पाकिस्तान के 10 झूठ: भारत ने कहा- पड़ोसी मुल्क जन्म से झूठा, उसने राजकीय सम्मान देकर आतंकियों का जनाजा निकाला
Pak Lying Since Birth, India Rejects Allegations: ऑपरेशन सिंदूर के बाद गुरुवार को लगातार दूसरे दिन विदेश मंत्रालय ने प्रेस ब्रीफिंग की। इस दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थे। भारत ने पाकिस्तान के 10 झूठ को बेनकाब कर दिया।
विस्तार
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान की तरफ से लगातार बोले जा रहे झूठ का भारत ने गुरुवार को पर्दाफाश कर दिया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान की आदत लगातार झूठ बोलने की है। उसने पहले पहलगाम हमले में अपने आतंकियों की भूमिका को नकारा, हमले के जिम्मेदार आतंकी संगठन टीआरएफ का उल्लेख संयुक्त राष्ट्र के बयान में होने पर अड़ंगे डाले, फिर ऑपरेशन सिंदूर के बाद झूठ फैलाया। भारत का हमला पाकिस्तान के नागरिकों के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकियों के खिलाफ था। फिर भी पाकिस्तान ने झूठ बोला कि भारत की कार्रवाई में उसके नागरिक मारे गए हैं। अगर नागरिक मारे जाते तो आतंकियों के जनाजे में सेना के अफसरों के शामिल होने और आतंकियों को राजकीय सम्मान देने की तस्वीरें वायरल नहीं होतीं।
सरकार की इस प्रेस ब्रीफिंग में एक बार विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थे। विदेश सचिव ने एक-एक किस तरह पाकिस्तान के सारे झूठ और दावों की पोल खोल दी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि उकसावा भारत की तरफ से नहीं हो रहा। यह तो पहलगाम के हमले के साथ शुरू हुआ था। उस उकसावे का जवाब भारत ने अपनी कार्रवाई के जरिए दिया है। भारत ने पहले भी स्पष्ट किया है कि टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है। भारत जल्द ही संयुक्त राष्ट्र के एक दल से मिलेगा और अन्य जानकारी सौंपेगा।
उन्होंने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति में जब पहलगाम हमले को लेकर प्रेस वक्तव्य जारी करने की बात हो रही थी तो आप सोचिए कि किस देश ने टीआरएफ के उल्लेख का विरोध किया था? पाकिस्तान ने दो बार इसे रोकने की कोशिश की। भारत का जवाब सटीक है, संतुलित है, केंद्रित है और बिना उकसावे वाला है। हम सिर्फ उकसावे का जवाब दे रहे हैं। हमने पाकिस्तान के सैन्य स्थानों को निशाना नहीं बनाया, सिर्फ आतंकी ढांचे को निशाना बनाया है।
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देने की बात से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान की छवि पहले से ही वैश्विक आतंकियों को पनाह देने की रही है। यह बताने की जरूरत नहीं है कि ओसामा बिन लादेन कहां पाया गया था और किसने उसे शहीद बता दिया था? पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करता रहा कि साजिद मीर मारा गया, जबकि बाद में वह उसी मुल्क में जिंदा पाया गया। पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों द्वारा प्रतिबंधित कई आतंकी मौजूद हैं। इनमें मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकी शामिल हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और पूर्व विदेश मंत्री ने इस बात को माना है कि पाकिस्तान का ऐसे समूहों के साथ रिश्ता रहा है।
पाकिस्तान का चौथा झूठ- संयुक्त जांच से सच सामने आएगा
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का कहना है कि पहलगाम मामले में संयुक्त जांच होनी चाहिए। हम सभी इतिहास जानते हैं। पाकिस्तान का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। चाहे मुंबई हमले हों या पठानकोट हमला हो, भारत ने ऐसे कई आतंकी हमलों में फॉरेंसिक साक्ष्य दिए। पाकिस्तान को जांच का मौका दिया और गुनहगारों को न्याय के कटघरे में लाने को कहा। मुंबई हमलों में जब एक पाकिस्तानी आतंकी पकड़ा गया, तब हमने कई सबूत पाकिस्तान को दिए थे, लेकिन उसने कुछ खास कार्रवाई नहीं की। पठानकोट हमले के बाद संयुक्त जांच की गई। पाकिस्तान के दल को घटनास्थल तक अप्रत्याशित तौर पर एक्सेस दिया गया। सबूत दिए गए। आतंकियों के आकाओं का पता साझा किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पाकिस्तान हमेशा कार्रवाई को टालता रहा।
