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Karnataka: सिद्धारमैया ने लिया केंद्र के चीनी की एमएसपी बढ़ाने के फैसले का श्रेय, बोले- मेरी पहल का नतीजा...
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 19 Nov 2025 02:50 PM IST
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डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार ने चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने पर विचार करने का जो फैसला लिया है, उसका श्रेय उन्हें जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात के बाद यह कदम उठाया गया है।
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा था कि केंद्र ने 2025-26 के लिए 15 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र उद्योग की इस मांग को भी देखेगा कि चीनी का एमएसपी बढ़ाया जाए। फरवरी 2019 से चीनी का एमएसपी 31 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि चीनी उद्योग संगठन (आईएसएमए) उत्पादन लागत बढ़ने के चलते इसे 40 रुपये प्रति किलोग्राम करने की मांग कर रहा है।
ये भी पढ़ें: RG Kar Case: 'दिल्ली से कोलकाता के प्रदर्शनों की निगरानी कैसे कर सकते हैं?' जानें SC ने क्यों की ये टिप्पणी
सिद्धारमैया ने कहा, प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि वह एमएसपी को 31 रुपये बढ़ाकर 40 रुपये करने पर विचार करेंगे। मैंने 41 रुपये प्रति किलोग्राम की मांग की थी। मैंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया तो उन्होंने यह कदम उठाया।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि चीनी कारखानों ने उनसे और मुख्यमंत्री से कहा था कि पिछले सात-आठ साल से चीनी की कीमतें नहीं बढ़ी हैं, इसलिए उन्हें बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा, हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया। किसान और मिल दोनों को फायदा होना चाहिए। अगर फैक्ट्रियां रहेंगी तो किसान भी रहेंगे और किसान रहेंगे तो फैक्ट्रियां भी चलेंगी।
शिवकुमार ने कहा कि केंद्र बिजली, ब्याज दरें, गुड़, गन्ने से जुड़े मामलों में फैसला लेता है और कर्नाटक ने इस पर न्याय करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रह्लाद जोशी की घोषणा से खुशी है।
ये भी पढ़ें: 'न्यायिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों का उल्लंघन..', SC में ट्रिब्यूनल सुधार कानून के कई प्रावधान खारिज
सिद्धारमैया ने सोमवार को दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी और राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की थी। उन्होंने एक विस्तृत ज्ञापन भी दिया, जिसमें पुरानी लंबित मांगों को शामिल किया गया था, जिनमें गन्ना किसानों का मुद्दा भी था।मुख्यमंत्री ने कहा था कि चीनी का एमएसपी 31 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है, जिस वजह से मिलें किसानों को सही दाम नहीं दे पा रहीं। उन्होंने पीएम से एमएसपी बढ़ाने, कर्नाटक की डिस्टिलरी के लिए तय इथेनॉल खरीद की गारंटी देने और राज्यों को पारदर्शी व किसान-हितैषी मूल्य तय करने में मदद के लिए केंद्र से अधिसूचना जारी करने की मांग की थी।
कर्नाटक में हाल ही में गन्ना किसानों के बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद यह मुलाकात हुई थी। किसानों और मिल मालिकों से लंबी बातचीत के बाद राज्य सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी किया, जिसमें किसानों के लिए प्रति टन 100 रुपये अतिरिक्त देने का फैसला लिया गया। इसमें आधा पैसा राज्य सरकार और आधा मिलें देंगी। इससे किसानों को गन्ने की गुणवत्ता के आधार पर 3,200–3,300 रुपये प्रति टन का दाम मिल सकेगा।
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सिद्धारमैया ने कहा, प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि वह एमएसपी को 31 रुपये बढ़ाकर 40 रुपये करने पर विचार करेंगे। मैंने 41 रुपये प्रति किलोग्राम की मांग की थी। मैंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया तो उन्होंने यह कदम उठाया।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि चीनी कारखानों ने उनसे और मुख्यमंत्री से कहा था कि पिछले सात-आठ साल से चीनी की कीमतें नहीं बढ़ी हैं, इसलिए उन्हें बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा, हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया। किसान और मिल दोनों को फायदा होना चाहिए। अगर फैक्ट्रियां रहेंगी तो किसान भी रहेंगे और किसान रहेंगे तो फैक्ट्रियां भी चलेंगी।
शिवकुमार ने कहा कि केंद्र बिजली, ब्याज दरें, गुड़, गन्ने से जुड़े मामलों में फैसला लेता है और कर्नाटक ने इस पर न्याय करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रह्लाद जोशी की घोषणा से खुशी है।
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सिद्धारमैया ने सोमवार को दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी और राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की थी। उन्होंने एक विस्तृत ज्ञापन भी दिया, जिसमें पुरानी लंबित मांगों को शामिल किया गया था, जिनमें गन्ना किसानों का मुद्दा भी था।मुख्यमंत्री ने कहा था कि चीनी का एमएसपी 31 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है, जिस वजह से मिलें किसानों को सही दाम नहीं दे पा रहीं। उन्होंने पीएम से एमएसपी बढ़ाने, कर्नाटक की डिस्टिलरी के लिए तय इथेनॉल खरीद की गारंटी देने और राज्यों को पारदर्शी व किसान-हितैषी मूल्य तय करने में मदद के लिए केंद्र से अधिसूचना जारी करने की मांग की थी।
कर्नाटक में हाल ही में गन्ना किसानों के बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद यह मुलाकात हुई थी। किसानों और मिल मालिकों से लंबी बातचीत के बाद राज्य सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी किया, जिसमें किसानों के लिए प्रति टन 100 रुपये अतिरिक्त देने का फैसला लिया गया। इसमें आधा पैसा राज्य सरकार और आधा मिलें देंगी। इससे किसानों को गन्ने की गुणवत्ता के आधार पर 3,200–3,300 रुपये प्रति टन का दाम मिल सकेगा।
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