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Supreme Court: आर्मस्ट्रांग हत्याकांड केस में सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच पर लगाई रोक, हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Wed, 19 Nov 2025 06:19 PM IST
सार
Supreme Court On Armstrong Murder Case : सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व बीएसपी अध्यक्ष के आर्मस्ट्रांग हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही कई और अहम मामले में भी 'सुप्रीम' सुनवाई हुई। आइए जानते हैं इन मामलों में सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ।
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सुप्रीम कोर्ट।
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
तमिलनाडु के बहुजन समाज पार्टी के पूर्व अध्यक्ष के आर्मस्ट्रांग की हत्या से जुड़े मामले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें जांच को सीबीआई को सौंपने और राज्य पुलिस की चार्जशीट को खारिज करने का निर्देश दिया गया था। इस फैसले के साथ लंबे समय से विवादों में घिरे इस मामले में नई कानूनी स्थिति बन गई है।
जस्टिस जे के महेश्वरी और विजय बिश्नोई की बेंच तमिलनाडु सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने 24 सितंबर को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और राज्य पुलिस की चार्जशीट को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले 10 अक्टूबर को चार्जशीट रद्द करने वाले आदेश पर अंतरिम रोक लगाई थी, लेकिन सीबीआई जांच को जारी रहने दिया था। अब कोर्ट ने सीबीआई जांच पर भी रोक लगा दी है।
राज्य पुलिस का पक्ष
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने तमिलनाडु पुलिस की ओर से दलील पेश करते हुए कहा कि राज्य पुलिस ने पूरी तरह विस्तृत और साक्ष्यों पर आधारित चार्जशीट दाखिल की थी। उन्होंने आरोपों को गलत बताया कि पुलिस ने सीबीआई के साथ रिकॉर्ड साझा करने से इनकार किया। लूथरा ने कहा कि हाईकोर्ट ने चार्जशीट को बेहद “कैज़ुअल तरीके” से खारिज किया, जिससे राज्य पुलिस की जांच पर बिना कारण सवाल खड़े हुए।
हाईकोर्ट का आदेश
मद्रास हाईकोर्ट ने 24 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि आर्मस्ट्रांग की हत्या गंभीर और संवेदनशील मामला है, इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच के लिए इसे सीबीआई को सौंपना जरूरी है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को छह महीने के भीतर जांच पूरी कर अंतिम रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश से जांच फिर से राज्य पुलिस के नियंत्रण में लौट आई है, जब तक कि अदालत अगला आदेश न दे।
जानें पूरा मामला
आर्मस्ट्रांग की हत्या 5 जुलाई 2024 को उनके चेन्नई स्थित घर के पास कर दी गई थी। हमलावरों ने उन्हें धारदार हथियारों से निशाना बनाया। इस मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। इनमें से कई को गुंडा अधिनियम के तहत भी निरुद्ध किया गया है। पुलिस का दावा है कि उनके पास संगठित साजिश से जुड़ी ठोस जानकारी और साक्ष्य मौजूद हैं।
सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश से फिलहाल जांच सीबीआई को नहीं जाएगी और मामले की स्थिति यथावत बनी रहेगी। अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि जांच किस एजेंसी के पास रहेगी और हाईकोर्ट के आदेश पर अंतिम फैसला क्या होगा। आर्मस्ट्रांग हत्याकांड राजनीतिक और कानूनी रूप से संवेदनशील माना जाता है, इसलिए अदालत की हर कार्रवाई पर सभी पक्षों की नजरें टिकी हुई हैं।
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जस्टिस जे के महेश्वरी और विजय बिश्नोई की बेंच तमिलनाडु सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने 24 सितंबर को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और राज्य पुलिस की चार्जशीट को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले 10 अक्टूबर को चार्जशीट रद्द करने वाले आदेश पर अंतरिम रोक लगाई थी, लेकिन सीबीआई जांच को जारी रहने दिया था। अब कोर्ट ने सीबीआई जांच पर भी रोक लगा दी है।
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राज्य पुलिस का पक्ष
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने तमिलनाडु पुलिस की ओर से दलील पेश करते हुए कहा कि राज्य पुलिस ने पूरी तरह विस्तृत और साक्ष्यों पर आधारित चार्जशीट दाखिल की थी। उन्होंने आरोपों को गलत बताया कि पुलिस ने सीबीआई के साथ रिकॉर्ड साझा करने से इनकार किया। लूथरा ने कहा कि हाईकोर्ट ने चार्जशीट को बेहद “कैज़ुअल तरीके” से खारिज किया, जिससे राज्य पुलिस की जांच पर बिना कारण सवाल खड़े हुए।
हाईकोर्ट का आदेश
मद्रास हाईकोर्ट ने 24 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि आर्मस्ट्रांग की हत्या गंभीर और संवेदनशील मामला है, इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच के लिए इसे सीबीआई को सौंपना जरूरी है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को छह महीने के भीतर जांच पूरी कर अंतिम रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश से जांच फिर से राज्य पुलिस के नियंत्रण में लौट आई है, जब तक कि अदालत अगला आदेश न दे।
जानें पूरा मामला
आर्मस्ट्रांग की हत्या 5 जुलाई 2024 को उनके चेन्नई स्थित घर के पास कर दी गई थी। हमलावरों ने उन्हें धारदार हथियारों से निशाना बनाया। इस मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। इनमें से कई को गुंडा अधिनियम के तहत भी निरुद्ध किया गया है। पुलिस का दावा है कि उनके पास संगठित साजिश से जुड़ी ठोस जानकारी और साक्ष्य मौजूद हैं।
सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश से फिलहाल जांच सीबीआई को नहीं जाएगी और मामले की स्थिति यथावत बनी रहेगी। अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि जांच किस एजेंसी के पास रहेगी और हाईकोर्ट के आदेश पर अंतिम फैसला क्या होगा। आर्मस्ट्रांग हत्याकांड राजनीतिक और कानूनी रूप से संवेदनशील माना जाता है, इसलिए अदालत की हर कार्रवाई पर सभी पक्षों की नजरें टिकी हुई हैं।