भाजपा लोगों के बीफ खाने के खिलाफ नहीं : राजनाथ सिंह
केरल विधानसभा में केंद्र के बीफ बैन नोटिफिकेशन के खिलाफ गुरुवार को विशेष सत्र बुलाया गया था। उसी दिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान भी सामने आया। 'द हिंदू' अखबार को दिए गए एक इंटरव्यू में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वो या उनकी पार्टी किसी को बीफ खाने से मना नहीं कर रही।
एक सवल के जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा कि हम समझते हैं कि देश में सांस्कृतिक विविधताएं हैं। हम किसी को कुछ खाने से रोक नहीं रहे हैं, न ही हम यह तय कर रहे हैं कि किसे क्या खाना चाहिए। आपको पढ़ना चाहिए कि केरल हाईकोर्ट ने केंद्र के नोटिफिकेशन पर क्या कहा है। यहां लोगों को पसंद का खाना खाने पर कोई रोक नहीं है। केरल हाई कोर्ट के आदेश के बाद नोटिफिकेशन पर शक की कोई गुंजाइश नहीं है।
सिंह ने यह माना कि केंद्र के नोटिफिकेशन के बाद यह धारणा जरूर बनी थी कि नोटिफिकेशन बीफ बैन के लिए है, लेकिन यह मात्र लोगों की गलतफहमी थी। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि लोगों को यह पता चल गया है कि उनकी धारणा गलत थी। हमारी पार्टी किसी को यह नहीं बता रही कि किसे क्या खाना चाहिए या क्या पहना चाहिए। अगर ऐसी धारणा फैलती है तो पर्यावरण मंत्रालय से बातचीत की जाएगी और नोटिफिकेशन में जरूरी बदलाव किया जाएगा।
हम किसी के ऊपर भाषा थोप नहीं रहे
संसद में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के बिंदु पर बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में हिंदी ज्यादातर लोग बोलते हैं। ऐसे में यह एक अच्छी पहल है और मैं इसका समर्थन करता हूं। भारत में ज्यादातर लोग हिंदी समझते हैं, अन्य भाषाएं भी लोकतंत्र के लिए जरूरी है, लेकिन किसी पर हिंदी भाषा जबरदस्ती थोपी नहीं जा रही।
कश्मीर के युवा
जम्मू और कश्मीर पर बात करते हुए राजनाथ ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर मैं किसी से भी बात करने के लिए तैयार हूं। मैं आतंक को बढ़ावा देने वालो से पुछना चाहता हूं कि वह कश्मीरी बच्चों को अपने बच्चों की तरह क्यों नहीं समझते। उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोशी देश कश्मीर के युवाओं को भटका रहा है। इन सबके बावदूज मैं मानता हूं कि हाथ में पत्थर लिए ये बच्चे हमारे बच्चे ही हैं। मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं जो इसके पीछे है कि वे इन बच्चों के भविष्य के बारे में सोचे।