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हर तीन से चार साल में बदलेंगे नोट, जालसाजी पर कसेगा शिकंजा

amarujala.com- Presented by: अमित कुमार Updated Sun, 02 Apr 2017 04:58 PM IST
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Security features of bank notes will be changed every three to four years, Centre planing
भारतीय मुद्राएं
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केंद्र सरकार बैंक नोटों के ऊपर लगे सिक्योरिटी मार्क को हर तीन से चार साल में बदलने का प्लान बना रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक जालसाजी की जांच के लिए सरकार वैश्विक मानकों के अनुसार 2,000 रुपए और 500 रुपये जैसे बड़े मूल्य वर्ग के नोटों के सिक्योरिटी मार्क (सुरक्षा चिन्ह) बदलने का प्लान बना रही है।

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दरअसल सरकार इसलिए भी यह कदम उठाने जा रही है क्योंकि नोटबंदी के बाद पिछले चार महीनों में नकली भारतीय करेंसी बड़ी मात्रा में जब्त की गई है। खबर के मुताबिक गुरुवार को वित्त और गृह मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों व केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि के साथ हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
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नोटों पर लगे सिक्योरिटी मार्क को बदलने की वकालत करते हुए गृह मंत्रलायों के अधिकारियों ने कहा कि अधिकतर विकसित देश अपने करेंसी नोटों पर लगे सिक्योरिटी मार्क को हर तीन से चार सालों में बदलते रहते हैं। अधिकारियों का मानना है कि भारत को भी इस नीति को फॉलो करना चाहिए।

आपको बता दें कि वर्ष 2000 में लॉन्च होने के बाद से 1000 के नोट में नोटबंदी से पहले कोई बदलाव नहीं किया गया था। जबकि वर्ष 1987 में लॉन्च होने के बाद से 500 के नोट में लगभग एक दशक पहले कोई मामूली बदलाव किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक नए नोटों में भी कोई अतिरिक्त सिक्योरिटी फीचर नहीं है ये नोट भी पुराने नोटों के जैसे ही हैं।

हाल ही में कुछ जांचकर्ताओं ने जब्त की कई नकली भारतीय करेंसी को बरीके से देखा तो पता चला कि 2000 नोट के 17 सिक्योरिटी फीचर्स में से 11 को दोहराया गया था। 

अधिकारियों के मुताबिक नकली नोटों में ट्रांसपैरेंट एरिया, वॉटरमार्क, अशोक स्तंभ प्रतीक, बाईं तरफ लिखा गया 'रुपये 2000' व भारत के गवर्नर के हस्ताक्षर व अन्य कई बड़े सिक्योंरिटी मार्क एक जैसे पाए गए। इसके अलावा, 'चंद्रयान', 'स्वच्छ भारत' लोगो भी हूबहू रिवर्स साइड पर कॉपी किया गया था। हालांकि जब्त किए गए नकली नोटों की प्रिंट और कागज की गुणवत्ता खराब थी लेकिन फिर भी वे वास्तविक नोटों के समान लग रहे थे।

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों का मानना है कि हर तीन से चार साल में नोटों पर लगे सिक्योरिटी मार्क को बदलने से जालसाजी से बचा जा सकता है।
 

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