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Sandeep Jain: ब्लॉग लिखने से शुरुआत.. पढ़ाई का शौक एडटेक प्लेटफॉर्म में बदला; 15 साल में 84 करोड़ की कंपनी बनी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: ज्योति भास्कर Updated Mon, 04 Nov 2024 06:06 AM IST
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सार

संदीप जैन ने सफल कॅरिअर को छोड़ औरों के बारे में सोचा और उन्होंने नई शुरुआत करने की ठानी। उन्होंने प्रोफेसर की नौकरी छोड़ ब्लॉग लिखने की शुरुआत की। इसी के साथ संदीप एडटेक की दुनिया का सितारा बन गए। आज इनका संगठन को लगभग 84 करोड़ रुपये का है।

Sandeep Jain Ed Tech Geeksforgeeks over 84 crore company after starting in 2009 know success story
संदीप जैन से जुड़ी कुछ रोचक बातें - फोटो : अमर उजाला
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गीक्सफॉरगीक्स के संस्थापक संदीप जैन ने अपने सफल कॅरिअर को छोड़ दिया। कड़ी मेहनत, दृढ संकल्प और अपनी सफलता में सबको शामिल करने की चाह लिए उन्होंने अपने संगठन को लगभग 84 करोड़ रुपये का एडटेक प्लेटफॉर्म बना दिया...
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वो कहते हैं न ‘होनहार बिरवान के होत चिकने पात’। इसका अर्थ है कि प्रतिभाशाली इन्सान के लक्षण बचपन से दिखाई देने लगते हैं। इसी कहावत को चरितार्थ करते हैं एडटेक प्लेटफॉर्म ‘गीक्सफॉरगीक्स’ के संस्थापक संदीप जैन। संदीप का जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद शहर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। संदीप बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। गणित और विज्ञान में उनकी गहरी रुचि थी। इसी रुचि ने उन्हें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय से बीटेक की डिग्री हासिल करने और उसके बाद आईआईटी रुड़की से एमटेक करने के लिए प्रेरित किया। सामान्य परिवार से गीक्सफॉरगीक्स के संस्थापक बनने तक संदीप जैन की यात्रा शिक्षा के प्रति उनके परिश्रम और जुनून की एक प्रेरणादायक कहानी है।
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बचपन से था पढ़ाने का हुनर
संदीप ने अपनी स्कूली शिक्षा नगर पालिका के स्कूल से की। पढ़ाने का हुनर उनमें बचपन से ही था। जब वह स्कूल में थे, तब अपने बड़े भाई को पढ़ाते थे। समय के साथ, शिक्षण के प्रति उनका प्यार व जुनून और भी गहरा होता गया। फिर बीटेक और एमटेक करने के बाद उन्होंने एक प्रमुख यूएस-बेस्ड सॉफ्टवेयर फर्म डीई शॉ में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में अपना पेशेवर कॅरिअर शुरू किया। यह फर्म दुनिया भर की सबसे प्रतिष्ठित वित्तीय फर्मों में से एक है। इंजीनियरिंग के छात्र इसमें नौकरी करने का ख्वाब देखते हैं, लेकिन इस सपने को हासिल करने के बाद भी संदीप को जीवन में कुछ अधूरापन महसूस हो रहा था। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। हालांकि एक अच्छी नौकरी व बेहतर कॅरिअर को छोड़कर दूसरे क्षेत्र में किस्मत आजमाने का फैसला संदीप के लिए आसान नहीं था। लेकिन सभी तक सुलभ शिक्षा की पहुंच बनाने के उनके जुनून ने उन्हें नए रास्ते तलाशने के लिए प्रेरित किया।

राष्ट्रीय उपलब्धियां व पुरस्कार
संदीप की दूरदर्शिता और समर्पण ने उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाए हैं। उन्हें भारत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित शिक्षाविद पुरस्कार व शीर्ष एडटेक लीडर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

ब्लॉग से की शुरुआत
2010 में, संदीप जेआईआईटी, नोएडा में सहायक प्रोफेसर बन गए और छात्रों को पढ़ाने के साथ उनका मार्गदर्शन करने लगे। पढ़ाते समय, संदीप जैन ने महसूस किया कि लाखों छात्रों और पेशेवरों को विश्वसनीय और उच्च-गुणवत्ता वाले शिक्षण संसाधन खोजने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, खासकर साक्षात्कार की तैयारी और कोडिंग से जुड़ी समस्याओं के लिए। इसी दौरान उन्हें यह भी एहसास हुआ कि संसाधनों की कमी के चलते दुनिया भर में लाखों छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। पठन-पाठन में उनका मन तो रम गया था और आनंद भी आ रहा था, लेकिन उन्हें एक बात अभी भी सता रही थी। वो कहते हैं न आप सही मायने में तभी सफल होते हैं, जब आप दूसरों को सफल बनाने की कवायद करते हैं। इसी सोच के साथ संदीप जैन ने एक साधारण ब्लॉग लिखने के रूप में गीक्सफॉरगीक्स की शुरुआत की। यह ब्लॉग जटिल कंप्यूटर अवधारणाओं की समझ को आसान बनाने से जुड़ा था। उनका लक्ष्य अपने ज्ञान से ज्यादा से ज्यादा छात्रों को प्लेसमेंट दिलाने का था।

84 करोड़ रुपये की कंपनी
संदीप जैन ने ब्लॉग से शुरू कर वर्ष 2009 में एडटेक प्लेटफॉर्म गीक्सफॉरगीक्स की स्थापना की। शुरुआत में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर जल्द ही इस ब्लॉग को व्यापक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म में बदल दिया, जो आज लगभग 84 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है। आज गीक्सफॉरगीक्स एक प्रमुख एडटेक प्लेटफॉर्म है और संदीप इस क्षेत्र की जानी-मानी शख्सियत। इसके दुनिया भर में दो करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। इसने गूगल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी तकनीकी दिग्गज कंपनियों के साथ समझौते किए हैं, ताकि छात्र इन कंपनियों में आसानी से नौकरी पा सकें।

युवाओं को सीख
  • जब आप अपने काम को जीने लगते हैं, तभी आप सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं।
  • अपनी प्रतिभा, कड़ी मेहनत, जूनून और सकारात्मक सोच के दम पर आप मनचाहा मुकाम हासिल कर सकते हैं।
  • विश्वास और धैर्य की बदौलत शून्य से शुरू कर सफलता की नई इबारत लिखी जा सकती है।
  • अपनी सफलता में दूसरों की सफलता को शामिल करना ही सही अर्थों में सफलता है।
  • लक्ष्य निर्धारित करना और उसे हासिल करने के लिए एक स्पष्ट योजना का होना जरूरी है।
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