Telangana: फोन-टैपिंग मामले में बड़ा मोड़, पूर्व इंटेलिजेंस चीफ प्रभाकर राव का सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरेंडर
तेलंगाना के चर्चित फोन-टैपिंग मामले में बड़ा मोड़ आया है। आरोपित पूर्व खुफिया विभाग के प्रमुख टी प्रभाकर राव ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हैदराबाद के जुबली हिल्स थाने में सुबह 11 बजे सरेंडर किया।
विस्तार
तेलंगाना में चर्चित फोन टैपिंग मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। इस मामले के आरोपी तेलंगाना के पूर्व इंटेलिजेंस प्रमुख टी प्रभाकर राव ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हैदराबाद के जुबली हिल्स पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया। राव ने सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के सामने सरेंडर किया। बता दें कि ये पूरा मामला तब का है जब पिछली बीआरएस सरकार के दौरान स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआईबी) के कुछ अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने विभाग की शक्तियों का राजनीतिक इस्तेमाल किया।
आरोप है कि वे कई नागरिकों, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों के लोग शामिल थे उनकी गुप्त निगरानी (सर्विलांस) कर रहे थे। ऐसे में मार्च 2024 से अब तक एसआईबी के एक निलंबित डीएसपी सहित चार पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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पुलिस अधिकारियों पर क्या थे आरोप?
मामले में गिरफ्तार चारों पुलिस अधिकारियों पर आरोप था कि वे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से महत्वपूर्ण इंटेलिजेंस डेटा मिटा रहे थे और राजनीतिक फायदे के लिए लोगों की फोन-टैपिंग कर रहे थे। बाद में इन्हें जमानत मिल गई।
पुलिस का कहना है कि आरोपी अधिकारियों ने कई लोगों की अनधिकृत प्रोफाइलिंग, निगरानी और अपने अपराधों के सबूत मिटाने की साजिश रची। यह सब कथित तौर पर एक राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया था निर्देश
बात अगर मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की करें तो गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरथना और आर महादेवन की बेंच ने कहा कि राव की कस्टडी में पूछताछ जरूरी है। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि राव शुक्रवार सुबह 11 बजे पुलिस के सामने सरेंडर करें। कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि पूछताछ कानून के अनुसार हो और उन्हें घर का भोजन और दवाइयां मिलती रहें।
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सुप्रीम कोर्ट ने दी थी अंतरिम सुरक्षा, लेकिन..
गौरतलब है कि 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राव को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी थी, लेकिन यह शर्त रखी थी कि वे भारत लौटकर जांच में शामिल हों। इससे पहले तेलंगाना हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले 22 मई को हैदराबाद की एक अदालत ने राव के खिलाफ घोषणा आदेश जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर वे 20 जून तक पेश नहीं हुए तो उन्हें अपराधी घोषित किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में अदालत उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दे सकती है।
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