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AAIB Report: बोइंग और इंजन निर्माता GE पर फिलहाल कार्रवाई नहीं, अहमदाबाद हादसे पर रिपोर्ट में ब्यूरो
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: बशु जैन
Updated Sat, 12 Jul 2025 08:19 AM IST
सार
Air India Plane Crash AAIB Report : एअर इंडिया का दुर्घटना में शामिल विमान AI171 एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था। हादसे के बाद विमान निर्माता कंपनी बोइंग को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बोइंग को राहत दी है। जानें रिपोर्ट में क्या कहा गया?
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बोइंग ड्रीमलाइनर।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अहमदाबाद एअर इंडिया विमान हादसे में फिलहाल बोइंग कंपनी और इंजन निर्माता इलेक्ट्रिक जनरल (GE) पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। हादसे की जांच कर रहे विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने प्रारंभिक रिपोर्ट में बोइंग और इलेक्ट्रिक जनरल के खिलाफ कार्रवाई न करने की सिफारिश की है।
एअर इंडिया का दुर्घटना में शामिल विमान AI171 एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था। इसका पंजीकरण संख्या VT-ANB और सीरियल नंबर 36279 था। विमान ने पहली बार 14 दिसंबर 2013 को उड़ान भरी थी। इसे बोइंग की ओर से जनवरी 2014 में एयर इंडिया को सौंपा गया था। फ्लाइट एआई 171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, एक वाइडबॉडी, दो इंजन वाला विमान है। एविएशन सेफ्टी नेटवर्क डेटाबेस के अनुसार, यह बोइंग 787 विमान की पहली दुर्घटना थी।
हादसे के बाद विमान निर्माता बोइंग को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। बोइंग के इस मॉडल के विमान के पुर्जों में गुणवत्ता नियंत्रण की कमी पाई गई थी। जिससे सुरक्षा संबंधित चिंताएं पैदा हुई थी। जबकि विमान की सुरक्षा और गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो गए थे। इसके अलावा विमान की इंजन निर्माता कंपनी इलेक्ट्रिक जनरल भी सवालों के घेरे में आ गई थी।
विमान हादसे की जांच कर रहे विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने शनिवार को जारी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बोइंग 787-8 विमानों के संचालकों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई न करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रारंभिक चरण में विमान कंपनी बोइंग और इंजन निर्माता इलेक्ट्रिक जनरल की खामी सामने नहीं आई है। हादसे की जांच जारी है।
वहीं बोइंग ने कहा कि वह जांच और एयर इंडिया का समर्थन जारी रखेगा। बोइंग ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन प्रोटोकॉल के अनुपालन में AI171 के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए AAIB को बाध्य करेंगे।
विवादों में रहा है बोइंग, जानें
1. उत्पादन प्रक्रिया में समस्याएं: बोइंग को 787 ड्रीमलाइनर के उत्पादन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिनमें से एक प्रमुख मुद्दा इसकी सप्लाई चेन और उत्पादन प्रक्रिया में देरी थी
2. गुणवत्ता नियंत्रण में कमी: बोइंग के इस मॉडल के विमान के पुर्जों में गुणवत्ता नियंत्रण की कमी पाई गई, जिससे सुरक्षा संबंधित चिंताएं पैदा हुई थी।
3. नियामक जांच: सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के कारण, बोइंग को नियामक एजेंसियों की जांच का सामना करना पड़ा था। जिन्होंने विमान की सुरक्षा और गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे
4. वित्तीय प्रभाव: इन विवादों के कारण बोइंग को वित्तीय नुकसान हुआ और कंपनी की प्रतिष्ठा भी प्रभावित हुई।
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एअर इंडिया का दुर्घटना में शामिल विमान AI171 एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था। इसका पंजीकरण संख्या VT-ANB और सीरियल नंबर 36279 था। विमान ने पहली बार 14 दिसंबर 2013 को उड़ान भरी थी। इसे बोइंग की ओर से जनवरी 2014 में एयर इंडिया को सौंपा गया था। फ्लाइट एआई 171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, एक वाइडबॉडी, दो इंजन वाला विमान है। एविएशन सेफ्टी नेटवर्क डेटाबेस के अनुसार, यह बोइंग 787 विमान की पहली दुर्घटना थी।
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हादसे के बाद विमान निर्माता बोइंग को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। बोइंग के इस मॉडल के विमान के पुर्जों में गुणवत्ता नियंत्रण की कमी पाई गई थी। जिससे सुरक्षा संबंधित चिंताएं पैदा हुई थी। जबकि विमान की सुरक्षा और गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो गए थे। इसके अलावा विमान की इंजन निर्माता कंपनी इलेक्ट्रिक जनरल भी सवालों के घेरे में आ गई थी।
विमान हादसे की जांच कर रहे विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने शनिवार को जारी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बोइंग 787-8 विमानों के संचालकों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई न करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रारंभिक चरण में विमान कंपनी बोइंग और इंजन निर्माता इलेक्ट्रिक जनरल की खामी सामने नहीं आई है। हादसे की जांच जारी है।
वहीं बोइंग ने कहा कि वह जांच और एयर इंडिया का समर्थन जारी रखेगा। बोइंग ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन प्रोटोकॉल के अनुपालन में AI171 के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए AAIB को बाध्य करेंगे।
विवादों में रहा है बोइंग, जानें
1. उत्पादन प्रक्रिया में समस्याएं: बोइंग को 787 ड्रीमलाइनर के उत्पादन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिनमें से एक प्रमुख मुद्दा इसकी सप्लाई चेन और उत्पादन प्रक्रिया में देरी थी
2. गुणवत्ता नियंत्रण में कमी: बोइंग के इस मॉडल के विमान के पुर्जों में गुणवत्ता नियंत्रण की कमी पाई गई, जिससे सुरक्षा संबंधित चिंताएं पैदा हुई थी।
3. नियामक जांच: सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के कारण, बोइंग को नियामक एजेंसियों की जांच का सामना करना पड़ा था। जिन्होंने विमान की सुरक्षा और गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे
4. वित्तीय प्रभाव: इन विवादों के कारण बोइंग को वित्तीय नुकसान हुआ और कंपनी की प्रतिष्ठा भी प्रभावित हुई।