Interview: भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हो संसद में बहस, हंगामे से नहीं होगा फायदा- दिनेश शर्मा
संसद के शीतकालीन सत्र के बीच हंगामा जारी है। विपक्ष सरकार को एसआईआर से लेकर वंदे मातरम के मुद्दे पर घेर रहा है। सदन में हो रहे हंगामे पर भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने अमर उजाला से बात की। पढ़िए उनसे हुई बातचीत के खास अंश...
विस्तार
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले तीन दिन हंगामेदार रहे। सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच एसआईआर सहित कई मुद्दों पर टकराव हुआ। अब वंदे मातरम और चुनाव सुधारों पर चर्चा पर सहमति बन गई है। इस बीच हमारे संवाददाता ने भाजपा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। प्रस्तुत है वार्ता के प्रमुख अंश-
प्रश्न- पहले तीन दिन के हंगामे के बाद सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच एसआईआर पर कुछ सहमति बनती दिख रही है, लेकिन अब श्रम कानूनों और संचार साथी के मुद्दे पर टकराव होता दिख रहा है। संसद कैसे चलेगी?
उत्तर- देखिए, संसद हमारे लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था है। इसके माध्यम से पूरे देश की जनता की आवाज सुनी जाती है। लेकिन ऐसी जगह पर यदि केवल हंगामा किया जाएगा तो यह देश के लिए ठीक नहीं है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले दिन ही कहा कि यहां देश के विकास के लिए चर्चा होनी चाहिए। केवल ड्रामेबाजी करने से न देश का भला होगा, न विपक्षी दलों का। हमारा मानना है कि लोकतंत्र की इस सर्वोच्च संस्था में देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नीतियों पर बात होनी चाहिए। देश की जनता यह देख रही है। यदि विपक्ष केवल हंगामा करने को ही अपनी जिम्मेदारी समझेगा तो मुझे लगता है कि इससे उसे जनता का प्यार और समर्थन नहीं मिलेगा।
प्रश्न- एसआईआर पर चर्चा पर सहमति बन चुकी है। अब हंगामा क्यों?
उत्तर- हम चाहते हैं कि चर्चा हो, विपक्ष जिन-जिन मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है, सब पर खूब खुलकर चर्चा हो। लेकिन पूरा देश यह देख रहा है कि कुछ लोग ऐसे हैं जो चर्चा नहीं, हंगामा करना चाहते हैं। उनके लिए सहमति का कोई अर्थ नहीं है। एसआईआर अब डिजिटलाइज हो चुका है। ज्यादातर काम डिजिटल माध्यम से किया जा रहा है। 12 राज्यों में एसआईआर सफलतापूर्वक चल रहा है। बिहार में इसकी सफलता दिख चुकी है। समय कम होने की बात कही जा रही थी। चुनाव आयोग ने एक सप्ताह का समय भी बढ़ा दिया है। ऐसे में अब विरोध का कारण क्या है? दरअसल, विपक्ष ने बिहार की हार देख लिया है। अब पश्चिम बंगाल से ममता दीदी का सफाया होना तय हो चुका है। तमिलनाडु में भी बदलाव होना तय है। विपक्ष अपनी हार को पचा नहीं पा रहा है। केवल हंगामा कर वह अपनी हार की खीझ को मिटा रहा है।
प्रश्न- यूपी में अखिलेश यादव भी इसका विरोध कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि एसआईआर से बीएलओ की मौतें हो रही हैं। उनका आरोप है कि एसआईआर से लोगों के वोट काटे जा रहे हैं। क्या कहेंगे?
उत्तर- बिहार में भी विपक्ष ने यही आरोप लगाया था कि लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे जा रहे हैं। लेकिन आपने देखा कि पूरे बिहार से एक भी मतदाता ने सामने आकर यह शिकायत नहीं की कि उसका नाम गलत तरीके से काटा गया है। अब वही डर यूपी में लोगों को दिखाने की कोशिश की जा रही है। सच्चाई यह है कि बिहार का चुनाव परिणाम देख अखिलेश यादव डर गए हैं। वे जान गए हैं कि यूपी में उनका क्या हाल होने वाला है। यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी इतिहास में सबसे कम सीटों की संख्या पर जाकर टिकेगी।
प्रश्न- आपके इस आत्मविश्वास का कारण क्या है? क्या आपको सत्ता में वापसी का पूरा भरोसा है?
