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PM Internship Scheme: रिलायंस-टाटा और HDFC-ICICI बैंक में करनी है इंटर्नशिप! इन शर्तों के साथ होगा रजिस्ट्रेशन
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सार
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PM Internship Scheme
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Amar Ujala
विस्तार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट में युवाओं के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है। इनमें से एक बड़ी स्कीम है- युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है। सरकार ने अब पीएम इंटर्नशिप योजना पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आने वाले दिनों में कॉर्पोरेट मंत्रालय उन टॉप 500 कंपनियों की लिस्ट जारी करेगा जो केंद्र सरकार की पीएम इंटर्नशिप योजना में भाग लेने के लिए पात्रता रखती है। इन कंपनी का चयन पिछले तीन सालों के दौरान उनके औसत वार्षिक कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) खर्च के आधार पर किया जाएगा।
ऐसी कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख है। वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2021-22 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज सीएसआर मद में सबसे अधिक खर्च करने वाली कंपनी रही है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा आईसीआईसीआई बैंक और टाटा स्टील भी देश में सबसे अधिक सीएसआर खर्च करने वाली कंपनियों शामिल है।
कॉर्पोरेट मंत्रालय इस महीने के अंत या अक्तूबर के पहले सप्ताह तक इंटर्नशिप योजना पोर्टल चालू कर देगा। इस पर कंपनियां अपने पास उपलब्ध इंटर्नशिप की जानकारी साझा करेगी। इसी पोर्टल के तहत इंटर्नशिप योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इस योजना से जुड़े अफसरों का कहना है कि,इस योजना को अंतिम रूप देने का काम जोरों पर है। सरकार तमाम कंपनियों से संपर्क कर रही है।
इस स्कीम के तहत प्राइवेट कंपनियों की इंटर्नशिप के उम्मीदवारों तक सीधी पहुंच नहीं होगी। इस स्कीम में उम्मीदवार पहले इंटर्नशिप के लिए अपना आवेदन करेंगे। इसके बाद मंत्रालय की समिति प्राप्त आवेदनों का चयन करेगी। फिर ये संबंधित कंपनियों को भेजे जाएगे। समिति द्वारा एक पद के लिए दो उम्मीदवारों नाम प्रस्तावित किए जाएंगे। इसके बाद कंपनियां अपनी जरूरत के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करेगी। वहीं कंपनी आवेदन को अस्वीकार भी कर सकती हैं।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार का टारगेट है कि इंटर्नशिप योजना के जरिये अगले 5 साल में देश की शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रदान करना है। इसके तहत युवाओं को 12 महीने तक वास्तविक कारोबारी माहौल और विभिन्न पेशेवर और रोजगार के अवसरों से परिचित कराया जाएगा। केंद्र सरकार इस योजना के तहत 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता और 5,000 रुपये प्रति महीने इंटर्नशिप भत्ता भी देगी। जबकि सरकार कंपनियों से अपेक्षा करेगी कि वे 10 फीसदी प्रशिक्षण एवं इंटर्नशिप लागत का वहन अपने सीएसआर कोष से करें। हालांकि यह योजना कंपनियों के लिए स्वैच्छिक है। इसलिए कंपनियां स्वैच्छिक आधार पर इसे अपना सकती हैं।
ऐसे मिलेगी युवाओं को इंटर्नशिप
सरकार द्वारा लागू किए गए इस इंटर्नशिप प्रोग्राम का फायदा वही युवा उठा पाएंगे, जिन्होंने फुल टाइम कोर्स किया हो। कंपनियों के हिसाब से युवाओं की प्रोफाइल तैयार की जाएगी। इसके अलावा युवाओं को योग्यताओं के हिसाब से इंटर्नशिप मिलेगी। जिन छात्रों ने आईआईटी,आईआईएम और आईआईएसईआर से पढ़ाई की है, उन छात्रों को इस इंटर्नशिप योजना का लाभ नहीं मिलेगी। जिन छात्रों ने सीए और सीएमए की डिग्री ली है और जिन छात्रों के परिवार में कोई सरकारी नौकरी करता है या परिवार में कोई इनकम टैक्स देता है, उन छात्रों को भी इस इंटर्नशिप योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साथ में केवल 21 से 24 साल के बाच के युवा ही इंटर्नशिप पा सकते हैं। हालांकि इंटर्नशिप पाने के लिए कैसे आवेदन करना है, इस बारे में सरकार की तरफ से कोई अपडेट नहीं आया है।