सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   UN Report on Indian population unable to afford healthy diet situation bad than average of south Asian countri

रिपोर्ट: 55.6 फीसदी भारतीय सेहतमंद आहार का खर्च उठाने में असमर्थ, दक्षिण एशियाई देशों के औसत से खराब है स्थिति

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Sun, 28 Jul 2024 06:24 AM IST
सार

संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति सभी दक्षिण एशियाई देशों के औसत (53.1फीसदी) से ज्यादा है। 2022 में पाकिस्तान (58.7) के बाद इस क्षेत्र में आबादी का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा है। हालांकि, रिपोर्ट में अफगानिस्तान के आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। 2017 में भारत में स्वस्थ आहार का खर्च उठाने में असमर्थ आबादी का अनुपात 69.5 फीसदी था।
 

विज्ञापन
UN Report on Indian population unable to afford healthy diet situation bad than average of south Asian countri
सेहतमंद खाना (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : एएनआई
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

भारत की आधे से ज्यादा आबादी (55.6 फीसदी) स्वस्थ आहार का खर्च उठाने में असमर्थ है। 2020 यानी जब कोविड-19 महामारी फैली थी, उस वर्ष को छोड़ दिया जाए तो इस अनुपात में लगातार गिरावट देखी गई है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड (एसओएफआई) में सामने आई है।

Trending Videos


रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति सभी दक्षिण एशियाई देशों के औसत (53.1फीसदी) से ज्यादा है। 2022 में पाकिस्तान (58.7) के बाद इस क्षेत्र में आबादी का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा है। हालांकि, रिपोर्ट में अफगानिस्तान के आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। 2017 में भारत में स्वस्थ आहार का खर्च उठाने में असमर्थ आबादी का अनुपात 69.5 फीसदी था।
विज्ञापन
विज्ञापन


चार प्रमुख पहलुओं के आधार पर किया परिभाषित
संयुक्त राष्ट्र की पांच एजेंसियों की ओर से प्रकाशित इस रिपोर्ट में स्वस्थ आहार को चार प्रमुख पहलुओं के आधार पर परिभाषित किया गया है। इनमें विविधता यानी अलग-अलग पौष्टिक खाद्य समूह, पर्याप्तता यानी आवश्यकताओं की तुलना में सभी आवश्यक पोषक तत्वों की उपलब्धता, संयम यानी खाद्य पदार्थ और पोषक तत्व जो खराब स्वास्थ्य परिणामों से संबंधित हैं उनका चयन न करना और संतुलन मतलब ऊर्जा और मैक्रोन्यूट्रिएंट का सेवन करना शामिल है। 

भारत में 2021 और 2023 के बीच 19.46 करोड़ कुपोषित लोग थे। यह कुल आबादी का 13.7  फीसदी है। इसी प्रकार 2021 में वेस्टिंग यानी बौनेपन से प्रभावित बच्चों (पांच वर्ष से कम) की संख्या 2.19 करोड़ (18.7 फीसदी) थी और 2022 में यह बढ़कर 3.61 करोड़ (31.7 फीसदी) हो गई। एफएओ वेस्टिंग को ऊंचाई के हिसाब से कम वजन के रूप में वर्णित करता है, जो कुपोषण का एक घातक रूप है, जबकि स्टंटिंग को उम्र के हिसाब से कम ऊंचाई के रूप में वर्णित किया जाता है। 

38% भारतीयों को मिल रहा अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ
इस साल मई में ग्लोबल फूड पॉलिसी रिपोर्ट 2024-फूड सिस्टम्स फॉर हेल्दी डाइट्स एंड न्यूट्रिशन के अनुसार, कम से कम 38 फीसदी भारतीय आबादी अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ खाती है, जबकि केवल 28 फीसदी लोग ही बताए गए सभी पांच खाद्य समूहों का उपभोग करते हैं। 

  • इसमें कम से कम एक स्टार्चयुक्त मुख्य भोजन, एक सब्जी, एक फल, एक दाल, अखरोट या बीज और एक पशु स्रोत भोजन शामिल है। वैश्विक स्तर पर 35.4 फीसदी लोग स्वस्थ आहार का खर्च उठाने में असमर्थ थे। इनमें से 64.8 फीसदी अफ्रीका में और 35.1 फीसदी एशिया में थे।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed