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NIA: पक्की नौकरी और अच्छे वेतन का झूठा वादा, दूसरे मुल्क में पहुंचते ही पासपोर्ट छीनकर युवाओं को बेच देते थे

डिजिटल ब्यूरो अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Wed, 17 Dec 2025 06:30 PM IST
सार

NIA: पहले वह व्यक्ति, उन युवकों को विदेश में अच्छे वेतन वाली नौकरी का लालच देता था। जब वे युवक, दूसरे मुल्क में पहुँच जाते, तब उनके पासपोर्ट छीन लिए जाते थे। ऐसे युवक, जो उन कंपनियों के लिए काम करने से इनकार करते थे, उन्हें मानसिक और शारीरिक यातना दी जाती थी।

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NIA busted international human trafficking and cyber fraud
NIA - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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एनआईए ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी के एक ऐसे मामले का खुलासा किया है, जिसमें आरोपी व्यक्ति द्वारा कमजोर और भोले-भाले युवकों को गैर कानूनी तरीके से विदेश भिजवाता था। पहले वह व्यक्ति, उन युवकों को विदेश में अच्छे वेतन वाली नौकरी का लालच देता था। जब वे युवक, दूसरे मुल्क में पहुंच जाते, तब उनके पासपोर्ट छीन लिए जाते थे। ऐसे युवक, जो उन कंपनियों के लिए काम करने से इनकार करते थे, उन्हें मानसिक और शारीरिक यातना दी जाती थी।
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एनआईए ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले में वांछित आरोपियों की 2 संपत्तियां कुर्क कीं हैं। जांच के अनुसार, आरोपी एक सिंडिकेट का हिस्सा था, जो भारत के कमजोर युवाओं को विदेशों में अच्छे वेतन वाली वैध नौकरियों के झूठे वादे के साथ लुभाने में लगा हुआ था। एक बार जब पीड़ित विदेशी भूमि पर पहुंच गए, तो उनके पासपोर्ट सिंडिकेट द्वारा जब्त कर लिए गए। उन्हें घोटालेबाज कंपनियों को बेच दिया गया। एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि इन कंपनियों के लिए काम करने से इनकार करने वालों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता था। उन पर पैनी नजर रखी जाती थी। 
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जाँच एजेंसी ने बुधवार को पटना में अपनी विशेष अदालत के आदेश पर कार्रवाई करते हुए, अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले में एक आरोपी की दो अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। इन संपत्तियों में महाराष्ट्र के ठाणे में एक फ्लैट और बिहार के सीवान में जमीन का एक टुकड़ा शामिल है। दोनों को वांछित आरोपी आनंद कुमार सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर मानव तस्करी गतिविधियों से अवैध रूप से अर्जित धन का उपयोग करके खरीदा था।

एनआईए की जांच से पता चला है कि आरोपी, कंबोडिया स्थित एक भारतीय नागरिक, जबरन आपराधिक साइबर धोखाधड़ी के लिए भारतीय युवाओं को कंबोडिया में तस्करी करने में शामिल था। पटना में एनआईए की विशेष अदालत ने दोनों संपत्तियों को अपराध की कमाई माना था। 10 दिसंबर को बीएनएसएस की धारा 107 के तहत उनकी कुर्की का आदेश दिया था। अदालत ने प्रॉपर्टी की नीलामी-बिक्री के बाद प्राप्त धन को जब्त करने का भी निर्देश दिया था। सिंडिकेट से जुड़े संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ का पता लगाने और उसे नष्ट करने के प्रयास जारी हैं।



 
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