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Bombay High Court: 'सिर्फ आधार, पैन या वोटर ID से नहीं बन सकते भारतीय नागरिक', बॉम्बे हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 12 Aug 2025 03:09 PM IST
सार

Bombay High Court On Citizenship: एक कथित अवैध घुसपैठ के मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारतीय नागरिकता को लेकर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने अपने बयान में साफ कहा है कि सिर्फ आधार, पैन कार्ड और वोटर आईडी पास होने से कोई भी भारत का नागरिक नहीं बन सकता है।

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Merely possessing Aadhaar, PAN card or voter ID doesn't make person Indian citizen: HC
बॉम्बे हाई कोर्ट - फोटो : ANI
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विस्तार
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी होना ही यह साबित नहीं करता कि वह भारतीय नागरिक है। अदालत ने यह टिप्पणी उस समय की जब उसने एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर आरोप है कि वह बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत आया और फर्जी दस्तावेज बनाकर यहां रह रहा था। बता दें कि आरोपी बाबू अब्दुल रुफ सरदार पर आरोप है कि वह पिछले 10 साल से ज्यादा समय से भारत में रह रहा है और उसके पास नकली आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और यहां तक कि भारतीय पासपोर्ट भी है।
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'पहचान के दस्तावेज नागरिकता के सबूत नहीं'
न्यायमूर्ति अमित बोर्कर की पीठ ने कहा कि नागरिकता कानून, 1955 स्पष्ट रूप से तय करता है कि कौन भारतीय नागरिक होगा और नागरिकता कैसे मिलेगी या खत्म होगी। आधार, पैन या वोटर आईडी जैसे दस्तावेज सिर्फ पहचान और सरकारी सेवाओं के लिए होते हैं, लेकिन वे नागरिकता का सबूत नहीं होते। अदालत ने कहा कि कानून कानूनी नागरिकों और अवैध रूप से रहने वालों के बीच साफ अंतर करता है। अवैध प्रवासियों को नागरिकता के ज्यादातर कानूनी रास्तों से रोका गया है, ताकि देश की संप्रभुता सुरक्षित रहे और नागरिकों के अधिकार गलत तरीके से किसी और को न मिलें।

जमानत मिलने पर भाग सकता है सरदार- पुलिस
सरदार के खिलाफ जांच अभी जारी है और पुलिस का कहना है कि अगर उसे जमानत दी गई तो वह भाग सकता है। अदालत ने माना कि यह आशंका सही है, क्योंकि मामला केवल बिना अनुमति भारत में रहने का नहीं, बल्कि फर्जी पहचान बनाकर खुद को भारतीय नागरिक दिखाने का है।

अवैध घुसपैठ कराने वाले गिरोह की जांच जारी
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस मामले के पीछे कोई बड़ा गिरोह है जो अवैध घुसपैठ और पहचान धोखाधड़ी में शामिल है। आरोपी ने दावा किया कि वह भारतीय नागरिक है और उसके दस्तावेज आयकर व व्यापार पंजीकरण से जुड़े हैं, लेकिन अदालत ने कहा कि जांच पूरी होने तक जमानत नहीं दी जा सकती।

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नागरिकता तय करने के लिए बनाए गए हैं खास प्रावधान
संविधान बनने के समय देश में विभाजन के कारण बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन हुआ था, तब नागरिकता तय करने के लिए खास प्रावधान बनाए गए थे। बाद में संसद को कानून बनाने का अधिकार दिया गया, जिसके तहत 1955 का नागरिकता कानून लागू हुआ और आज भी यही नागरिकता तय करने का मुख्य आधार है।
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