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Food Festival: राजधानी में ठंड, धूप और स्वाद का संगम, सरस फूड फेस्टिवल में ये व्यंजन बना रहे लोगों की पसंद

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: संध्या Updated Wed, 03 Dec 2025 03:56 PM IST
सार

राष्ट्रीय राजधानी के सुन्दर नर्सरी में आयोजित सरस आजीविका फ़ूड फेस्टिवल 2025 में देशभर के 25 राज्यों से स्वयं सहायता समूहों की लगभग तीन सौ लखपति दीदियां हिस्सा ले रही हैं। मेले में खाने के कुल 62 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें से 50 में ताजा भोजन परोसा जा रहा। 

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these dishes are people's favorite at the delhi Saras Food Festival
सरस - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली में इन दिनों ठंड की हल्की सिहरन, धूप की गर्माहट और देसी स्वाद की खुशबू मिलकर एक अनोखा माहौल बना रही है। सरस फूड फेस्टिवल के शुरू होते ही राजधानी के दिल में ऐसा लग रहा है मानो सर्द सुबह भी स्वाद की तपिश से गुलजार हो गई हो गई है। हुमायूं के मकबरे के पास सुंदर नर्सरी में लगा यह फूड फेस्टिवल इस बार सिर्फ खानपान का आयोजन नहीं, बल्कि देसी व्यंजनों, संस्कृति और महिला शक्ति का बड़ा जश्न बनकर सामने आया है। देश भर के अलग-अलग राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, जिनमें कई लखपति दीदी भी शामिल हैं, अपने-अपने प्रदेश के पारंपरिक व्यंजन लेकर दिल्ली पहुंची हैं।
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राजस्थान की महकती दाल-बाटी से लेकर महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर के मसालेदार के खास पकवानों की सुगंध चारो ओर फैली हुई है। हर स्टॉल पर भीड़ देखकर साफ लगता है कि लोगों ने ठंड में धूप का मज़ा लेते हुए स्वाद का पूरा सफर तय करने का मन बना लिया है। फेस्टिवल में इस बार एक बड़ा बदलाव भी किया गया है। इनमें सारा लेन-देन सिर्फ ई-पेमेंट से ही होगा। स्कैन करो, भुगतान करो और स्वाद लेकर आगे बढ़ो। 
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ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक, इस बार सरस फूड फेस्टिवल के व्यंजनों में मुख्य रूप से हिमाचली सीडडू, उत्तराखंड का तंदूर चाय, जम्मू कश्मीर का मशहूर कलारी कुल्चे, हैदराबादी दम बिरयानी, नॉर्थ ईस्टर्न मोमो, बंगाली फ्राइड मछली समेत राजस्थान की केर सांगरी, गट्टे की सब्जी, बाजरे की रोटी, बंगाल की हिलसा, फिश करी, तेलंगाना का चिकन, केरल की मालाबार बिरयानी, बिहार का लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग और मक्के की रोटी सहित अन्य राज्यों के बेहतरीन स्वादिष्ट पकवान उपलब्ध हैं।

अमर उजाला डिजिटल से चर्चा में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान के सीएम कटारिया कहते हैं, "सरस फूड फेस्टिवल महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है। ये फेस्टिवल  सन 1999 से आयोजित किया जा रहा है। हर साल ये दिल्ली में छह अलग-अलग स्थानों पर आयोजित होता है। इसका उद्देश्य न केवल देश की खाद्य संस्कृति से लोगों को परिचित कराना है, बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को प्रेरित करना भी है। सरस फेस्टिवल के माध्यम से लोग विभिन्न राज्यों के सामाजिक ताने-बाने के बारे में भी जान सकेंगे।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित देशभर के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने न केवल ग्रामीण उत्पाद बनाने में कुशलता हासिल की है, बल्कि विभिन्न राज्यों के परंपरागत पकवान बनाने में भी उन्हें महारथ हासिल है। सरस फूड फेस्टिवल में 62 स्टॉलों पर 25 राज्यों की 300 से ज्यादा लखपति दीदियों सहित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भाग ले रही हैं। यह 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक चलने वाला सरस फूड फेस्टिवल सुबह 11.30 से रात 9.30 तक खुल रहा है। 
 
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