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PM Modi Birthday: खुद को मिले तोहफों को जन्मदिन पर नीलाम क्यों कर देते हैं पीएम मोदी, कब शुरू की परंपरा?
स्पेशल डेस्क, अमर उजाला
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 17 Sep 2025 06:38 AM IST
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सार
पीएम मोदी ने खुद को मिले तोहफों को नीलाम करने की परंपरा कबसे शुरू की है? उन्हें अब तक क्या-क्या तोहफे मिल चुके हैं? इसके अलावा इन गिफ्ट्स को नीलाम कर के साल दर साल कितनी राशि जुटाई जा चुकी है? इस राशि का क्या किया जाता है? आइये जानते हैं...

प्रधानमंत्री को मिले तोहफों की 2019 से हो रही नीलामी।
- फोटो : ANI
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विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (17 सितंबर) अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। देशभर में भाजपा नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं ने उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में कई आयोजनों का एलान किया है। यहां तक कि खुद पीएम इस दिन मध्य प्रदेश में कई योजनाओं की शुरुआत करने वाले हैं।
पीएम मोदी के जन्मदिन की एक जो खास बात है, वह है उन्हें मिलने वाले तोहफे, जो कि देश-विदेश से उनके प्रशंसक भेजते हैं और कुछ समय बाद ही उन्हें नीलामी के लिए बढ़ा दिया जाता है। बीते कुछ साल के तोहफों पर ही नजर डाली जाए तो इनमें पीएम मोदी को मिलने वाली पेंटिंग्स से लेकर उन्हें मिली अयोध्या राम मंदिर की प्रतिकृति भी शामिल है। इन सभी चीजों को अलग-अलग वर्षों में नीलाम किया गया है।

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पीएम मोदी के जन्मदिन की एक जो खास बात है, वह है उन्हें मिलने वाले तोहफे, जो कि देश-विदेश से उनके प्रशंसक भेजते हैं और कुछ समय बाद ही उन्हें नीलामी के लिए बढ़ा दिया जाता है। बीते कुछ साल के तोहफों पर ही नजर डाली जाए तो इनमें पीएम मोदी को मिलने वाली पेंटिंग्स से लेकर उन्हें मिली अयोध्या राम मंदिर की प्रतिकृति भी शामिल है। इन सभी चीजों को अलग-अलग वर्षों में नीलाम किया गया है।
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ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर पीएम मोदी ने खुद को मिले तोहफों को नीलाम करने की परंपरा कबसे शुरू की है? उन्हें अब तक क्या-क्या तोहफे मिल चुके हैं? इसके अलावा इन गिफ्ट्स को नीलाम कर के साल दर साल कितनी राशि जुटाई जा चुकी है? इस राशि का क्या किया जाता है? आइये जानते हैं...

अब तक के कितने तोहफों की नीलामी हुई, किन-किन चीजों पर लगी बोली?
2019 में पीएम मोदी को मिले तोहफों की नीलामी शुरू होने के बाद से ही हजारों गिफ्ट्स पर बोलियां लग चुकी हैं। आइये जानते हैं साल दर साल इससे सरकार की कितनी कमाई हुई...
2019
प्रधानमंत्री को प्राप्त उपहारों की नीलामी का पहला सिलसिला जनवरी में शुरू हुआ था। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में दो दिवसीय नीलामी और वेबसाइट pmmementos.gov.in के माध्यम से ई-नीलामी आयोजित की गई थी। 15 दिन तक चली नीलामी में 1800 स्मृति चिन्हों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई थी।
Modi@75: पीएम मोदी आज मध्य प्रदेश में मनाएंगे 75वां जन्मदिन, देश के पहले PM मित्र पार्क समेत देंगे कई सौगातें
वहीं, नीलामी का दूसरा संस्करण इसी साल नई दिल्ली के राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी में 14 सितंबर से 3 अक्टूबर, 2019 तक आयोजित किया गया। उपहारों में 576 शॉल, 964 अंग वस्त्रम, 88 पगड़ियां और विभिन्न जैकेट शामिल थे। इस नीलामी का प्रमुख आकर्षण हाथ से बनाई गई लकड़ी की बाइक थी, जो पांच लाख रुपये में नीलाम हुई। इसी तरह की बोली एक विशिष्ट पेंटिंग के लिए लगाई गई, जिसमें रेलवे प्लेटफार्म पर प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया था।
2019 में पीएम मोदी को मिले तोहफों की नीलामी शुरू होने के बाद से ही हजारों गिफ्ट्स पर बोलियां लग चुकी हैं। आइये जानते हैं साल दर साल इससे सरकार की कितनी कमाई हुई...
