{"_id":"5ca96a09bdec2213fe5d392c","slug":"mission-shakti-india-working-on-other-counterspace-capabilities-in-space","type":"story","status":"publish","title_hn":"मिशन शक्ति के बाद एक और 'उड़ान' की तैयारी, अंतरिक्ष की सेना बनाने में जुटा भारत","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
मिशन शक्ति के बाद एक और 'उड़ान' की तैयारी, अंतरिक्ष की सेना बनाने में जुटा भारत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: sapna singla
Updated Sun, 07 Apr 2019 12:02 PM IST
विज्ञापन

बैलिस्टिक मिसाइल (प्रतीकात्मक)
- फोटो : Social Media

Trending Videos
ए सैट मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद डीआरडीओ और इसरो किसी भी संभावित खतरे से निपटने की तैयारियों में जुट गए हैं। इसमें डाइरेक्ट एनर्जी वेपन (DEWs) और को-ऑर्बिटल किलर्स को विकसित करने अलावा अपने सैटेलाइट्स को इलेक्ट्रानिक और फिजिकल हमले से बचाने के तरीके शामिल हैं।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने बताया कि हम डाइरेक्ट एनर्जी वेपन, लेजर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स के साथ को ऑर्बिटल किलर्स की तकनीकी को और उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी जानकारी नहीं दे सकते लेकिन हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
27 मार्च को भारत ने जमीन से मिसाइल दागकर पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलोमीटर की रेंज पर मौजूद एक सैटेलाइट को मार गिराने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था। जिसके बाद भारत ऐसी क्षमता वाला चौथा देश बन गया। परीक्षण में इस्तेमाल किया गया उपग्रह भारत का था और परीक्षण के बाद इसके हजारों टुकड़े हो गए थे।
सूत्र ने बताया कि अगर देश के मुख्य उपग्रहों को निशाना बनाया जाता है तो सशस्त्र बलों की मांग पर मिनी उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना है। डीआरडीओ लंबे समय से विभिन्न प्रकार के डीईडब्ल्यू जैसे उच्च ऊर्जा वाले लेजर और उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव कार्यक्रम चला रहा है, जिससे हवाई और जमीन पर स्थित लक्ष्यों को नष्ट किया जा सके।
विज्ञापन
Trending Videos
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने बताया कि हम डाइरेक्ट एनर्जी वेपन, लेजर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स के साथ को ऑर्बिटल किलर्स की तकनीकी को और उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी जानकारी नहीं दे सकते लेकिन हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
27 मार्च को भारत ने जमीन से मिसाइल दागकर पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलोमीटर की रेंज पर मौजूद एक सैटेलाइट को मार गिराने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था। जिसके बाद भारत ऐसी क्षमता वाला चौथा देश बन गया। परीक्षण में इस्तेमाल किया गया उपग्रह भारत का था और परीक्षण के बाद इसके हजारों टुकड़े हो गए थे।
एक साथ कई लक्ष्यों को भेद सकता है ए सैट मिसाइल
डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने कहा कि तीन स्टेज वाली इंटरसेप्टर मिसाइल 1000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम हैं। इसके साथ ही यह मिसाइल एक बार में कई लक्ष्यों पर निशाना साध सकती है।सूत्र ने बताया कि अगर देश के मुख्य उपग्रहों को निशाना बनाया जाता है तो सशस्त्र बलों की मांग पर मिनी उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना है। डीआरडीओ लंबे समय से विभिन्न प्रकार के डीईडब्ल्यू जैसे उच्च ऊर्जा वाले लेजर और उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव कार्यक्रम चला रहा है, जिससे हवाई और जमीन पर स्थित लक्ष्यों को नष्ट किया जा सके।