सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Supreme Court asks Justice Dhulia Committee to recommend 1 name each for appointing VC in Kerala universities

Supreme Court: केरल के दो विश्वविद्यालयों में कुलपति विवाद, अदालत बोली- जस्टिस धूलिया समिति 'सील बंद' नाम भेजे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Thu, 11 Dec 2025 01:15 PM IST
सार

केरल के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच वीसी नियुक्ति को लेकर जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए रिटायर्ड जस्टिस सुधांशु धूलिया की समिति से दोनों विश्वविद्यालयों के लिए एक-एक नाम सुझाने को कहा है। कोर्ट के आदेश के अनुसार नाम सीलबंद लिफाफे में अगले बुधवार तक जमा होंगे।

विज्ञापन
Supreme Court asks Justice Dhulia Committee to recommend 1 name each for appointing VC in Kerala universities
सुप्रीम कोर्ट (फाइल तस्वीर) - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

केरल के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच लगातार चल रहे टकराव पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दखल दिया। अदालत ने रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली समिति से कहा है कि वह दो तकनीकी विश्वविद्यालयों के लिए एक-एक नाम सुझाए। यह नाम सील बंद लिफाफे में अगले बुधवार तक अदालत में जमा करने होंगे। इसके बाद 18 दिसंबर मामले की अगली सुनवाई होगी। 

Trending Videos


बता दें कि यह विवाद एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ डिजिटल साइंसेज, इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालयों के उप कुलपति (वीसी) नियुक्ति से जुड़ा है। ऐसे में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा कि कई कोशिशों के बावजूद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और राज्यपाल व कुलाधिपति राजेंद्र अर्लेकर किसी सहमति पर नहीं पहुंचे।
विज्ञापन
विज्ञापन


कोर्ट ने क्या आदेश दिया?
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की बेंच ने आदेश में कहा कि जस्टिस धूलिया समिति धूलिया समिति मुख्यमंत्री और राज्यपाल के पत्रों का अध्ययन करे। इसके बाद हर विश्वविद्यालय के लिए एक नाम सुझाए और फिर रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को अगले गुरुवार तक भेजी जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब शीर्ष अदालत ने पहले समिति बनाकर रास्ता निकाला, फिर भी राज्यपाल द्वारा रिपोर्ट न देखने पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

ये भी पढ़ें:- Goa Fire Tragedy: उत्तर गोवा में नाइटक्लब-होटलों के अंदर आतिशबाजी पर पूर्ण रोक, जिला प्रशासन ने जारी किया आदेश

अभी तक केवल चिट्ठियों का आदान-प्रदान
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि अभी तक इस मामले में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच सिर्फ चिट्ठियों का आदान-प्रदान हुआ है, लेकिन फैसले की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने बताया कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। लेकिन कोर्ट ने वह पत्र देखने से साफ इनकार कर दिया।

केरल सरकार की दलील
हालांकि मामले में केरल सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में पक्ष रख रहे सीनियर वकील जयदीप गुप्ता ने बताया कि कानून मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री ने 10 दिसंबर को राज्यपाल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री को सिर्फ एक नाम पर आपत्ति थी, बाकी नामों को लेकर राज्यपाल ने कोई आपत्ति नहीं जताई। इसके बावजूद मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

ये भी पढ़ें:- राष्ट्रीय तिनका तिनका इंडिया पुरस्कार: जेल में भी खिली प्रतिभाएं, मानवाधिकार दिवस पर 18 कैदियों को मिला सम्मान

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी

गौरतलब है कि बीते 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा धूलिया समिति की रिपोर्ट न देखने पर नाराजगी जताई थी। समिति ने 18 अगस्त के आदेश के बाद रिपोर्ट तैयार कर सरकार को दे दी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट के आधार पर वीसी नियुक्ति के लिए नाम राज्यपाल को भेजे थे, लेकिन राज्यपाल ने कोई फैसला नहीं लिया।

2 सितंबर को राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर मांग की कि वीसी चयन प्रक्रिया में मुख्यमंत्री की भूमिका खत्म की जाए, क्योंकि विश्वविद्यालय कानून में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इससे पहले 18 अगस्त को, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ही रिटायर्ड जज धूलिया की अध्यक्षता में पैनल बनाया था, ताकि नामों की शॉर्टलिस्टिंग की जा सके।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed