{"_id":"691d7bf1f9b0bae0af0a682b","slug":"rg-kar-case-can-t-pass-blanket-orders-protecting-doctors-involved-in-protests-says-sc-2025-11-19","type":"story","status":"publish","title_hn":"RG Kar Case: 'दिल्ली से कोलकाता के प्रदर्शनों की निगरानी कैसे कर सकते हैं?' जानें SC ने क्यों की ये टिप्पणी","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
RG Kar Case: 'दिल्ली से कोलकाता के प्रदर्शनों की निगरानी कैसे कर सकते हैं?' जानें SC ने क्यों की ये टिप्पणी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 19 Nov 2025 01:42 PM IST
विज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई (फाइल)
विज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद चल रहे विरोध प्रदर्शनों में शामिल डॉक्टरों को 'व्यापक सुरक्षा' देने वाला कोई आदेश जारी नहीं कर सकता। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा कि ऐसा कोई भी आदेश पुलिस के अधिकार क्षेत्र में दखल माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर टुकड़ों में सुनवाई नहीं की जा सकती और वह इसे कलकत्ता हाईकोर्ट को भेजने के पक्ष में है।
बेंच ने मौखिक टिप्पणी की, हम इतने सारे मुद्दों से जूझ रहे हैं और इसका कोई अंत नहीं दिख रहा। कलकत्ता हाईकोर्ट के लिए इन विरोध प्रदर्शनों की निगरानी करना आसान है। क्या हम दिल्ली में बैठकर कोलकाता के विरोध प्रदर्शनों की निगरानी कर सकते हैं? हम डॉक्टरों को सुरक्षा देने के लिए ऐसे व्यापक आदेश कैसे दे सकते हैं? पुलिस को आपको बुलाने का अधिकार है।
ये भी पढ़ें: 'न्यायिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों का उल्लंघन..', SC में ट्रिब्यूनल सुधार कानून के कई प्रावधान खारिज
शीर्ष कोर्ट ने कनिष्ठ और वरिष्ठ डॉक्टरों के संघ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील करुणा नंदी को निर्देश दिया कि वह कलकत्ता हाईकोर्ट में लंबित मामलों की सूची अदालत को सौंपें। सुनवाई के दौरान नंदी ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को पुलिस परेशान कर रही है और उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से डॉक्टरों को सुरक्षा देने के निर्देश की मांग की।
अब मामले की अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी। यह मामला तब सामने आया जब नौ अगस्त 2023 को एक पीजी प्रशिक्षु डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम में मिला। अगले दिन कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया, जो एक स्वयंसेवक था। 20 जनवरी को कोलकाता की एक अदालत ने दोषी रॉय को 'मृत्यु तक आजीवन कारावास' की सजा सुनाई। इस जघन्य अपराध ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया और पश्चिम बंगाल में लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए।
Trending Videos
बेंच ने मौखिक टिप्पणी की, हम इतने सारे मुद्दों से जूझ रहे हैं और इसका कोई अंत नहीं दिख रहा। कलकत्ता हाईकोर्ट के लिए इन विरोध प्रदर्शनों की निगरानी करना आसान है। क्या हम दिल्ली में बैठकर कोलकाता के विरोध प्रदर्शनों की निगरानी कर सकते हैं? हम डॉक्टरों को सुरक्षा देने के लिए ऐसे व्यापक आदेश कैसे दे सकते हैं? पुलिस को आपको बुलाने का अधिकार है।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें: 'न्यायिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों का उल्लंघन..', SC में ट्रिब्यूनल सुधार कानून के कई प्रावधान खारिज
शीर्ष कोर्ट ने कनिष्ठ और वरिष्ठ डॉक्टरों के संघ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील करुणा नंदी को निर्देश दिया कि वह कलकत्ता हाईकोर्ट में लंबित मामलों की सूची अदालत को सौंपें। सुनवाई के दौरान नंदी ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को पुलिस परेशान कर रही है और उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से डॉक्टरों को सुरक्षा देने के निर्देश की मांग की।
अब मामले की अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी। यह मामला तब सामने आया जब नौ अगस्त 2023 को एक पीजी प्रशिक्षु डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम में मिला। अगले दिन कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया, जो एक स्वयंसेवक था। 20 जनवरी को कोलकाता की एक अदालत ने दोषी रॉय को 'मृत्यु तक आजीवन कारावास' की सजा सुनाई। इस जघन्य अपराध ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया और पश्चिम बंगाल में लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन