असम-मेघालय सीमा विवाद: पौधारोपण को लेकर ग्रामीणों का हंगामा, लापांगा में 400 लोगों ने उखाड़े पौधे; जलाए ढांचे
मेघालय और असम की सीमा पर स्थित लापांगाप गांव की पहाड़ी पर असम के पौधारोपण अभियान का स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध किया। करीब 400 लोगों की भीड़ ने पौधे उखाड़े और लकड़ी की संरचनाएं जला दीं। इलाके बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस तैनात कर दी गई है।
विस्तार
असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर तनाव देखने को मिला। जहां सीमा पर स्थित गांव लापांगा में बुधवार को उस समय तनाव फैल गया, जब करीब 400 लोगों की भीड़ ने असम की ओर से चलाए जा रहे पौधारोपण अभियान के तहत लगाए गए पौधे उखाड़ दिए और उन्हें बचाने के लिए बनाए गए लकड़ी के ढांचे को जला डाला। यह घटना मेघालय के वेस्ट जयंतिया हिल्स जिले और असम के कार्बी आंगलोंग जिले के बीच स्थित लापांगाप गांव की एक पहाड़ी पर हुई, जिसे दोनों राज्य अपना-अपना क्षेत्र बताते हैं।
बता दें कि कार्बी आंगलोंग ऑटोनॉमस काउंसिल (केएएसी), जो असम सरकार के तहत आती है, ने लापांगाप गांव में पौधारोपण किया था। इसके विरोध में बुधवार सुबह करीब 11 बजे, लापांगाप और आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग, कई सामाजिक संगठनों के समर्थन से वहां पहुंचे और दावा किया कि असम उनके राज्य में घुसपैठ कर रहा है। उन्होंने वहां लगाए गए पौधे उखाड़ दिए और संरचनाओं को जला दिया।
बढ़ते तनाव के बीच स्थिति नियंत्रण में
मामले में बढ़ते तनाव के बीच वेस्ट जयंतिया हिल्स के उपायुक्त अभिनव कुमार सिंह ने बताया कि मौके पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि केएएसी ने बिना पूर्व सूचना के यह पौधारोपण अभियान शुरू किया, जबकि बुधवार को ही इस मुद्दे पर तहपट गांव में शांति बैठक होनी थी, जो बाद में नहीं हो पाई।
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असम सरकार पर समझौते के उल्लंघन का आरोप
वहीं खासी स्टूडेंट्स यूनियन (एएसयू) के महासचिव नीलकी मुखिम ने दावा किया कि असम की ओर से समझौते का उल्लंघन किया गया और इलाके में जबरन घुसपैठ कर पौधारोपण किया गया। उन्होंने कहा कि हमने सभी संरचनाएं तोड़ीं और पौधे उखाड़े। असम पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन हम अपनी जमीन की रक्षा करते रहेंगे।
गांव स्तर पर कराई जाएगी शांति बैठक
इसके साथ ही उपायुक्त अभिनव सिंह ने बताया कि गुरुवार को गांव स्तर पर शांति बैठक कराई जाएगी, जिसमें दोनों पक्षों के स्थानीय मुखिया और पंचायत प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए यथास्थिति बनाए रखने पर सहमति जरूरी है।
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असम और मेघायल के बीच विवादित क्षेत्र
गौरतलब है कि असम और मेघालय के बीच करीब 885 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें 12 विवादित क्षेत्र हैं। मार्च 2022 में दोनों राज्यों ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री की मौजूदगी में छह क्षेत्रों को लेकर समझौता किया था। पहले चरण में 36.79 वर्ग किमी क्षेत्र को लेकर सहमति बनी थी, जिसमें असम को 18.46 और मेघालय को 18.33 वर्ग किमी जमीन मिली थी। बाकी छह क्षेत्रों को लेकर बातचीत जारी है।