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Telangana: कालेश्वरम प्रोजेक्ट पर सियासत तेज, BRS ने आयोग पर उठाए सवाल; CM रेड्डी बोले- पिछली सरकारों ने लूटा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद Published by: हिमांशु चंदेल Updated Sun, 31 Aug 2025 11:00 PM IST
सार

तेलंगाना विधानसभा में कालेश्वरम परियोजना पर आयोग की रिपोर्ट को लेकर जोरदार बहस हुई। बीआरएस ने जांच को राजनीतिक नाटक बताया, जबकि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पिछली सरकार पर हजारों करोड़ लूटने का आरोप लगाया। बता दें, आयोग ने पूर्व CM केसीआर को सीधे जिम्मेदार ठहराया।

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Telangana Politics intensifies Kaleshwaram project BRS raise questions on commission CM Reddy slams
तेलंगाना विधानसभा (फाइल फोटो) - फोटो : ANI
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विस्तार
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कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना पर न्यायमूर्ति पिनाकी घोष आयोग की रिपोर्ट को लेकर तेलंगाना विधानसभा में रविवार को गरमा-गरम बहस हुई। बीआरएस (BRS) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सिंचाई मंत्री टी. हरीश राव ने आयोग की जांच को ‘राजनीतिक नाटक’ करार देते हुए कहा कि यह न तो निष्पक्ष है और न ही न्यायपूर्ण। वहीं, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने पलटवार करते हुए कहा कि पिछली बीआरएस सरकार ने परियोजना स्थल बदलकर और परिभाषा में हेरफेर करके जनता के हजारों करोड़ रुपये लूटे।
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हरीश राव ने विधानसभा में कहा कि न्यायमूर्ति घोष ने जांच के दौरान नियमों का पालन नहीं किया और बीआरएस नेताओं को अपना पक्ष रखने का अवसर भी नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने धारा 8बी के तहत उन्हें नोटिस तक नहीं भेजा। राव ने कहा कि यह रिपोर्ट पंचायत चुनावों से पहले राजनीतिक फायदे के लिए लाई गई है और इसमें कई प्रक्रियागत खामियां हैं।
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मुख्यमंत्री रेड्डी का पलटवार
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने हरीश राव के आरोपों को भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि बीआरएस नेता सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। रेड्डी ने दावा किया कि आयोग ने साफ कहा है कि बीआरएस सरकार ने जानबूझकर परियोजना की जगह थुम्मिडी हट्टी से मेडीगड्डा बदली और इसके पीछे बड़ा वित्तीय घोटाला हुआ। रेड्डी ने स्पीकर से अपील की कि हरीश राव की आधी-अधूरी जानकारी को सदन से हटाया जाए।

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आयोग ने केसीआर को ठहराया जिम्मेदार
आयोग की रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को सीधे तौर पर अनियमितताओं और गैरकानूनी कामों का जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना, निर्माण, संचालन और रखरखाव—इन सभी चरणों में अनियमितताएं हुईं और पिछली सरकार इसमें दोषी है।

भारी खर्च, कम सिंचाई
सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए बताया कि बीआरएस सरकार ने परियोजना पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर दिए, लेकिन दो लाख एकड़ भूमि भी सिंचित नहीं हो सकी। कांग्रेस काल में इसका अनुमानित खर्च 38 हजार करोड़ रुपये था, लेकिन बीआरएस ने इसे बढ़ाकर 1.40 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंचा दिया। पांच साल में इस परियोजना से केवल 100 टीएमसी से थोड़ा अधिक पानी ही उठाया जा सका।

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राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप
हरीश राव ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक बदले से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि बीआरएस नेताओं को आयोग में क्रॉस-एग्जामिनेशन का मौका तक नहीं दिया गया। वहीं, मुख्यमंत्री रेड्डी ने स्पष्ट किया कि बीआरएस केवल न्यायमूर्ति घोष की ईमानदारी पर सवाल उठाकर मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहती है।

विधानसभा में अन्य फैसले
इसी दौरान विधानसभा ने एक अहम विधेयक पारित किया, जिसके जरिए स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण 42 प्रतिशत कर दिया गया। इससे पहले सरकार ने 2018 के कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया था, जिसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।


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