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UP Budget 2023: उत्तर प्रदेश सरकार की कितनी कमाई और कितना खर्चा? जानें सात साल में राज्य का कर्ज कितना बढ़ा

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Wed, 22 Feb 2023 05:20 PM IST
सार
आइए जानते हैं कि यूपी सरकार ने इस साल कितनी कमाई का लक्ष्य रखा है? यूपी पर कितना कर्ज है? सरकार को इस साल कहां-कहां से कितनी रकम मिल सकती है और इसे सरकार कैसे खर्च करेगी? 
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UP Budget 2023: How much income and expenditure of up government? Know how much state debt increased in 7 year
योगी आदित्यनाथ - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुधवार को सूबे के लिए छह लाख 90 हजार 242 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए बताया कि देश की कुल GDP में प्रदेश का योगदान आठ फीसदी से अधिक का है। साल 2021-22 में प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जो देश की विकास दर से अधिक रही। 


आइए जानते हैं कि यूपी सरकार ने इस साल कितनी कमाई का लक्ष्य रखा है? यूपी पर कितना कर्ज है? सरकार को इस साल कहां-कहां से कितनी रकम मिल सकती है और इसे सरकार कैसे खर्च करेगी? 

 

बजट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां
  • राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्टेट जीडीपी (GSDP) में वृद्धि की दर 19 प्रतिशत अनुमानित की है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना कहा कि साल 2017 से पहले प्रदेश में बेरोजगारी दर 14.4 प्रतिशत थी, जो अब घटकर लगभग 4.2 प्रतिशत हो गई है।
  • यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में 25 हजार से अधिक निवेशकों ने शिरकत की। इस समिट में लगभग 33.50 लाख करोड़ रुपए के 19000 से अधिक समझौते हुए हैं। मतलब यूपी में 33.50 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश तय हुआ है। 
  • इस बार बजट में कुल 32 हजार 721 करोड़ 96 लाख रुपये की नई योजनाओं को शामिल किया गया है। 

कितनी कमाई का लक्ष्य और कितना होगा खर्च? 
इस साल सरकार ने छह लाख 83 हजार 292 करोड़ 74 लाख रुपये की कमाई का लक्ष्य रखा है। इसमें पांच लाख 70 हजार 865 करोड़ 66 लाख रुपये राजस्व प्राप्तियां अनुमानित हैं, जबकि एक लाख 12 हजार 427 करोड़ 08 लाख रुपये पूंजीगत प्राप्तियां हैं। वहीं, सरकार ने इस साल छह लाख 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने का फैसला लिया है। इस तरह से यूपी सरकार को इस साल कुल छह हजार 949 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा होगा। 
 

कितना है यूपी सरकार पर कर्ज?
साल 2017-18 में यूपी सरकार पर कुल 4.45 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। 2020-21 तक ये कर्ज बढ़कर 5.65 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। 2021-22 में कर्ज का ये आंकड़ा बढ़कर 6.53 लाख करोड़ रुपये पहुंच चुका है। जो स्टेट जीडीपी का कुल 34.2 प्रतिशत हिस्सा है। 
 

बजट में क्या बड़ी घोषणाएं हुईं? 
  • प्रदेश के छात्र-छात्राओं को टैबलेट व स्मार्टफोन के लिए 3600 करोड़ रुपये देने का एलान किया गया है। 
  • वाराणसी-गोरखपुर में मेट्रो के लिए 100 करोड़ रुपये का एलान किया।
  • झांसी-चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 235 करोड़ रुपये का एलान।
  • स्वास्थ्य व्यवस्था पर 12,650 करोड़ रुपये खर्च का एलान किया गया।
  • प्रदेश में फार्मा पार्कों की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये देने का एलान।
  • प्रदेश के सभी जिलों में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने के उद्देश्य के तहत 14 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
  • लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

  • कानपुर मेट्रो रेल परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 585 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।
  • आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 465 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।
  • दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 1306 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है। 
  • वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के कियान्वयन हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
  • मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण / नये शहर प्रोत्साहन योजना हेतु 3,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है। 
  • गोरखपुर नगर स्थित गोडधोड्या नाला एवं रामगढ़ ताल के जीर्णोद्धार तथा इंटरसेप्शन, डाइवर्जन एवं ट्रीटमेंट सम्बन्धी परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए 650 करोड़ 10 लाख रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
  • उत्तर प्रदेश के कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु व दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 14 सितम्बर, 2019 से लागू है। इस योजना के अन्तर्गत कृषक की परिभाषा का विस्तार किया गया है। योजना के अन्तर्गत दुर्घटनावश मृत्यु व दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान है। योजना हेतु 750 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है।
  • निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा हेतु प्रत्येक राजस्व मण्डल में 1000 बालक व बालिकाओं के लिये कक्षा 06 से कक्षा-12 तक अध्ययन हेतु अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं । इन विद्यालयों का संचालन आगामी सत्र 2023 2024 से प्रारम्भ किया जाना है। अवशेष निर्माण कार्य हेतु 63 करोड़ रुपये तथा उपकरण आदि के क्रय हेतु लगभग 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित तीन माह के न्यूनतम वेतन के समतुल्य धनराशि एवं रुपये 1000 को चिकित्सा बोनस तथा पंजीकृत पुरूष कामगारों की पत्नियों को रुपये 6000 एकमुश्त में दिये जाने का प्रावधान है । 
  • अधिकतम दो नवजात शिशुओं के पोष्टिक आहार हेतु लड़का पैदा होने पर एकमुश्त रुपये 20,000 तथा लड़की पैदा होने की स्थिति में रुपये 25,000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किया जायेगा।
  • जन्म से दिव्यांग बालिकाओं को रुपये 50,000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किये जाने का प्रावधान है।
  • शक्ति पीठ मां शाकुम्भरी देवी मंदिर के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। प्रयागराज के समेकित विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
  • इसी तरह बौद्ध परिपथ के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये, बुन्देलखण्ड का समेकित पर्यटन विकास हेतु 40 करोड़ रुपये, शुकतीर्थ धाम का समेकित पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ रुपये, प्रदेश में युवा पर्यटन को बढ़ावा देना हेतु 2 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म, लखनऊ बोर्ड की स्थापना हेतु 2.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
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