मराठा आरक्षण आंदोलन: प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर खेली कबड्डी; ट्रैफिक जाम के चलते पैदल चलकर हाईकोर्ट पहुंचे जज
मराठा आरक्षण की मांग पर मनोज जरांगे की भूख हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही, जिससे मुंबई का जनजीवन ठप हो गया। हजारों समर्थक सीएसएमटी और आजाद मैदान पर जुटे, खेल-कूद और नारेबाजी से माहौल गर्माया। प्रदर्शन का असर हाईकोर्ट तक पहुंचा, जहां जज और वकील भीड़ के चलते पैदल कोर्ट पहुंचे।

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मुंबई में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को लगातार चौथे दिन मनोज जरांगे की भूख हड़ताल जारी रही। फलस्वरूप ये आंदोलन दिन-प्रतिदिन बड़ा और भयावह रूप लेता हुआ दिख रहा है। कारण है कि इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए हजारों लोग महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से मुंबई पहुंचे हैं, जिससे दक्षिण मुंबई का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।आंदोलनकारी सिर्फ नारे नहीं लगा रहे, बल्कि सीएसएमटी (सीएसएमटी) स्टेशन और आजाद मैदान के आसपास की सड़कों को जैसे खेल का मैदान बना दिया गया है।

कबड्डी से लेकर क्रिकेट तक, प्रदर्शनकारियों का अलग अंदाज
जरांगे को समर्थन देने आए प्रदर्शनकारी सीएसएमटी (सीएसएमटी) स्टेशन और आजाद मैदान के पास खेलकुद करते हुए नजर आए। कहीं कबड्डी और खो-खो, तो कहीं कुश्ती और क्रिकेट खेलते लोग नजर आए। कई प्रदर्शनकारी मराठी और हिंदी गानों पर नाचते दिखे, जैसे कि 'मैं हूं डॉन' जैसे गानों पर भी। इस दौरान कुछ लोगों ने मानव पिरामिड बनाकर उस पर आरक्षण की मांग वाला पोस्टर लहराया।
हाईकोर्ट भी हुआ प्रभावित, जज को पैदल चलना पड़ा
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हो रहे इस प्रदर्शन का असर बॉम्बे हाईकोर्ट तक पहुंच गया। हाईकोर्ट की एक पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि मुंबई शहर जैसे घेर लिया गया हो। जस्टिस रविंद्र घुगे को अपनी सरकारी गाड़ी छोड़कर भीड़ के बीच पैदल चलकर कोर्ट पहुंचना पड़ा। सरकारी वकील पूर्णिमा कंठारिया को भी जज के साथ पैदल चलना पड़ा। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के दौरान कोर्ट के दरवाज़े बंद थे, लेकिन नारेबाजी की आवाजें अंदर तक सुनाई दे रही थीं।
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ट्रैफिक और सफाई व्यवस्था चरमरा गई
प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ के कारण सीएसएमटी, मेट्रो थिएटर, बीएमसी ऑफिस और हाईकोर्ट के आसपास की सड़कें पूरी तरह जाम हो गईं। ट्रेन यात्रियों को भीड़ के चलते प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में दिक्कतें आईं।
कई प्रदर्शनकारियों ने बीईएसटी बसों और गाड़ियों का रास्ता भी रोका, जिन्हें पुलिस ने बाद में हटाया। हालांकि, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने 1000 से ज्यादा सफाईकर्मी तैनात किए और 400 से अधिक मोबाइल टॉयलेट लगाए, लेकिन भीड़ के कारण कचरे का अंबार लग गया।
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पूरी तरह गंदा हुआ स्टेशन परिसर
इतना ही नहीं इस प्रदर्शन के चलते सीएसएमटी के बाहर की सड़कें और स्टेशन परिसर पानी की बोतलों, खाने के पैकेट्स, केले के छिलकों और छोड़े गए भोजन से गंदे हो गए। हालांकि, पुणे के अंबेगांव से आए कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्टेशन की सफाई भी की, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।