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Tamil Nadu: 'तमिल विशिष्टता में केवल हिंदी नहीं, तेलगू-कन्नड़-मलयालम के लिए भी घृणा', बोले राज्यपाल आरएन रवि

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई Published by: देवेश त्रिपाठी Updated Tue, 25 Nov 2025 11:35 AM IST
सार

अक्टूबर 2024 में दूरदर्शन के एक कार्यक्रम में 'तमिल थाई वजथु' से जुड़े विवाद का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने बिना किसी बात के हंगामा खड़ा कर दिया।

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Tamil Nadu Governor RN Ravi says Tamil distinctiveness hate not only Hindi but also Telugu Kannada Malayalam
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि - फोटो : ANI
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विस्तार
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तमिलनाडु के सियासी गलियारों में तमिल बनाम हिंदी का मुद्दा हमेशा ही सुर्खियों में रहता है। इस बीच तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि का बड़ा बयान सामने आया है। राज्यपाल ने कहा कि तमिलनाडु की राजनीति क्षेत्रवाद नहीं है, बल्कि यह अनिवार्य रूप से तमिल 'विशिष्टता' है, जो इस बात पर जोर देता है कि तमिल अन्य भाषाओं से अलग है।  

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तमिलनाडु के राज्यपाल के तौर पर आर.एन. रवि का एम.के. स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार के साथ गतिरोध का लंबा इतिहास है। राज्यपाल ने कहा, 'यह तमिल विशिष्टता अन्य भाषाओं के प्रति घृणा से व्यक्त होती है, यहां तक कि द्रविड़ परिवार से संबंधित तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम जैसी भाषाओं के प्रति भी। यह केवल हिंदी तक ही सीमित नहीं है।'
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उन्होंने तमिल राजनेताओं की आलोचना करते हुए यह भी कहा कि वे वास्तव में तमिल से प्रेम नहीं करते, क्योंकि उन्होंने तमिल भाषा या तमिल संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए कुछ भी नहीं किया है।

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, 'सच्चाई यह है कि हर साल छात्र तमिल माध्यम से अंग्रेजी माध्यम की ओर जा रहे हैं। तमिल में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या में लगातार और तेजी से गिरावट आ रही है।' रवि ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने तमिल भाषा और संस्कृति में अनुसंधान के लिए शून्य बजट दिया है। उन्होंने बताया, "राज्य अभिलेखागार में 11 लाख से अधिक ताड़पत्र पांडुलिपियां सड़ रही हैं। उनके संरक्षण के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है।" 

अक्टूबर 2024 में दूरदर्शन के एक कार्यक्रम में 'तमिल थाई वजथु' से जुड़े विवाद का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने बिना किसी बात के हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि वे इस कार्यक्रम में सिर्फ एक मेहमान थे और आयोजकों से गलती हुई। उन्होंने माफी भी मांगी। राज्यपाल ने कहा, 'मैं तमिल थाई वजथु उन कई लोगों से कहीं बेहतर गा सकता हूं जो तमिल बोलते हैं।' 

सरकार और राज्यपाल के बीच तनाव को उजागर करने वाली एक अन्य घटना को याद करते हुए - रवि ने जनवरी में विधानसभा के पहले सत्र में अपना पारंपरिक अभिभाषण देने के बजाय वॉकआउट कर दिया था - उन्होंने कहा कि यह एक 'दुखद निर्णय' था। रवि इस बात का विरोध कर रहे थे कि सत्र की शुरुआत में राष्ट्रगान नहीं बजाया गया। उन्होंने बताया कि ऐसे समारोहों में जहां राज्यपाल या राष्ट्रपति भाग लेते हैं, वहां कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से होती है और समापन भी राष्ट्रगान से होता है।

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