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वायुसेना को मिलेगी नई ताकत: मिग-21 की जगह लेगा स्वदेशी तेजस, रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ की सबसे बड़ी डील

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Thu, 25 Sep 2025 03:41 PM IST
सार

रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 97 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 62,370 करोड़ रुपये का अनुबंध किया है। ये विमान 2027-28 से वायुसेना को मिलने शुरू होंगे और पुराने मिग-21 की जगह लेंगे। तेजस में 64% स्वदेशी तकनीक होगी और यह मल्टी-रोल फाइटर के रूप में काम करेगा। यह सौदा भारतीय वायुसेना की ताकत और भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाई देगा।

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Tejas replace MiG-21 indian Air Force new strength Defense Ministry signed biggest deal with HAL
तेजस लड़ाकू विमान - फोटो : ANI
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विस्तार
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रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 62,370 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक सौदा किया है। इस समझौते के तहत भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे। यह सौदा भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता को मजबूत करने और वायुसेना को आधुनिक हथियारों से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
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यह अनुबंध गुरुवार को साइन किया गया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 97 तेजस एमके-1ए विमानों के साथ संबंधित उपकरण भी खरीदे जाएंगे। इस सौदे में टैक्स शामिल नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट समिति ऑन सिक्योरिटी की बैठक में एक महीने पहले इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
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पहले भी हुआ था बड़ा अनुबंध
इससे पहले फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। उस अनुबंध के तहत भारतीय वायुसेना को 83 तेजस एमके-1ए विमान मिलने हैं। अब नया सौदा उस श्रृंखला को आगे बढ़ाता है और भारत की एयरोस्पेस क्षमता में बड़ा इजाफा करता है।

64 प्रतिशत स्वदेशी है ये तेजस
तेजस एमके-1ए विमानों में 'स्वयम् रक्षा कवच' और आधुनिक कंट्रोल एक्ट्यूएटर्स जैसे एडवांस फीचर होंगे। इनमें 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी पुर्जे होंगे और 67 नए स्वदेशी आइटम जोड़े गए हैं। तेजस एक मल्टी-रोल फाइटर है, जो एयर डिफेंस, समुद्री निगरानी और स्ट्राइक मिशन में इस्तेमाल किया जा सकता है।

कब से शुरू होगी डिलीवरी
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन विमानों की डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी। यह सिंगल-इंजन जेट भारतीय वायुसेना के पुराने पड़ चुके मिग-21 विमानों की जगह लेगा। वायुसेना के पास वर्तमान में केवल 31 स्क्वाड्रन बचे हैं, जबकि अधिकृत संख्या 42 स्क्वाड्रन की है। ऐसे में तेजस की एंट्री वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है।

भारत की रणनीतिक बढ़त
इस सौदे को भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। तेजस न केवल वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा बल्कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी गति देगा। स्वदेशी टेक्नोलॉजी और नए डिजाइन के साथ बना यह विमान आने वाले वर्षों में भारत को इस्राइल, अमेरिका और अन्य शक्तिशाली देशों के बराबर खड़ा करने में मदद करेगा।

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