2019
प्रधानमंत्री को प्राप्त उपहारों की नीलामी का पहला सिलसिला जनवरी में शुरू हुआ था। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में दो दिवसीय नीलामी और वेबसाइट pmmementos.gov.in के माध्यम से ई-नीलामी आयोजित की गई थी। 15 दिन तक चली नीलामी में 1800 स्मृति चिन्हों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई थी।
Modi@75: पीएम मोदी आज मध्य प्रदेश में मनाएंगे 75वां जन्मदिन, देश के पहले PM मित्र पार्क समेत देंगे कई सौगातें
वहीं, नीलामी का दूसरा संस्करण इसी साल नई दिल्ली के राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी में 14 सितंबर से 3 अक्टूबर, 2019 तक आयोजित किया गया। उपहारों में 576 शॉल, 964 अंग वस्त्रम, 88 पगड़ियां और विभिन्न जैकेट शामिल थे। इस नीलामी का प्रमुख आकर्षण हाथ से बनाई गई लकड़ी की बाइक थी, जो पांच लाख रुपये में नीलाम हुई। इसी तरह की बोली एक विशिष्ट पेंटिंग के लिए लगाई गई, जिसमें रेलवे प्लेटफार्म पर प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया था।

हालांकि, 2020 में कोरोनावायरस महामारी के चलते प्रधानमंत्री के तोहफों की नीलामी नहीं हुई थी।
2021
17 सितंबर से सात अक्तूबर, 2021 तक चली पीएम मोदी के तोहफों की नीलामी में 1348 यादगार वस्तुओं को रखा गया था। यह नीलामी पूरी तरह से ऑनलाइन हुई थी। इस दौर की ई-नीलामी में टोक्यो 2020 पैरालिम्पिक खेलों और टोक्यो 2020 ओलम्पिक खेलों से संबंधित चीजों को रखा गया था, अयोध्या राम मंदिर वाराणसी रुद्राक्ष प्रेक्षागृह के मॉडल और ऐसी ही कई वस्तुओं के लिये 8600 से अधिक बोलियां प्राप्त हुई थीं।
इस नीलामी में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिकृति, चरखा और घंटी पर उनकी बुनियादी कीमत की तुलना में सबसे ऊंची बोली लगाई गई। सरदार पटेल की प्रतिमा के लिये सबसे अधिक 140 बोलियां लगीं। इसी तरह लकड़ी से बने गणपति (117 बोलियां), पुणे मेट्रो लाइन की यादगार (104 बोलियां) और विजय ज्योति की यादगार (98 बोलियां) पर बोलियां लगाई गईं। सबसे ऊंची बोली नीरज चोपड़ा के भाले पर लगी, जिसे डेढ़ करोड़ रुपये मिले। इसी तरह भवानी देवी की स्व-हस्ताक्षरित तलवार (1.25 करोड़ रुपये), सुमित अंतिल के भाले (1.002 करोड़ रुपये), टोक्यो 2020 पैरालिम्पिक में भारतीय दल के खिलाड़ियों के स्व-हस्ताक्षरित अंगवस्त्र (एक करोड़ रुपये) और लवलीन बोर्गोहेन के मुक्केबाजी वाले दस्तानों (91 लाख रुपये) पर बोलियां लगाई गईं।
17 सितंबर से सात अक्तूबर, 2021 तक चली पीएम मोदी के तोहफों की नीलामी में 1348 यादगार वस्तुओं को रखा गया था। यह नीलामी पूरी तरह से ऑनलाइन हुई थी। इस दौर की ई-नीलामी में टोक्यो 2020 पैरालिम्पिक खेलों और टोक्यो 2020 ओलम्पिक खेलों से संबंधित चीजों को रखा गया था, अयोध्या राम मंदिर वाराणसी रुद्राक्ष प्रेक्षागृह के मॉडल और ऐसी ही कई वस्तुओं के लिये 8600 से अधिक बोलियां प्राप्त हुई थीं।
इस नीलामी में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिकृति, चरखा और घंटी पर उनकी बुनियादी कीमत की तुलना में सबसे ऊंची बोली लगाई गई। सरदार पटेल की प्रतिमा के लिये सबसे अधिक 140 बोलियां लगीं। इसी तरह लकड़ी से बने गणपति (117 बोलियां), पुणे मेट्रो लाइन की यादगार (104 बोलियां) और विजय ज्योति की यादगार (98 बोलियां) पर बोलियां लगाई गईं। सबसे ऊंची बोली नीरज चोपड़ा के भाले पर लगी, जिसे डेढ़ करोड़ रुपये मिले। इसी तरह भवानी देवी की स्व-हस्ताक्षरित तलवार (1.25 करोड़ रुपये), सुमित अंतिल के भाले (1.002 करोड़ रुपये), टोक्यो 2020 पैरालिम्पिक में भारतीय दल के खिलाड़ियों के स्व-हस्ताक्षरित अंगवस्त्र (एक करोड़ रुपये) और लवलीन बोर्गोहेन के मुक्केबाजी वाले दस्तानों (91 लाख रुपये) पर बोलियां लगाई गईं।
2022
