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90 लाख ट्रक और 50 लाख बसों के पहिये थमे, रोजमर्रा की चीजें होंगी महंगी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Fri, 20 Jul 2018 09:38 AM IST
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Trucks, buses strike from today, Daily things will be expensive
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ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर पूरे देश के ट्रांसपोर्टरों ने आज से हड़ताल शुरू कर दी है। आज सुबह से सभी 570 ट्रांसपोर्ट्स हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के दौरान करीब 90 लाख ट्रक और 50 लाख बस के पहिये थम गए हैं। डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर कमी और टोल मुक्त बैरियर सहित अन्य मांगों को लेकर ट्रांसपोर्ट्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया है। इस दौरान किसी भी व्यापारी का सामान लोड नहीं किया जाएगा। इसका सीधा असर शहरवासियों की जेब पर पड़ेगा क्योंकि ट्रक से आने वाले खाद्य सामग्री सहित मेडिसन भी उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बल मलकीत सिंह ने कहा कि हमारी केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ गुरुवार को बैठक हुई, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। 

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सरकार को रोज होगा चार हजार करोड़ का नुकसान
माल ढुलाई पर ट्रकों के पहिए थम जाने से सरकार को प्रतिदिन 4,000 करोड़ का नुकसान होगा। इस संबंध में परिवहन मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ट्रांसपोर्टर की मांगों पर तुरंत कोई फैसला लेना संभव नहीं है, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है।
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और बढ़ेगी महंगाई, आप पर होगा ये असर

बारिश के कारण वैसे ही फल व सब्जियां महंगी हैं लेकिन शुक्रवार से ट्रक और बस ऑपरेटरों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाने से महंगाई और बढ़ने की संभावना काफी बढ़ गई है। ट्रक हड़ताल का सीधा असर आम आदमी पर होता हैं, क्योंकि ट्रक हड़ताल से दूध-सब्जी और बाकी सामानों की सप्लाई बंद हो जाएगी। ऐसे में डिमांड बनी रहेगी और सप्लाई घट जाएगी। लिहाजा आम आदमी को इन चीजों के लिए ज्यादा दाम चुकाने होंगे।

जानें क्या हैं ट्रांसपोर्ट्स की मांगें
ट्रांसपोर्ट्स ने मांग की कि डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए या फिर मौजूदा समय में इनपर केन्द्रीय व राज्यों की तरफ से लगने वाले टैक्स को कम किया जाए।
टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
थर्ड पार्टी बीमा प्रिमियम पर जीएसटी की छूट मिले और इससे एजेंट्स को मिलने वाले अतिरिक्त कमिशन को भी खत्म किया जाए।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AE में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए और र्इ-वे बिल में संशोधन हो।
ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में इस बात के संकेत दिए हैं कि दो ड्राइवर्स रखने की अनिवार्यता से राहत दी जा सकती है। वहीं फिटनेस की बात है तो हर साल छोड़कर इसे एक साल छोड़कर कराने की रियायत दिया जा सकती है।

काम नहीं आई सरकार की पहल
दो दिन पहले ही ट्रकों की लोडिंग सीमा बढ़ाकर ट्रांसपोर्ट्स को लुभाने वाली सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब दो ड्राइवरों का अनिवार्यता, फिटनेस सर्टिफिकेट, भार वहन सीमा को बढ़ाने की पेशकश की है लेकिन ट्रांसपोटर्स ने साफ कर दिया है कि उनकी हड़ताल डीजल कीमतों, ईवे बिल, थर्ड पार्टी प्रीमियम और टीडीएस जैसे बड़े बदलावों को लेकर है।
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