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EAM Jaishankar: विदेश मंत्री बोले- सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास देश की तैयारियों की चाभी है
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Wed, 08 Feb 2023 02:37 PM IST
सार
विदेश मंत्री ने कहा, '2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार का मुख्य फोकस विकास करना रहा है। 2008 से 14 की अवधि के दौरान चीन सीमा परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट केवल 3000-4000 करोड़ रुपये था, जो अब 14 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ गया है। सड़क और पुल निर्माण पर तेजी से काम हो रहा है।
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S Jaishankar
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
चीन सीमा पर विकास कार्यों को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बड़ा बायान आया है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास देश की तैयारियों की चाभी है। ये सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है। उन्होंने आगे कहा, 'हमने स्पष्ट रणनीतिक कारणों से चीन के साथ उत्तरी सीमाओं के साथ बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने व्यापार, ऊर्जा और अन्य लोगों से लोगों के आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए अपने मित्र पड़ोसियों के साथ तेजी से विकासशील सीमा संपर्क पर ध्यान केंद्रित किया है।'
विदेश मंत्री ने आगे कहा, '2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार का मुख्य फोकस विकास करना रहा है। 2008 से 14 की अवधि के दौरान चीन सीमा परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट केवल 3000-4000 करोड़ रुपये था, जो अब 14 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ गया है। सड़क और पुल निर्माण पर तेजी से काम हो रहा है।
जयशंकर ने आंकड़े भी बताए
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, '2008-14 के बीच निर्मित सड़कें 3610 किलोमीटर थीं जो 2014-22 के बीच 6806 किलोमीटर हो गईं। 2014 से पहले 7.3 किलोमीटर के पुल बनाए गए थे, जो मोदी सरकार में बढ़कर 23.5 किलोमीटर तक पहुंच गया।'
जयशंकर ने कहा, 'हमारी सेना बेहतर तरीके से तैयार हो यह सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश किए बिना कोई काम नहीं कर सकता है।' उन्होंने कहा, 'भारत चीन सीमा को लेकर जब भी बहस होती है तो यही पूछा जाता है कि सीमा पर हमारी तैयारियां क्या हैं? तो ये जानना जरूरी है कि सीमा की सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे का विकास काफी जरूरी है।
विदेश मंत्री ने कहा, हम ऐसी सड़कें बना रहे हैं, जिसका प्रयोग सालभर सेना के जवान कर सकें। कभी भी और किसी भी परिस्थिति में वह सड़क प्रतिबंधित न हो। इसके लिए सरकार हर संभव काम कर रही है।
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विदेश मंत्री ने आगे कहा, '2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार का मुख्य फोकस विकास करना रहा है। 2008 से 14 की अवधि के दौरान चीन सीमा परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट केवल 3000-4000 करोड़ रुपये था, जो अब 14 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ गया है। सड़क और पुल निर्माण पर तेजी से काम हो रहा है।
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जयशंकर ने आंकड़े भी बताए
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, '2008-14 के बीच निर्मित सड़कें 3610 किलोमीटर थीं जो 2014-22 के बीच 6806 किलोमीटर हो गईं। 2014 से पहले 7.3 किलोमीटर के पुल बनाए गए थे, जो मोदी सरकार में बढ़कर 23.5 किलोमीटर तक पहुंच गया।'
जयशंकर ने कहा, 'हमारी सेना बेहतर तरीके से तैयार हो यह सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश किए बिना कोई काम नहीं कर सकता है।' उन्होंने कहा, 'भारत चीन सीमा को लेकर जब भी बहस होती है तो यही पूछा जाता है कि सीमा पर हमारी तैयारियां क्या हैं? तो ये जानना जरूरी है कि सीमा की सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे का विकास काफी जरूरी है।
विदेश मंत्री ने कहा, हम ऐसी सड़कें बना रहे हैं, जिसका प्रयोग सालभर सेना के जवान कर सकें। कभी भी और किसी भी परिस्थिति में वह सड़क प्रतिबंधित न हो। इसके लिए सरकार हर संभव काम कर रही है।