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Karnataka: पुलिस हिरासत में कथित यातना के बाद दलित युवक की मौत, चार पुलिसकर्मी निलंबित; CID को सौंपी गई जांच
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 03 Dec 2025 05:32 PM IST
सार
कर्नाटक में एक दलित युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में चार पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में हत्या, अवैध हिरासत और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। वही इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई है।
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सीमांत कुमार सिंह, पुलिस आयुक्त, बंगलूरू
- फोटो : X @BlrCityPolice
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विस्तार
कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू से एक चिंताजनक मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस हिरासत के बाद एक दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मामले में गैर-जिम्मेदारी और अत्याचार के आरोप लगने के बाद चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जांच अब सीआईडी को सौंप दी गई है। मृतक युवक की पहचान बंगलूरू के विवेकनगर निवासी 22 वर्षीय दर्शन पी. जी. के रूप में हुई है। उसकी मौत 26 नवंबर को शहर के बाहर स्थित एक निजी पुनर्वास केंद्र में हुई। परिवार का आरोप है कि मौत से पहले पुलिस ने उसकी पिटाई की और उचित चिकित्सा नहीं दी।
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नशे में हंगामा और झगड़ा करने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
मृत युवक की मां के अनुसार, 12 नवंबर को दर्शन को नशे में हंगामा करने और पड़ोसियों से झगड़ा करने के आरोप में पुलिस ने पकड़ा था। जेल भेजने के बजाय, मां के कहने पर उसे 16 नवंबर को पुनर्वास केंद्र भेजा गया। परिवार का आरोप है कि इस प्रक्रिया के दौरान पुलिस ने ₹7500 भी लिए।
युवक की मां ने पुलिस पर लगाए कई आरोप
मां का कहना है कि उसे अपने बेटे से न मिलने दिया गया और हर बार यह कहकर आश्वस्त किया जाता रहा कि वह ठीक है। लेकिन 26 नवंबर को अचानक बताया गया कि उसकी सांस लेने में समस्या हुई और उसकी मौत हो गई। मां ने दावा किया कि दर्शन के शरीर पर चोटों के स्पष्ट निशान थे, जिसके कारण उन्होंने पुलिस हिरासत में पिटाई की आशंका जताई।
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मां की शिकायत के आधार पर केस दर्ज
इस शिकायत के आधार पर मदनायकनहल्ली थाने में हत्या, अवैध हिरासत और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी चार पुलिसकर्मियों और पुनर्वास केंद्र के मालिक पर मामला चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा है कि यह जांच पूरी गंभीरता के साथ की जाएगी और दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
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नशे में हंगामा और झगड़ा करने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
मृत युवक की मां के अनुसार, 12 नवंबर को दर्शन को नशे में हंगामा करने और पड़ोसियों से झगड़ा करने के आरोप में पुलिस ने पकड़ा था। जेल भेजने के बजाय, मां के कहने पर उसे 16 नवंबर को पुनर्वास केंद्र भेजा गया। परिवार का आरोप है कि इस प्रक्रिया के दौरान पुलिस ने ₹7500 भी लिए।
युवक की मां ने पुलिस पर लगाए कई आरोप
मां का कहना है कि उसे अपने बेटे से न मिलने दिया गया और हर बार यह कहकर आश्वस्त किया जाता रहा कि वह ठीक है। लेकिन 26 नवंबर को अचानक बताया गया कि उसकी सांस लेने में समस्या हुई और उसकी मौत हो गई। मां ने दावा किया कि दर्शन के शरीर पर चोटों के स्पष्ट निशान थे, जिसके कारण उन्होंने पुलिस हिरासत में पिटाई की आशंका जताई।
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मां की शिकायत के आधार पर केस दर्ज
इस शिकायत के आधार पर मदनायकनहल्ली थाने में हत्या, अवैध हिरासत और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी चार पुलिसकर्मियों और पुनर्वास केंद्र के मालिक पर मामला चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा है कि यह जांच पूरी गंभीरता के साथ की जाएगी और दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।