विदेश सचिव ने कहा- पाकिस्तान ने यह भी गलत दावा किया कि भारत की कार्रवाई में उसके आम नागरिक मारे गए हैं। हमने स्पष्ट किया है कि हमारे सारे हमले आतंकी ढांचों के खिलाफ थे, जिन्हें ध्यानपूर्वक चुना गया था। हमने हमलों के बाद आतंकियों के जनाजों की तस्वीरें देखी हैं। (तस्वीरों में जनाजों के दौरान पाकिस्तान की सेना के अफसर नजर आ रहे हैं)। अगर आम नागरिक मारे गए हैं तो फिर वो तस्वीरें क्या कह रही हैं? तस्वीरों में शवों पर पाकिस्तानी झंडे देखे गए हैं। उन्हें राजकीय सम्मान दिया गया है। आतंकियों को राजकीय सम्मान के साथ विदा करना पाकिस्तान की परंपरा लगती है।
पाकिस्तान का छठा झूठ- भारत ने धार्मिक जगहों पर हमला किया
'पाकिस्तान यह भी झूठ फैला रहा है कि भारत धार्मिक जगहों पर हमला कर रहा है, जबकि भारत के निशाने पर आतंकी और उनके स्थान रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान ने बुधवार को पुंछ में गुरुद्वारे पर और सिख परिवारों के घरों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसमें तीन लोग मारे गए। पाकिस्तान हम पर आरोप लग रहा है, लेकिन उसकी गोलीबारी में हमारे 16 नागरिकों की मौत हुई है।'
पाकिस्तान का सातवां झूठ- वो हमें जवाब दे रहा
'असल में 16 अप्रैल को पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख का जो बयान आया, वह साम्प्रदायिक है। पहलगाम हमले में भी धर्म पूछकर आतंकियों ने गोलियां चलाईं। पाकिस्तान इन मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगा। भारत में हर धर्म, हर आस्था के लोगों ने आतंकी हमलों की निंदा की है। पाकिस्तान कह रहा है कि वह भारत को जवाब दे रहा है, जबकि हकीकत यह है कि जवाब हम उसे दे रहे हैं। हमारा जवाब पहलगाम आतंकी हमले की वजह से है।'
पाकिस्तान का आठवां झूठ- बांध को निशाना बनाया गया
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान दावा कर रहा है कि भारत ने पीओके में नीलम-झेलम बांध को निशाना बनाया है, जबकि यह सरासर झूठ है। भारत ने सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया है। पाकिस्तान इस तरह के आरोपों की आड़ में हमारे ठिकानों को निशाना बनाने की हिमाकत करेगा, तो वह खुद इसके नतीजों का जिम्मेदार होगा।
उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि के बारे में भी पाकिस्तान झूठ फैला रहा है। हालात बदले हुए हैं। इस संधि के दोबारा आकलन की जरूरत है। पिछले डेढ़-दो साल से भारत ने पाकिस्तान को बातचीत का न्योता दिया। भारत ने छह दशक तक इस संधि का सम्मान किया, जबकि पाकिस्तान भारत पर हमले की साजिश रचता रहा। भारत ने जब भी पश्चिमी या पूर्वी नदियों पर कोई प्रोजेक्ट शुरू करने की कोशिश की, तो पाकिस्तान ने हमेशा उसका विरोध किया। संधि की प्रस्तावना कहती है कि इसे सद्भावना और दोस्ती की भावना से आकार दिया गया है। इतने उकसावे के बावजूद भारत इस संधि को निभाता आ रहा था। पाकिस्तान ने बातचीत के हमारे अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। संधि पचास और साठ के दशक की इंजीनियरिंग के आधार पर तय हुई थी। अब वक्त बदल चुका है। इसलिए भारत ने संधि को तब तक के लिए निलंबित कर दिया, जब तक पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता।
पाकिस्तान का 10वां झूठ- भारत के ड्रोन और विमान मार गिराए
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री यह दावा कर रहे हैं कि हमने भारत के ड्रोन और विमान गिरा दिए हैं। अगर वे इस तरह की बातें कर रहे हैं तो इसमें अचरज की कोई बात नहीं है। यह ऐसा मुल्क है, जिसके जन्म के साथ ही झूठ शुरू हो गया था। 1947 में जब पाकिस्तानी फौज ने जम्मू-कश्मीर पर धावा बोला तो उन्होंने किसी ऐसे-वैसे व्यक्ति से नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र से झूठ बोला कि हमारा इससे लेनादेना नहीं है। जब हमारी फौज और संयुक्त राष्ट्र के लोग वहां पहुंचे तो पाया कि यह तो पाकिस्तानी फौज है। तब पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी। झूठ की यह यात्रा 75 साल पहले ही शुरू हो चुकी है।
क्या बड़े आतंकी मारे गए?
क्या मसूद अजहर का परिवार और कई बड़े मास्टरमाइंड मिसाइल हमलों में मारे गए? इस सवाल पर विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि अभी बहुत सारी जानकारी टीवी, न्यूज मीडिया, सोशल मीडिया पर है, लेकिन अभी ऑपरेशन बीते 36 ही घंटे हुए हैं। सब्र रखें। सारी जानकारी सामने आएगी, तब आपसे साझा की जाएगी।