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Old pension: पुरानी पेंशन पर हाईकोर्ट के फैसले का कितना असर, किन-किन राज्यों में लागू हुई ये योजना?

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Wed, 11 Jan 2023 05:47 PM IST
सार

कोर्ट के इस फैसले के बाद सवाल  है कि फैसले का कितना असर होगा? अब तक किन-किन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू हो चुकी है? क्या और भी राज्यों में इसे फिर से लागू किया जाएगा? आइए समझते हैं...

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Old pension: What is the effect of High Court's decision on old pension,states where scheme was implemented?
पुरानी पेंशन योजना - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों यानी CAPF में पुरानी पेंशन व्यवस्था (Old pension Scheme) लागू करने का आदेश दिया है। श्रीनिवास शर्मा बनाम भारत सरकार केस में अदालत ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को 'भारत संघ के सशस्त्र बल' माना है। कोर्ट ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में एनपीएस को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही है। इन बलों में चाहे कोई आज भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी, पुरानी पेंशन के दायरे में आएंगे।
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कोर्ट के इस फैसले के बाद सवाल है कि फैसले का कितना असर होगा? अब तक किन-किन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू हो चुकी है? क्या और भी राज्यों में इसे फिर से लागू किया जाएगा? आइए समझते हैं...
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पहले जानिए CAPF के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा? 
दरअसल, 2004 के बाद से केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती हुए सभी कर्मियों को पुरानी पेंशन के दायरे से बाहर कर दिया गया था। सभी को न्यू पेंशन स्कीम में शामिल कर दिया गया था। हालांकि, सेना के जवानों को अभी भी पुरानी पेंशन मिल रही है। लेकिन केंद्र सरकार, कई मामलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को सशस्त्र बल मानने को तैयार नहीं थी। पुरानी पेंशन का मुद्दा भी इसी चक्कर में फंसा हुआ था। सीएपीएफ को भी सिविल कर्मचारियों के साथ पुरानी पेंशन से बाहर कर दिया। उस वक्त सरकार का मानना था कि देश में सेना, नेवी और वायु सेना ही सशस्त्र बल हैं।

बीएसएफ एक्ट 1968 में कहा गया है कि इस बल का गठन भारत संघ के सशस्त्र बल के रूप में किया गया था। इसी तरह सीएपीएफ के बाकी बलों का गठन भी भारत संघ के सशस्त्र बलों के रूप में हुआ है। अब कोर्ट ने माना है कि सीएपीएफ भी भारत के सशस्त्र बलों में शामिल हैं। इस लिहाज से उन पर भी न्यू पेंशन स्कीम लागू नहीं होती। सीएपीएफ में कोई व्यक्ति चाहे आज भर्ती हुआ हो, पहले हुआ हो या भविष्य में हो, वह पुरानी पेंशन का पात्र रहेगा।
 

तो इस फैसले का क्या असर होगा? 
इसे समझने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश पांडेय से बात की। उन्होंने कहा, 'अभी दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आया है। ऐसे में संभव है कि केंद्र सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाए। सुप्रीम कोर्ट भी अगर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराता है तो सरकार को इसे मानना होगा। ऐसी परिस्थिति में CAPF यानी सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज में आने वाले सभी कर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल सकता है। CAPF में असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी शामिल हैं। इन सभी को कोर्ट के फैसले का फायदा मिल सकता है।'
 

कई राज्यों में भी पुरानी पेंशन लागू
पुरानी पेंशन योजना इन दिनों राजनीतिक चर्चा का विषय बनी हुई है। हर चुनाव में विपक्ष की तरफ से पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया जाता है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए कांग्रेस ने वादा किया था। अब इस बाबत कांग्रेस की हिमाचल सरकार ने कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। जल्द ही इसका एलान भी हो जाएगा। कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पहले ही पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। झारखंड में भी कांग्रेस गठबंधन की सरकार में शामिल है। यहां भी पुरानी पेंशन को लागू किया जा चुका है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल करने का एलान कर दिया है। अब आने वाले समय में अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव और फिर 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भी पुरानी पेंशन का मुद्दा काफी चर्चा में रहने वाला है।
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