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Nagpur: हिंसा के बाद नागपुर में स्थिति नियंत्रण में, संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू जारी

पीटीआई, नागपुर Published by: राहुल कुमार Updated Wed, 19 Mar 2025 11:50 AM IST
सार

नागपुर के संवेदनशील इलाकों में 2,000 से अधिक सशस्त्र पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसी तरह, त्वरित प्रतिक्रिया दल और दंगा नियंत्रण पुलिस को एक डीसीपी-रैंक अधिकारी के नेतृत्व में गश्त पर तैनात किया गया है।

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Situation under control in Nagpur, curfew continues in sensitive parts of city
नागपुर में सुरक्षा बलों का पहरा - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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नागपुर हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता फहीम शमीम खान (38) को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। फहीम पर आरोप है कि उसने कथित रूप से औरंगजेब का पुतला जलाने और विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के प्रदर्शन के बाद अफवाह फैलाई और लोगों को हिंसा के लिए उकसाया। पुलिस ने फहीम सहित 26 आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। सोमवार रात को हिंसा से भयाक्रांत नागपुर में स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन कर्फ्यू अब भी जारी है।

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इन इलाकों में कर्फ्यू जारी
शहर के संवेदनशील इलाकों में लोगों और वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध है। पुलिस के अनुसार 11 थाना क्षेत्रों- कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पांचपावली, शांत नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थानों के तहत आने वाले इलाकों में कर्फ्यू दूसरे दिन (बुधवार को) भी जारी रहा। पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि कर्फ्यू के दौरान संबंधित क्षेत्रों के डीसीपी ही सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पर निर्णय लेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात हुई हिंसा में 12 पुलिसकर्मी, जिनमें 3 डीसीपी शामिल हैं, घायल हुए हैं। पत्थरबाजी और आगजनी के मामले में 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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अब तक 1250 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
किलेबंद आरएसएस मुख्यालय (हेडगेवार भवन) के नजदीक हुई इस हिंसा से क्षेत्र में अशांति फैल गई। हिंसा में 10 दंगा-रोधी कमांडो, तीन डीसीपी और दो फायरमैन सहित कुल 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। नागपुर पुलिस ने हिंसा के संबंध में तीन थानों में 6 एफआईआर दर्ज की हैं और 51 लोगों को गिरफ्तार किया है। अब तक 1250 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है, जिनमें से 100 से अधिक लोगों की पहचान हो चुकी है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो पोस्ट करने वालों की भी साइबर पुलिस जांच कर रही है। हिंसा से जुड़े साक्ष्य जुटाने के लिए घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी जांच हो रही है।


विहिप, बजरंग दल के आठ कार्यकर्ताओं ने किया आत्मसमर्पण
नागपुर हिंसा में उपद्रवियों की धरपकड़ के बीच बुधवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के 8 कार्यकर्ताओं ने पुलिस कोतवाली में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश किया। मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को नागपुर के शिवाजी चौक पर आंदोलन किया था और औरंगजेब की कब्र का प्रतीकात्मक पुतला जलाया था। इस विरोध प्रदर्शन के बाद धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए पुलिस ने विहिप और बजरंग दल के पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उन आरोपियों में अमोल ठाकरे, डॉ. महाजन, तयानी, रजत पुरी, सुशील, वृषभ अर्खेल, शुभम और मुकेश बारापात्रे के नाम शामिल हैं।

संवेदनशील इलाकों में पुलिस के 2000 सशस्त्र जवान तैनात
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में पुलिस के 2000 सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में क्विक रेस्पॉन्स टीम और दंगा नियंत्रण पुलिस गश्त कर रही है। हिंसा मामले में दर्ज छह में से एक एफआईआर में नामित फहीम शमीम खान के नेतृत्व में 50 से 60 लोगों ने गैरकानूनी तरीके से गणेशपेठ थाने के बाहर एकत्र होकर विहिप के खिलाफ ज्ञापन दिया था। फहीम नागपुर के यशोधरा नगर इलाके के संजय बाग कॉलोनी का निवासी है। एफआईआर के मुताबिक उसने गणेश पेठ थाने के बाहर एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था, जिसमें पुलिस और अल्पसंख्यक आयोग की आलोचना की थी। वीडियो में खान को हिंसा शुरू होने से कुछ क्षण पहले कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देते हुए देखा जा सकता है।

हमलावरों की पहचान करने के लिए जांच जारी
एफआईआर के मुताबिक उसके बाद वीडियो को विभिन्न सोशल मीडिया समूहों में प्रसारित किया गया। अधिकारी के अनुसार, भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया। इसी भीड़ ने मध्य नागपुर के महाल चिटनिस पार्क में लोगों पर हमला किया था। नागपुर के पुलिस आयुक्त विरेंद्र सिंघल से बुधवार को जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या खान ही इस हिंसा का मास्टरमाइंड है, इस पर उन्होंने कहा कि हमलावरों की पहचान करने के लिए जांच जारी है। कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। पुलिस इसकी जांच करेगी कि हिंसा में इनकी कोई भूमिका थी या इनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि है या इन्होंने साजिश रची है। मामले की इन सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।

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महिला पुलिसकर्मी के साथ उपद्रवियों ने बदसलूकी की
नागपुर में सोमवार रात हिंसा के दौरान चिटनिस पार्क के सीए रोड पर कुछ उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया था। गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में इस घटना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एक महिला पुलिसकर्मी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी शिकायत की है। रिपोर्ट के अनुसार अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ का प्रयास किया। वहीं, कुछ बदमाशों ने पीड़िता की वर्दी खींचने और शरीर को छूने की भी कोशिश की। नागपुर के भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने बुधवार को विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने मांग की कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

नागपुर में कब और कहां भड़की हिंसा
सोमवार को नागपुर के मध्य स्थित महल इलाके के चित्रनीस पार्क में हिंसा भड़क उठी थी। अफवाह फैली थी कि एक समुदाय की पवित्र पुस्तक को जलाया गया है। इसे छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे एक दक्षिणपंथी संगठन के विरोध के दौरान हुआ। इस हिंसा में पुलिस पर पथराव किया गया, जिसमें 34 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

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