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SR Dialogue: जल्द ही बीजिंग जाएंगे एनएसए अजीत डोभाल, पांच वर्षों के बाद करेंगे चीन की आधिकारिक यात्रा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता महतो
Updated Mon, 16 Dec 2024 07:19 PM IST
सार
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था। उसी साल जून में गलवां घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी, जिससे दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था।
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एनएसए अजित डोभाल
- फोटो : PTI
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विस्तार
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल अगले कुछ सप्ताह में बीजिंग की यात्रा कर सकते हैं। लगभग पांच वर्षों के बाद यह उनकी चीन की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान वे सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता (एसआर डायलॉग) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इससे पहले एसआर डायलॉग दिसंबर 2019 में नई दिल्ली में हुआ था।
वार्ता के इस तरीके को शुरू करने का निर्णय 23 अक्तूबर को कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आयोजित बैठक में लिया गया था। सूत्रों ने बताया कि एनएसए डोभाल की यह यात्रा इस महीने के अंत में या जनवरी की शुरुआत में हो सकती है। हालांकि, इसके आयोजन स्थल पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। गौरतलब है कि देपसांग और देमचोक से सैनिकों के पीछे हटने के बाद दोनों देशों में बातचीत का नया दौर शुरू होने की उम्मीद है। बातचीत के लिए भारत के विशेष प्रतिनिधि एनएसए अजित डोभाल होंगे, वहीं चीनी विदेश मंत्री वांग यी करेंगे। पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के मद्देनजर पिछले पांच वर्षों में कोई एसआर वार्ता नहीं हुई।
मई 2020 में शुरू हुआ था सैन्य गतिरोध
दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था। उसी साल जून में गलवां घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी, जिससे दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था। सैनिकों की वापसी के समझौते को 21 अक्तूबर को अंतिम रूप दिया गया था। समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिन बाद पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत की थी। बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता सहित कई वार्ता तंत्रों को बहाल करने पर सहमति व्यक्त की थी।
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वार्ता के इस तरीके को शुरू करने का निर्णय 23 अक्तूबर को कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आयोजित बैठक में लिया गया था। सूत्रों ने बताया कि एनएसए डोभाल की यह यात्रा इस महीने के अंत में या जनवरी की शुरुआत में हो सकती है। हालांकि, इसके आयोजन स्थल पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। गौरतलब है कि देपसांग और देमचोक से सैनिकों के पीछे हटने के बाद दोनों देशों में बातचीत का नया दौर शुरू होने की उम्मीद है। बातचीत के लिए भारत के विशेष प्रतिनिधि एनएसए अजित डोभाल होंगे, वहीं चीनी विदेश मंत्री वांग यी करेंगे। पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के मद्देनजर पिछले पांच वर्षों में कोई एसआर वार्ता नहीं हुई।
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मई 2020 में शुरू हुआ था सैन्य गतिरोध
दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था। उसी साल जून में गलवां घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी, जिससे दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था। सैनिकों की वापसी के समझौते को 21 अक्तूबर को अंतिम रूप दिया गया था। समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिन बाद पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत की थी। बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता सहित कई वार्ता तंत्रों को बहाल करने पर सहमति व्यक्त की थी।