सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Should leaders like Pushkar Dhami and Keshav Prasad Maurya be part of the government despite the defeat?

अमर उजाला पोल: क्या धामी और मौर्य जैसे नेताओं को हार के बावजूद सरकार का हिस्सा होना चाहिए? जानिए पाठकों ने क्या कहा 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Amit Mandal Updated Thu, 17 Mar 2022 09:13 PM IST
सार

यूपी और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त वापसी की, लेकिन पुष्कर सिंह धामी और केशव प्रसाद मौर्य की हार ने भाजपा को मंथन करने पर मजबूर कर दिया है।  

विज्ञापन
Should leaders like Pushkar Dhami and Keshav Prasad Maurya be part of the government despite the defeat?
Pushkar Dhami and Keshav Maurya - फोटो : social media
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

क्या पुष्कर सिंह धामी और केशव प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं को विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद सरकार का हिस्सा होना चाहिए? अमर उजाला के पाठकों से पूछे गए इस सवाल पर अधिकतर की राय इन दोनों नेताओं के पक्ष में नजर नहीं आई। 44.68 फीसदी लोगों ने कहा कि दोनों नेताओं को सरकार का हिस्सा होना चाहिए। वहीं 55.32 फीसदी लोगों ने कहा कि इन्हें सरकार का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।

Trending Videos

 
विज्ञापन
विज्ञापन


धामी ने खटीमा से अपनी सीट गंवाई 
विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड के सीएम धामी ने भाजपा को प्रचंड जीत तो दिलाई लेकिन खटीमा से अपनी सीट गंवा बैठे। उनकी इस हार ने पार्टी को पशोपेश में डाल दिया है। नेतृत्व के सामने अब सीएम पद को लेकर संकट पैदा हो गया है। चुनाव से करीब साल भर पहले ही आलाकमान ने धामी पर दांव लगाया था जो सही भी बैठा, लेकिन उनकी हार के साथ ही नई मुश्किल भी सामने आ गई। क्या हारे हुए नेता को दोबारा सीएम पद पर बैठाया जाए, इस पर भाजपा में मंथन हो रहा है। इस गुत्थी को सुलझाने की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह को दी गई है। 

सिराथू से हारे केशव प्रसाद मौर्य
वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त वापसी कर सभी को चौंकाया। लेकिन सिराथू से उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की हार ने जीत का मजा किरकिरा कर दिया। 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी को प्रचंड जीत दिलाने वाले केशव प्रसाद मौर्य जहां सीएम पद की रेस में शामिल थे वहीं पांच साल बाद 2022 में उनके लिए डिप्टी सीएम पद को लेकर भी असमंजस की स्थित उत्पन्न हो गई है। इन दोनों नेताओं पर भाजपा हाईकमान क्या फैसला लेता है, इस पर सभी की नजरें हैं। 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed