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संकटग्रस्त सीरिया: सुरक्षित भारत लौटे लोगों ने सुनाई आपबीती, बताया- सड़कों पर असामाजिक तत्वों से दहशत का माहौल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Sun, 15 Dec 2024 01:38 AM IST
सार

सीरिया से वापस स्वदेश लौटे सुनील दत्त ने दिल्ली एयरपोर्ट पर बताया कि सड़कों पर कुछ असामाजिक तत्व सामान लूट रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत खराब स्थिति थी और गोलीबारी और बमबारी की आवाजें स्थिति को और भी भयानक बना रही थीं।

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Was panic situation, anti-social elements were also in streets: Indian returnees from Syria
सीरिया से भारत लौटे लोगों ने सुनाई आपबीती - फोटो : ANI
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विस्तार
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संकटग्रस्त सीरिया से निकाले जाने के बाद स्वदेश लौटे भारतीय नागरिकों के एक समूह ने वहां की भयावह स्थिति का अनुभव साझा किया। उन्होंने सीरिया की स्थिति पर अपनी आपबीती सुनाते हुए भारतीय दूतावास के लगातार संपर्क में रहने के लिए और मदद की भी सराहना की। 
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सुनीव दत्त ने सुनाई आपबीती
सीरिया से वापस आए चंडीगढ़ के रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर सुनील दत्त ने बताया कि सड़कों पर कुछ असामाजिक तत्व सामान लूट रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत खराब स्थिति थी और गोलीबारी और बमबारी की आवाजें स्थिति को और भी भयानक बना रही थीं। उन्होंने कहा कि हालांकि, भारतीय दूतावास लगातार संपर्क में था और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने हमें शांत रहने और दरवाजे न खोलने की सलाह दी।
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ग्रेटर नोएडा के सचित कपूर का दर्द
सीरिया से लौटे भारतीयों में शामिल ग्रेटर नोएडा के सचित कपूर ने कहा कि वे करीब सात महीने तक सीरिया में थे। 7 दिसंबर को स्थिति और खराब हो गई, और हमें दमिश्क शहर में स्थानांतरित किया गया। वहां हमने आग और बमबारी देखी और यह बहुत डरावना था।



उन्होंने कहा कि वे एक होटल में थे और स्थिति और खराब हो गई। लोग सड़कों पर बेकाबू हो गए और लूटपाट भी होने लगी। इसके साथ ही कपूर ने भारतीय दूतावास की मदद की सराहना करते हुए कहा कि इसके कारण हमें आसानी से लेबनान भेजा गया और किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

रतन लाल ने साझा किया अनुभव
पांच साल से सीरिया में रह रहे रतन लाल ने स्वदेश लौटने पर कहा कि जब स्थिति खराब हुई, तो उन्हें दमिश्क बुलाया गया, जहां एक होटल में ठहरने के बाद उन्हें वीजा मिला और फिर वे एयरपोर्ट गए। उन्होंने कहा कि स्थिति बहुत खराब थी और उनके परिवार ने उन्हें किसी भी कीमत पर लौटने के लिए कहा।

गुड़गांव के चेतन की कहानी
गुड़गांव के चेतन लाल ने बताया कि वह पिछले दस सालों से सीरिया में कांच की बोतल बनाने वाली कंपनी में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीन दिनों तक वे दमिश्क में रुके रहे और लेबनान और सीरियाई दूतावास ने उनकी वापसी यात्रा में मदद की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सीरिया से स्वदेश लौटे लोगों को लेकर शुक्रवार को कहा कि हमने सीरिया में उन सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है जो हाल की घटनाओं के बाद घर लौटना चाहते थे। अब तक 77 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है। उन्होंने बताया कि दमिश्क में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों ने उन्हें सीमा तक पहुंचाया, फिर लेबनान में भारतीय मिशन ने उनका स्वागत किया और उनके आव्रजन की प्रक्रिया को सरल बनाया।
 
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