नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में बाजी मार ले गए पीएम नरेंद्र मोदी, चीन को मची 'चिढ़'
- अमेरिका के साथ संयुक्त रक्षा हथियारों के उत्पादन की उम्मीद
- राष्ट्रपति ट्रंप ने जमकर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ
विस्तार
साथ में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उनका देश भारत को उच्चस्तरीय रक्षा साजो-संसाधन देगा। राष्ट्रपति ट्रंप की यह लाइन भारत में अमेरिका के साथ रक्षा हथियारों के साझा उत्पादन की उम्मीद जगा रही है।
राष्ट्रपति ट्रंप की इस यात्रा पर दुनिया के देशों की निगाह है। चीन के ग्लोबल टाइम्स की संपादकीय को पढ़ने के बाद ट्रंप की भारत यात्रा से चीन की चिंता जाहिर हो रही है। चीन ने भारत को सलाह भी दी है कि वह राष्ट्रपति ट्रंप के जाल में न आए।
चीन के बाद इस यात्रा पर सबसे ज्यादा निगाह रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की है। रूस अभी तक भारत का सबसे विश्वसनीय और बड़ा सामरिक साझीदार देश है। राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा ने रूस के लिए चिंता पैदा कर दी है।
पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, तुर्की और यूरोपीय देशों की भी राष्ट्रपति की यात्रा पर निगाह है। इस यात्रा के पहले दिन के संकेत कई देशों के लिए चिंता पैदा करने वाले हैं।
बढ़ेगी रणनीतिक साझेदारी
मोटेरा स्टेडिम से मिल रहे संकेत मंगलवार को भारत और अमेरिका के बीच में रणनीतिक और विश्वसनीय सामरिक साझीदारी बढ़ने का संकेत कर रही है। हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वाता के दौरान दोनों देश रक्षा क्षेत्र में नई नींव रख सकते हैं।
कुछ रक्षा हथियारों की तकनीक के आदान-प्रदान या साझा उत्पादन पर सहमति बन सकती है। भारत के साथ नौसेना के लिए 24 एमएच-60 अटैकिंग हेलीकाप्टर पर सहमति तय मानी जा रही है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इस सौदे का संकेत दे दिया है। दोनों देशों में कारोबारी क्षेत्र में भी तेजी आने के संकेत हैं। व्यापारिक समझौते को लेकर भी सबकुछ सकारात्मक होने के आसार हैं।
अतिथि देवो भव:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में इसे साकार किया। वह ट्रंप के अहमदाबाद आने से एक घंटा पहले ही उनके स्वागत के लिए 10.25 बजे हवाई अड्डे पर पहुंच गए। मोटेरा स्टेडियम में तीन बार दोनों नेता गले लगे।
मोटेरा स्टेडियम लोगों से खचाखच भरा हुआ था। पूरा अंदाज राष्ट्रपति के स्वागत का था। हालांकि कूटनीतिक रिश्तों में इस तरह के स्वागत का द्विपक्षीय वार्ता की टेबल पर असर कम पड़ता है, लेकिन फिर भी रिश्तों की गर्मजोशी भी एक कूटनीति है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाजी मार ले गए हैं।