RS: गुलामी के चिन्हों को बदले सरकार...दिनेश शर्मा ने पूछा- दिल्ली-अयोध्या की सड़कें मुगलों के नाम पर क्यों?
भाजपा सांसद और यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने राज्यसभा में केंद्र सरकार को एक लिखित सवाल कर पूछा है कि दिल्ली-अयोध्या की सड़कें मुगलों के नाम पर क्यों रखा गया है? इसके साथ ही उन्होंने इसे गुलामी की निशानी करार दिया है।
विस्तार
भाजपा सांसद और यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सवाल किया है कि दिल्ली की सड़कों के नाम आज भी मुगलों और अंग्रेजों के नाम पर क्यों हैं। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली से लेकर अयोध्या तक सड़कों-बाजारों के नाम मुगल हमलावरों और अंग्रेजों के नाम पर हैं। ये गुलामी की दास्तान हैं। उन्होंने कहा कि औरंगजेब और बाबर जैसे हमलावरों की बजाय देश की सड़कों-बाजारों, इमारतों का नाम अब्दुल कलाम, अशफाक उल्ला खां, भगत सिंह और दूसरे देश भक्तों के नाम पर होना चाहिए जिसे देखकर लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा हो। दिनेश शर्मा ने यह मांग ऐसे समय में उठाई है जब केंद्र सरकार के एक निर्देश पर 12 राज्यों के राज्यपालों ने 'राजनिवास' का नाम बदलकर 'लोक भवन' कर दिया है। यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम बदलकर 'सेवा तीर्थ' कर दिया गया है।
राज्यसभा में शून्य काल में बोलते हुए दिनेश शर्मा ने आरोप लगाया कि देश को गुलामी की मानसिकता में धकेलने के लिए कांग्रेस पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि देश के आजाद होने के बाद सबसे पहला काम गुलामी की निशानियों को हटाने का होना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस ने उन्हीं गुलामी के प्रतीकों को बनाए रखने और उन्हें मजबूत करने का काम किया। उन्होंने कहा कि अब अब समय आ गया है कि हमें गुलामी की मानसिकता के तमाम संकेतों से पीछा छुड़ा लेना चाहिए।
'भारत के अमृत काल का उदय: विदेशी आक्रांताओं का प्रतीक और औपनिवेशिक युग की मानसिकता का जड़ से उन्मूलन” पर विस्तृत चर्चा करते हुए दिनेश शर्मा ने कहा कि आज जब हम विश्व में भारत की बढ़ती ताकत की बात करते हैं तो गुलामी की ये निशानियां हमें मुंह चिढ़ाती हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चाहे जहां से गुजरिये, यहां सड़कों, इमारतों, सार्वजनिक स्थानों के नाम हमलावरों के नाम पर हैं। उन्होंने कहा कि यह सच्चे अर्थों में आजादी नहीं है।
डॉ. शर्मा ने गुलामी की मानसिकता में देश को धकेलने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दिल्ली की सड़कों के नाम हमलावरों के नाम पर रखकर कांग्रेस ने सभी समुदायों के धार्मिक गुरुओं, स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया उसने आक्रमणकारियों और विदेशी आक्रांताओं महत्व दिया और दिल्ली की अधिकांश गलियों, कॉलोनियों, सड़कों, पार्कों या उद्यानों के नाम आक्रमणकारियों के नाम पर रख दिए।
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उन्होंने कहा कि अकबर रोड, शाहजहां रोड, हुमायूं रोड, लोदी रोड, मिंटो रोड और मिंटो ब्रिज, कनॉट प्लेस सर्कल, सफदरजंग रोड जैसे सभी नाम मुगल और अंग्रेजों के काल से जुड़े हैं। अब इन्हें बदलकर भारतीय धर्मगुरुओं, क्रांतिकारियों के नाम पर कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे देश के नागरिकों में स्वाभिमान और देश सेवा की भावना मजबूत होगी।
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