उत्तर- बिल्कुल, शत-प्रतिशत। जनता देख रही है कि पूरे देश के साथ-साथ अब यूपी में किस तरह का विकास हो रहा है। यूपी में हर तरफ रेलवे ट्रैक बिछाया जा रहा है, लगातार एक के बाद दूसरे शहर को मेट्रो देने का रास्ता साफ हो रहा है, पूरे प्रदेश में हाईवे और अन्य दूसरी सड़कों का जाल बिछ गया है। इस विकासवादी सोच और अपने कार्यों के बल पर हमें भरोसा है कि जनता हमें फिर से सेवा करने का अवसर देगी।
प्रश्न- उत्तर प्रदेश में आपने धार्मिक पर्यटन को अपने विकास का एजेंडा बना लिया है। विपक्ष इसे हिंदुओं का तुष्टीकरण बता रहा है। क्या कहेंगे?
उत्तर- पूरी दुनिया में पर्यटन को रोजगार बढ़ाने का सबसे कारगर तरीका माना जाता है। अनेक देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी है। यूपी में काशी, अयोध्या, चित्रकूट, सारनाथ के विकास की योजनाएं बनाईं गईं। मथुरा-वृंदावन के विकास की भी योजना चल रही है। पहले अयोध्या घूमने के लिए कुछ लाख पर्यटक हर साल आते थे, लेकिन आप जानकर आश्चर्यचकित होंगे कि इस वर्ष 22 करोड़ से अधिक पर्यटक अयोध्या पहुंच चुके हैं।
पहले की सरकारों ने केवल ताजमहल तक यूपी को समेट कर रख दिया था। इससे जो पर्यटक ताजमहल देखता था, बाद में मध्य प्रदेश या महाराष्ट्र चला जाता था। लेकिन अब जब कोई विदेशी पर्यटक या दक्षिण भारत का पर्यटक काशी की धार्मिक यात्रा करता है, वह सारनाथ भी जाता है, वह अयोध्या भी जाता है। इस तरह की अनेक प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन की जगहें हैं जहां पर्यटक जा रहे हैं। और इसका लाभ किसे मिल रहा है? इससे बिना किसी भेदभाव के पूरे प्रदेश की हर जाति, हर धर्म, हर संप्रदाय के लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। यही हमारा विकास का मूलमंत्र है और इसी के दम पर आगे बढ़ते हुए हम सबके कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं।
प्रश्न- जेवर एयरपोर्ट के शुरू होने से यूपी को कितना लाभ मिलने की उम्मीद है?
उत्तर- हमने केवल धार्मिक पर्यटन केंद्रों का ही विकास नहीं किया है। नोएडा में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के काम करने के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। इससे यूपी में निवेश तेजी से बढ़ा है। जेवर एयरपोर्ट जल्द ही शुरू होने जा रहा है। इस एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद पश्चिमी यूपी के साथ-साथ पूरे प्रदेश के विकास को बड़ी गति मिलेगी। अनुमान है कि पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था का लगभग एक चौथाई केवल इसी एयरपोर्ट से आएगा।
प्रश्न- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। इससे भारत को और उत्तर प्रदेश को कितना लाभ मिलने वाला है?
उत्तर- राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा से परंपरागत दोस्त से हमारी दोस्ती और अधिक मजबूत होगी। एस-400, एस-500 और लड़ाकू विमानों के बारे में समझौता होने से हमारा देश और अधिक सशक्त बनकर उभरेगा। यह हमारा सौभाग्य है कि इस समय देश के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री का संबंध यूपी से है। हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रदेश में निवेश को बढ़ावा दे रहे हैं। इस समय रक्षा उत्पादों के मामले में अमेठी प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। आने वाले समय में यूपी भी रक्षा उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनकर उभर सकता है।