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आरकेएस भदौरिया बने भारतीय वायुसेना के नए चीफ, बीएस धनोआ ने सौंपा कार्यभार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Priyesh Mishra
Updated Mon, 30 Sep 2019 10:05 AM IST
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कार्यभार ग्रहण करते आरकेएस भदौरिया
- फोटो : ANI
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बीएस धनोआ के सेवानिवृत होने के बाद आज आरकेएस भदौरिया ने वायुसेना के नए चीफ का कार्यभार संभाल लिया है। सेवानिवृत होने से पहले धनोआ दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे। यहां उन्होंने शहीद हुए जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। बीएस धनोआ ने एयर चीफ मार्शल अरुप राहा के सेवानिवृत्त होने के बाद 31 दिसंबर 2016 को पद ग्रहण किया था।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से जब यह पूछा गया कि क्या भविष्य में वायुसेना एक और बालाकोट जैसी स्ट्राइक करने के लिए तैयार है तो उन्होंने कहा कि हम तब भी तैयार थे, हम अगली बार के लिए भी तैयार हैं। हम किसी भी चुनौती, किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे।
भदौरिया ने पाकिस्तान के बालाकोट आतंकी शिविर के फिर से सक्रिय होने पर कहा कि हम रिपोर्टों से अवगत हैं और जब भी आवश्यक होगा, हम आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
भदौरिया ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के भारत को परमाणु युद्ध की चेतावनी देने पर कहा कि यह परमाणु हमलों के बारे में उनकी समझ है। हमारी अपनी समझ है, अपना विश्लेषण है। हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे।
बीएस धनोआ का जन्म झारखंड (पूर्व में बिहार) के देवघर में हुआ था। उनका पुश्तैनी गांव पंजाब में स्थित घारूअन है। धनोआ के पिता आईएएस अधिकारी थे, उन्होंने 1980 के दशक के दौरान पंजाब और बिहार में मुख्य सचिव के रूप में सेवा की और बाद में पंजाब गवर्नर के सलाहकार के रूप में काम किया।
धनोआ ने भारतीय राष्ट्रीय सैन्य महाविद्यालय देहरादून और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे से पढ़ाई की है। उन्होंने 1992 में वेलिंगटन में स्थित रक्षा सेवा स्टॉफ कॉलेज से भी पढ़ाई की है।
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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से जब यह पूछा गया कि क्या भविष्य में वायुसेना एक और बालाकोट जैसी स्ट्राइक करने के लिए तैयार है तो उन्होंने कहा कि हम तब भी तैयार थे, हम अगली बार के लिए भी तैयार हैं। हम किसी भी चुनौती, किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे।
भदौरिया ने पाकिस्तान के बालाकोट आतंकी शिविर के फिर से सक्रिय होने पर कहा कि हम रिपोर्टों से अवगत हैं और जब भी आवश्यक होगा, हम आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
भदौरिया ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के भारत को परमाणु युद्ध की चेतावनी देने पर कहा कि यह परमाणु हमलों के बारे में उनकी समझ है। हमारी अपनी समझ है, अपना विश्लेषण है। हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे।
Delhi: Air Chief Marshal BS Dhanoa demits office of the Chief of Air Staff on superannuation; Air Marshal Rakesh Kumar Singh Bhadauria takes charge as the Chief of the Indian Air Force. pic.twitter.com/VknFnrbPuB
— ANI (@ANI) September 30, 2019
बीएस धनोआ का जन्म झारखंड (पूर्व में बिहार) के देवघर में हुआ था। उनका पुश्तैनी गांव पंजाब में स्थित घारूअन है। धनोआ के पिता आईएएस अधिकारी थे, उन्होंने 1980 के दशक के दौरान पंजाब और बिहार में मुख्य सचिव के रूप में सेवा की और बाद में पंजाब गवर्नर के सलाहकार के रूप में काम किया।
धनोआ ने भारतीय राष्ट्रीय सैन्य महाविद्यालय देहरादून और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे से पढ़ाई की है। उन्होंने 1992 में वेलिंगटन में स्थित रक्षा सेवा स्टॉफ कॉलेज से भी पढ़ाई की है।
कौन हैं नए वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया
IAF Vice Chief Air Marshal RKS Bhadauria
- फोटो : IAF Twitter
राकेश कुमार सिंह भदौरिया 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए गठित निगोशिएशन टीम का हिस्सा भी थे। राकेश कुमार सिंह भदौरिया भारतीय वायुसेना के सबसे बेहतरीन पायलटों में से एक हैं। इन्होंने अब तक राफेल सहित 28 से ज्यादा प्रकार के लड़ाकू और परिवहन विमानों को उड़ाया है।
एयर मार्शल भदौरिया प्रायोगिक टेस्ट पायलट होने के साथ कैट 'ए' कैटेगरी के क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं। इनकी कुशल परिचालन क्षमता के कारण इन्हें साल 2002 में वायु सेना पदक, साल 2013 में अति विशिष्ट सेवा पदक और साल 2018 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
राकेश कुमार सिंह भदौरिया भारतीय वायुसेना के जगुआर स्क्वाड्रन और दक्षिणी पश्चिमी सीमा पर स्थित एक प्रमुख वायुसेना स्टेशन के प्रमुख भी रह चुके हैं। एयर मार्शल भदौरिया विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान में उड़ान परीक्षण स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर भी रह चुके हैं। इसी संस्थान ने भारत के पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस की प्राथमिक उड़ानों को आयोजित किया था।
एयर मार्शल भदौरिया प्रायोगिक टेस्ट पायलट होने के साथ कैट 'ए' कैटेगरी के क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं। इनकी कुशल परिचालन क्षमता के कारण इन्हें साल 2002 में वायु सेना पदक, साल 2013 में अति विशिष्ट सेवा पदक और साल 2018 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
राकेश कुमार सिंह भदौरिया भारतीय वायुसेना के जगुआर स्क्वाड्रन और दक्षिणी पश्चिमी सीमा पर स्थित एक प्रमुख वायुसेना स्टेशन के प्रमुख भी रह चुके हैं। एयर मार्शल भदौरिया विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान में उड़ान परीक्षण स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर भी रह चुके हैं। इसी संस्थान ने भारत के पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस की प्राथमिक उड़ानों को आयोजित किया था।