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Supreme Court: पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर को फिर राहत, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण बढ़ा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Tue, 15 Apr 2025 12:09 PM IST
सार

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए पूजा खेडकर पर तल्ख टिप्पणियां की थीं। कोर्ट ने कहा था कि यह न सिर्फ एक संवैधानिक निकाय के साथ, बल्कि समाज और पूरे देश के साथ धोखाधड़ी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। खेड़कर पर दिल्ली पुलिस ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी और अवैध रूप से ओबीसी और विकलांगता कोटे का दावा करना शामिल है।

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Supreme Court: SC extends interim protection from arrest to former IAS trainee Puja Khedkar
पूजा खेडकर - फोटो : ANI
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विस्तार
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से संरक्षण देने के अपने अंतरिम आदेश को बढ़ा दिया। पूजा पर 2022 संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा के लिए पात्रता प्राप्त करने के लिए अपने दस्तावेजों में जालसाजी करने का आरोप है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को तय की। कोर्ट ने कहा कि तब तक उन्हें गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण जारी रहेगा।

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अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तारीख तय
इस बीच वकील ने पीठ को बताया कि उनकी ओर से एक जवाबी हलफनामा दायर किया गया है, लेकिन यह अदालत के रिकॉर्ड में नहीं दिख रहा है। फिर पीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। इससे पहले शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस से जांच तेजी से पूरी करने को कहा और पूछा कि जब खेडकर ने खुद हलफनामे में कहा है कि वह सहयोग करने को तैयार हैं, तो वह जांच पूरी क्यों नहीं कर रही है। पीठ ने खेडकर की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तारीख तय की है।
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अतिरिक्त सॉलिसिटर ने दी थी यह दलील
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पहले शीर्ष अदालत से कहा था कि यूपीएससी उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए फर्जी दस्तावेजों के बड़े घोटाले की जांच के लिए पुलिस को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है। तब पीठ ने कहा था कि जिस स्रोत से खेडकर ने कथित तौर पर जाली प्रमाण पत्र प्राप्त किए, उसका खुलासा किया जाना चाहिए, लेकिन इसके लिए उन्हें हिरासत में रखना जरूरी नहीं है।

हाईकोर्ट के आदेश का दी है चुनौती
खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी, जिसमें उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। जनवरी में शीर्ष अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और उनसे जांच में सहयोग करने को कहा था। खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा (यूपीएससी परीक्षा) पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण का धोखाधड़ी से लाभ उठाने का आरोप है।

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