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'नेहरू सरकारी पैसों से बनवाना चाहते थे बाबरी मस्जिद': राजनाथ के दावे पर विपक्ष बोला- कहां लिखा, दस्तावेज दिखाओ
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 03 Dec 2025 03:43 PM IST
सार
देश के तमाम विपक्षी सांसदों की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान की कड़ी आलोचना की गई है। दरअसल, राजनाथ सिंह ने कहा था कि पूर्व पीएम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद को सरकारी पैसों से बनवाना चाहते थे। इस पर विपक्ष ने उनसे सबूत मांगा है।
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राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान को लेकर आज कई विपक्षी पार्टी के नेताओं ने कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद को सरकारी पैसों से बनवाना चाहते थे। विपक्ष का आरोप है कि ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने मंगलवार को गुजरात के वडोदरा के पास 'एकता मार्च' के दौरान कहा था, 'पंडित जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद को सरकारी पैसे से बनवाना चाहते थे, लेकिन अगर किसी ने इसका विरोध किया तो वो सरदार वल्लभभाई पटेल थे।'
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कांग्रेस नेताओं ने साधा निशाना
इस बयान पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'ये सब असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है। रोज नए मुद्दे खड़े किए जाते हैं ताकि जनता की असली समस्याओं पर बात ही न हो।' वहीं मनीष तिवारी ने कहा, 'रक्षा मंत्री को इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने के बजाय देश की रणनीतिक चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए।'
इमरान मसूद ने कहा, 'अगर ऐसा कोई तथ्य है तो उसे दस्तावेज के साथ रखें। सिर्फ बोल देने से कोई मान नहीं लेगा।' उन्होंने कहा कि 'एक ऐतिहासिक दस्तावेज तो ऐसा भी है जिसमें सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की थी, और सब कुछ नेहरू के नेतृत्व में हुआ था।' तारिक अनवर ने कहा. 'भाजपा की सरकार का काम ही पुरानी बातें और विवाद उठाना रह गया है। नेहरू अब नहीं हैं, इसलिए उन पर आरोप लगाना आसान है।'
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अन्य विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रिया
वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि 'रक्षा मंत्री इतने वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें देश की सेना और सैनिकों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।' टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा, 'या तो राजनाथ सिंह सबूत पेश करें या माफी मांगकर इस्तीफा दें। इस तरह के बयान शोभा नहीं देते।' शरद पवार गुट की सांसद फौजिया खान ने इस पर कहा कि, 'मस्जिद के लिए पैसा ईमानदारी से जुटना चाहिए, सरकारी पैसे से मस्जिद बनाने की बात ही गलत है।'
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कांग्रेस नेताओं ने साधा निशाना
इस बयान पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'ये सब असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है। रोज नए मुद्दे खड़े किए जाते हैं ताकि जनता की असली समस्याओं पर बात ही न हो।' वहीं मनीष तिवारी ने कहा, 'रक्षा मंत्री को इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने के बजाय देश की रणनीतिक चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए।'
इमरान मसूद ने कहा, 'अगर ऐसा कोई तथ्य है तो उसे दस्तावेज के साथ रखें। सिर्फ बोल देने से कोई मान नहीं लेगा।' उन्होंने कहा कि 'एक ऐतिहासिक दस्तावेज तो ऐसा भी है जिसमें सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की थी, और सब कुछ नेहरू के नेतृत्व में हुआ था।' तारिक अनवर ने कहा. 'भाजपा की सरकार का काम ही पुरानी बातें और विवाद उठाना रह गया है। नेहरू अब नहीं हैं, इसलिए उन पर आरोप लगाना आसान है।'
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अन्य विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रिया
वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि 'रक्षा मंत्री इतने वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें देश की सेना और सैनिकों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।' टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा, 'या तो राजनाथ सिंह सबूत पेश करें या माफी मांगकर इस्तीफा दें। इस तरह के बयान शोभा नहीं देते।' शरद पवार गुट की सांसद फौजिया खान ने इस पर कहा कि, 'मस्जिद के लिए पैसा ईमानदारी से जुटना चाहिए, सरकारी पैसे से मस्जिद बनाने की बात ही गलत है।'