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) एक नवंबर को मुंबई में संयुक्त विरोध मार्च निकालेंगे। ठाकरे बंधु उद्धव और राज ठाकरे के साथ शरद पवार इस विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगे।
गुरुवार को मुंबई के वाय बी चव्हाण केंद्र में ठाकरे बंधुओं और शरद पवार की बैठक में इस मार्च की रूपरेखा तय की गई। बैठक में कांग्रेस नेता नसीम खान, किसान और कामगार पार्टी के जयंत पाटिल और वामपंथी दलों के नेता भी मौजूद थे। शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने बताया कि यह मार्च साउथ मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू होकर बीएमसी मुख्यालय तक निकाला जाएगा। दोपहर एक बजे से चार बजे तक चलने वाले इस मार्च के दौरान जनता को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
विपक्ष ने लगाए ये आरोप
अनिल परब ने कहा कि यह मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इसका मकसद मतदाता सूची में अनियमितताओं और वोट चोरी जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करना है। विपक्ष का दावा है कि राज्य की मतदाता सूचियों में करीब एक करोड़ फर्जी मतदाता दर्ज हैं। इन त्रुटियों के कारण ग्रामीण और शहरी निकाय चुनावों की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों की मांग है कि राज्य निर्वाचन आयोग तुरंत मतदाता सूची की जांच और सुधार करे।
ये भी पढ़ें- बंधक, रेस्क्यू, फायरिंग और मौत: मुंबई के स्टूडियो में बच्चों को बंधक बनाने वाले शख्स की पुलिस फायरिंग में मौत
निर्वाचन आयोग की दलीलें
महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल का कोई प्रावधान नहीं है। इस पर अनिल परब ने कहा कि विपक्ष आयोग की इस दलील का अध्ययन कर रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि यह तर्क निराधार है, क्योंकि 2017 में नांदेड़ वाघाला नगर निगम चुनाव में एक वार्ड में वीवीपैट परीक्षण पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस संयुक्त विरोध में पूरी तरह शामिल होगी और यह मुद्दा राहुल गांधी खुद उठा चुके हैं।
आयोग ने बताई आगे की रणनीति
इससे पहले भी शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और एमएनएस नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयुक्त और मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात कर मतदाता सूचियों में डुप्लीकेट नामों की शिकायत की थी। आयोग ने जवाब दिया कि किसी भी राजनीतिक दल को मतदाता सूची से छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है और सभी सुधार डिजिटल रूप से सुरक्षित तरीके से किए जा रहे हैं। बावजूद इसके, विपक्ष ने साफ कहा है कि जब तक सूची में मौजूद फर्जी नामों को हटाया नहीं जाता, तब तक चुनाव की विश्वसनीयता पर सवाल बने रहेंगे।
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गुरुवार को मुंबई के वाय बी चव्हाण केंद्र में ठाकरे बंधुओं और शरद पवार की बैठक में इस मार्च की रूपरेखा तय की गई। बैठक में कांग्रेस नेता नसीम खान, किसान और कामगार पार्टी के जयंत पाटिल और वामपंथी दलों के नेता भी मौजूद थे। शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने बताया कि यह मार्च साउथ मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू होकर बीएमसी मुख्यालय तक निकाला जाएगा। दोपहर एक बजे से चार बजे तक चलने वाले इस मार्च के दौरान जनता को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
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विपक्ष ने लगाए ये आरोप
अनिल परब ने कहा कि यह मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इसका मकसद मतदाता सूची में अनियमितताओं और वोट चोरी जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करना है। विपक्ष का दावा है कि राज्य की मतदाता सूचियों में करीब एक करोड़ फर्जी मतदाता दर्ज हैं। इन त्रुटियों के कारण ग्रामीण और शहरी निकाय चुनावों की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों की मांग है कि राज्य निर्वाचन आयोग तुरंत मतदाता सूची की जांच और सुधार करे।
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निर्वाचन आयोग की दलीलें
महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल का कोई प्रावधान नहीं है। इस पर अनिल परब ने कहा कि विपक्ष आयोग की इस दलील का अध्ययन कर रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि यह तर्क निराधार है, क्योंकि 2017 में नांदेड़ वाघाला नगर निगम चुनाव में एक वार्ड में वीवीपैट परीक्षण पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस संयुक्त विरोध में पूरी तरह शामिल होगी और यह मुद्दा राहुल गांधी खुद उठा चुके हैं।
आयोग ने बताई आगे की रणनीति
इससे पहले भी शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और एमएनएस नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयुक्त और मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात कर मतदाता सूचियों में डुप्लीकेट नामों की शिकायत की थी। आयोग ने जवाब दिया कि किसी भी राजनीतिक दल को मतदाता सूची से छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है और सभी सुधार डिजिटल रूप से सुरक्षित तरीके से किए जा रहे हैं। बावजूद इसके, विपक्ष ने साफ कहा है कि जब तक सूची में मौजूद फर्जी नामों को हटाया नहीं जाता, तब तक चुनाव की विश्वसनीयता पर सवाल बने रहेंगे।