चौथी ई-नीलामी में 1200 उपहारों की नीलामी की गई। इनमें अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति से लेकर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर तक की प्रतिकृति की नीलामी हुई। बताया जाता है कि इसमें सबसे ऊंजी बोली 2022 के थॉमस कप चैंपियशिप के स्वर्ण पदक विजेता के. श्रीकांत के रैकेट की लगी थी। यह 51 लाख रुपये में बिका था। इसके साथ ही कई और कीमती चीजों ने भी अच्छी खासी बोली जुटाईं थीं।
2023
2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक चली ई-नीलामी के छठवें संस्करण में 912 वस्तुएं शामिल की गईं। इस ई-नीलामी की उत्कृष्ट कलाकृतियों में मोढेरा सूर्य मंदिर और चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ जैसे वास्तुशिल्प प्रतिकृतियां शामिल हैं।चंबा रूमाल, पट्टचित्र, ढोकरा कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय सामग्रियां स्थायी और गहन सांस्कृतिक सार को दर्शाती हैं। इस नीलामी में सबसे महंगे तोहफे की कीमत 65 लाख रुपये थी। यह बनारस घाट की एक पेंटिंग है।
चौथी ई-नीलामी में 1200 उपहारों की नीलामी की गई। इनमें अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति से लेकर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर तक की प्रतिकृति की नीलामी हुई। बताया जाता है कि इसमें सबसे ऊंजी बोली 2022 के थॉमस कप चैंपियशिप के स्वर्ण पदक विजेता के. श्रीकांत के रैकेट की लगी थी। यह 51 लाख रुपये में बिका था। इसके साथ ही कई और कीमती चीजों ने भी अच्छी खासी बोली जुटाईं थीं।
2023
2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक चली ई-नीलामी के छठवें संस्करण में 912 वस्तुएं शामिल की गईं। इस ई-नीलामी की उत्कृष्ट कलाकृतियों में मोढेरा सूर्य मंदिर और चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ जैसे वास्तुशिल्प प्रतिकृतियां शामिल हैं।चंबा रूमाल, पट्टचित्र, ढोकरा कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय सामग्रियां स्थायी और गहन सांस्कृतिक सार को दर्शाती हैं। इस नीलामी में सबसे महंगे तोहफे की कीमत 65 लाख रुपये थी। यह बनारस घाट की एक पेंटिंग है।
2024
छठी ई-नीलामी में 600 से ज्यादा वस्तुओं को नीलामी के लिए पेश किया गया। इसमें सबसे महंगी वस्तु पैरालंपिक खिलाड़ी द्वारा भेंट की गए जूते भी रखे गए, जिनमें नीलामी साढ़े आठ लाख रुपये रखी गई। इसके साथ सबसे कम कीमत वाले उपहार में एक शॉल है जिसकी कीमत नीलामी 600 रुपये से शुरू होगी। इसके अलावा इस ई-नीलामी में लकड़ी से निर्मित श्री द्वारकाधीश का मंदिर, श्री राम मंदिर, हिन्दू देवी देवताओं की कई मूर्तियां, पिचवई पेंटिंग भी शामिल हैं। इसके साथ भारतीय विभिन्न संस्कृति से संबंधित खादी की शॉल, माता नी पछेड़ी की कला, गोंड आर्ट और मधुबनी कला के उपहार भी शामिल हैं।
इसके अलावा प्रस्तुत वस्तुओं में पारंपरिक कला के विविध रूप, जिनमें जीवंत चित्रकारी, जटिल मूर्तियां, स्वदेशी हस्तशिल्प, मनमोहक लोक और आदिवासी कलाकृतियाँ शामिल हैं। इन खजानों में पारंपरिक अंगवस्त्र, शॉल, टोपी और पारंपरिक तलवारें सहित सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में पारंपरिक रूप से प्रदान की जाने वाली वस्तुएं भी शामिल की गईं।
छठी ई-नीलामी में 600 से ज्यादा वस्तुओं को नीलामी के लिए पेश किया गया। इसमें सबसे महंगी वस्तु पैरालंपिक खिलाड़ी द्वारा भेंट की गए जूते भी रखे गए, जिनमें नीलामी साढ़े आठ लाख रुपये रखी गई। इसके साथ सबसे कम कीमत वाले उपहार में एक शॉल है जिसकी कीमत नीलामी 600 रुपये से शुरू होगी। इसके अलावा इस ई-नीलामी में लकड़ी से निर्मित श्री द्वारकाधीश का मंदिर, श्री राम मंदिर, हिन्दू देवी देवताओं की कई मूर्तियां, पिचवई पेंटिंग भी शामिल हैं। इसके साथ भारतीय विभिन्न संस्कृति से संबंधित खादी की शॉल, माता नी पछेड़ी की कला, गोंड आर्ट और मधुबनी कला के उपहार भी शामिल हैं।
