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Gujarat: राजकोट गेम जोन अग्निकांड में पुलिस की कार्रवाई, 15 आरोपियों के खिलाफ एक लाख पन्नों का चार्जशीट दाखिल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: पवन पांडेय Updated Wed, 24 Jul 2024 10:23 PM IST
सार

गुजरात के राजकोट में गेम जोन अग्निकांड में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुल 15 आरोपियों के खिलाख एक लाख पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया है। बता दें कि मई महीने में हुए इस अग्निकांड में कुल 27 लोगों की मौत हुई थी।

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Rajkot game zone fire: Police file over 1 lakh-page charge sheet against 15 accused
राजकोट हादसा - फोटो : PTI
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विस्तार
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राजकोट में गेम जोन अग्निकांड में पुलिस ने कुल 365 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराजसिंह गोहिल ने कहा कि इस मामले में टीआरपी गेम जोन के सह-मालिकों और राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के अधिकारियों समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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तीन-चार मिनट में पूरे गेम जोन फैली थी आग
राजकोट न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एपी दवे की अदालत में अपराध शाखा की तरफ से चार्जशीट दायर किया गया। मामले में पुलिस उपायुक्त ने पत्रकारों से कहा, कि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि अत्यधिक ज्वलनशील निर्माण सामग्री जैसे फोम शीट, प्लास्टिक और लकड़ी के कारण आग फैल गई और तीन-चार मिनट के भीतर पूरे ढांचे को अपनी चपेट में ले लिया, साथ ही उस समय वेल्डिंग का काम चल रहा था, जिससे चिंगारी निकल रही थी।
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आरोपियों पर इन धाराओं में दर्ज है केस
उन्होंने कहा कि आरोप पत्र एक लाख से अधिक पन्नों का है और इसमें 365 गवाहों के बयान शामिल हैं। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (हत्या के बराबर न होने वाली गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से चोट पहुंचाना), 338 (किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से उसे गंभीर चोट पहुंचाना) और 114 (अपराध के समय कोई व्यक्ति मौजूद होना) के तहत मामला दर्ज किया गया।

गुजरात HC ने राज्य सरकार लगाई थी फटकार
बता दें कि कुछ दिन पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने राजकोट गेम जोन में आग लगने पर राज्य सरकार को फिर से फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि बड़े ही आश्चर्य की बात है कि लगभग एक साल तक अवैध निर्माण होता रहा लेकिन उसको ध्वस्त करने के आदेश पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। खंडपीठ त्रासदी के एक दिन बाद 26 मई को स्वत संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
 
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