SC: ‘स्वच्छ भारत अभियान को सामाजिक आंदोलन के रूप में लें’, न्यायाधीश खन्ना ने स्वस्थ भारत का दिया मंत्र
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि कुछ लोग अपने शब्दों और कामों से अमर हो जाते हैं। उन लोगों में ही महात्मा गांधी भी शामिल हैं। राष्ट्रपिता को सच्ची श्रद्धांजलि उनके शब्दों और विचारों को आत्मसात करके दी जा सकती है।
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सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को कहा कि महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान को सामाजिक आंदोलन के रूप में लिया जाना चाहिए ताकि स्वच्छ भारत स्वस्थ और खुशहाल हो।
'स्वच्छ भारत अभियान' शुरू
न्यायमूर्ति खन्ना महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा शीर्ष अदालत परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के जन्मदिन पर 'स्वच्छ भारत अभियान' शुरू किया गया है। इसे एक सामाजिक आंदोलन के रूप में लिया जाना चाहिए। जब तक इसे एक सामाजिक आंदोलन के रूप में नहीं लिया जाएगा, यह अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं होगा।
भारत अधिक स्वस्थ और खुशहाल
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि स्वच्छ और साफ भारत अधिक स्वस्थ और खुशहाल है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने शब्दों और कामों से अमर हो जाते हैं। उन लोगों में ही महात्मा गांधी भी शामिल हैं। वह दुनिया भर में पूजनीय थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता को सच्ची श्रद्धांजलि उनके शब्दों और विचारों को आत्मसात करके दी जा सकती है।
शास्त्री सच्चे गांधीवादी
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के योगदान का जिक्र करते हुए शीर्ष अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि वह एक सच्चे गांधीवादी थे जो अपने शब्दों और विचारों से जीते थे। इस दौरान खन्ना ने उन कठिन परिस्थितियों पर भी प्रकाश डाला जब शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि शास्त्री देश के प्रति निस्वार्थ समर्पण रखते हुए ईमानदार और विनम्र बने रहे।
समारोह में एससीबीए सचिव रोहित पांडे और वकीलों सहित कई बार नेता मौजूद थे।