इसके अलावा प्रस्तुत वस्तुओं में पारंपरिक कला के विविध रूप, जिनमें जीवंत चित्रकारी, जटिल मूर्तियां, स्वदेशी हस्तशिल्प, मनमोहक लोक और आदिवासी कलाकृतियाँ शामिल हैं। इन खजानों में पारंपरिक अंगवस्त्र, शॉल, टोपी और पारंपरिक तलवारें सहित सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में पारंपरिक रूप से प्रदान की जाने वाली वस्तुएं भी शामिल की गईं।
2025
इस संस्करण में 1300 से ज्यादा उपहारों की ऑनलाइन नीलामी की जाएगी। नीलाम की जाने वाली वस्तुओं में पेंटिंग, कलाकृतियां, मूर्तियां, देवी-देवताओं की मूर्तियां और कुछ खेल सामग्री शामिल हैं।
पीएम के तोहफों की नीलामी से अब तक कितनी राशि जुटाई जा चुकी है, ये कहां लगाई गई?
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि अब तक हुई पांच ई-नीलामी से 54 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जिसे गंगा के संरक्षण में लगाया जा गया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस ई नालामी में बड़ी संख्या में भाग लें और सामाजिक सरोकार के इस कार्य में भागीदार बने। शेखावत ने कहा कि 17 सितंबर से सेवा पखवाड़ा की शुरुआत की जा रही है, जिसमें कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री के जन्मदिन के मौके पर मन की बात के 100 एपिसोड पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है, जिसे देश भर के प्रख्यात कलाकारों ने सामाजिक सरोकार पर आधारित पेंटिंग बनाई है।
इस संस्करण में 1300 से ज्यादा उपहारों की ऑनलाइन नीलामी की जाएगी। नीलाम की जाने वाली वस्तुओं में पेंटिंग, कलाकृतियां, मूर्तियां, देवी-देवताओं की मूर्तियां और कुछ खेल सामग्री शामिल हैं।
पीएम के तोहफों की नीलामी से अब तक कितनी राशि जुटाई जा चुकी है, ये कहां लगाई गई?
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि अब तक हुई पांच ई-नीलामी से 54 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जिसे गंगा के संरक्षण में लगाया जा गया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस ई नालामी में बड़ी संख्या में भाग लें और सामाजिक सरोकार के इस कार्य में भागीदार बने। शेखावत ने कहा कि 17 सितंबर से सेवा पखवाड़ा की शुरुआत की जा रही है, जिसमें कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री के जन्मदिन के मौके पर मन की बात के 100 एपिसोड पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है, जिसे देश भर के प्रख्यात कलाकारों ने सामाजिक सरोकार पर आधारित पेंटिंग बनाई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भेंट किए गए हजारों अद्वितीय उपहारों की नीलामी की जा चुकी है, जिनसे नमामि गंगे परियोजना को आगे बढ़ाने में मदद की जा रही है। पिछले वर्षों की तरह, ई-नीलामी से प्राप्त सभी आय 'नमामि गंगे परियोजना' में जाएगी, जो गंगा और उसके ईकोसिस्टम के कायाकल्प, संरक्षण और सुरक्षा के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी द्वारा प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद 2014 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया गया था। उन्होंने गंगा नदी के पुनरुद्धार की आवश्यकता को पहचाना और नदी की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए पांच अरब डॉलर से अधिक की प्रतिबद्धता जताई है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी द्वारा प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद 2014 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया गया था। उन्होंने गंगा नदी के पुनरुद्धार की आवश्यकता को पहचाना और नदी की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए पांच अरब डॉलर से अधिक की प्रतिबद्धता जताई है।