MEA: विदेश मंत्रालय ने बताया रूस में कितने भारतीय फंसे; भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापार शुरू होने पर कही ये बात
विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के रूस के दौरे के बाद रूसी सेना की तरफ से भारतीयों के रिहा करने का सिलसिला जारी है। वहीं मंत्रालय ने पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ व्यापार शुरू होने की जानकारी साझा की है।
विस्तार
50 भारतीय अभी भी रूसी सेना के कब्जे में हैं- रणधीर जायसवाल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि करीब 50 भारतीय नागरिक अभी भी रूसी सेना के कब्जे में हैं और हम उन्हें जल्द से जल्द रिहा दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
#WATCH | MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "Since PM Modi visited Russia in July, 35 Indians have been discharged from the Russian Army. Before the PM's visit 10 Indian nationals were discharged. Around 50 Indian nationals are still with the Russian Army, and we are trying… pic.twitter.com/rAioyOa1bn
— ANI (@ANI) September 12, 2024
बांग्लादेश के साथ व्यापार और वाणिज्य शुरू- विदेश मंत्रालय
वहीं रणधीर जायसवाल ने हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बाद बांग्लादेश के रिश्तों को लेकर कहा कि बांग्लादेश के साथ व्यापार और वाणिज्य शुरू हो गया है। दोनों देशों के बीच आवश्यक वस्तुओं और अन्य वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रक चलाए जा रहे हैं।
#WATCH | "Trade and commerce have started with Bangladesh. Trucks carrying essential commodities and other items are plying between the two countries," says MEA spokesperson Randhir Jaiswal. pic.twitter.com/b73gZH3PGO
— ANI (@ANI) September 12, 2024
जबकि क्वाड शिखर सम्मेलन की घोषणा पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि, सम्मेलन के जल्द ही आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है।
#WATCH | On Quad Summit announcement, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "An official announcement is expected soon."
— ANI (@ANI) September 12, 2024
(Video source: Ministry of External Affairs/YouTube) pic.twitter.com/GCFGeCdySz
ज्यादातर इस्राइली कंपनियां भारतीय कर्मचारियों के काम से संतुष्ट हैं- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस्राइल में रोजगार के लिए भारतीय कर्मियों की भर्ती से जुड़े कुछ मुद्दों का हवाला देते हुए एक मीडिया रिपोर्ट से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि इस्राइली पक्ष ने नई दिल्ली को जानकारी दी है कि इस्राइल की ज्यादातर कंपनियां हाल के महीनों में वहां कार्यरत भारतीय कर्मचारियों के कामकाज से संतुष्ट हैं। रिपोर्ट में मंगलवार को द्विपक्षीय नौकरियों की योजना के तहत दोषपूर्ण चयन का दावा किया गया। इस योजना के तहत पिछले साल सात अक्टूबर के हमास हमले के मद्देनजर एक लाख से अधिक फलस्तीनी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद निर्माण क्षेत्र में काम करने के लिए भारतीयों को इस्राइल ले जाया जाएगा।
उन्होंने कहा- हमने हाल ही में कुछ रिपोर्ट देखी हैं। सरकार-से-सरकार के स्तर पर समझौते के तहत हाल के महीनों में 4,800 भारतीयों ने इस्राइल की यात्रा की है। इस्राइली पक्ष की तरफ से हमें जो जानकारी प्रदान की गई है, उसके अनुसार अधिकांश इस्राइली कंपनियां भारतीय कर्मचारियों के कामकाज से संतुष्ट हैं।
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