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Weather Forecast: केरल से दिल्ली तक तय समय से पहले पहुंचा मानसून, मौसम विभाग ने बताया आगे कितना बरसेंगे बादल?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Sun, 29 Jun 2025 01:51 PM IST
सार
इस साल मानसून ने तय समय से पहले पूरे देश में दस्तक दी। 24 मई को केरल में शुरुआत हुई, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी थी। दिल्ली में मानसून 29 जून को पहुंचा। हालांकि, 18 दिन की रुकावट के बाद मानसून ने रफ्तार पकड़ी। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की संभावना जताई है।
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मौसम विभाग ने बताया आगे कितना बरसेंगे बादल?
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
देशभर में झमाझम बारिश का सिलसिला समय से पहले शुरू हो गया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, इस बार मानसून ने दिल्ली में दस्तक तय तारीख से एक दिन पहले, यानी 29 जून को दे दी। यही नहीं, पूरे देश में मानसून ने नौ दिन पहले ही अपनी पकड़ बना ली। आमतौर पर मानसून 8 जुलाई तक पूरे भारत में फैल जाता है, लेकिन इस साल यह रिकॉर्ड समय से पहले पूरे देश में सक्रिय हो गया।
मानसून हर साल सबसे पहले केरल पहुंचता है, जिससे पूरे देश में बारिश की शुरुआत मानी जाती है। इस बार मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी था। साल 2009 में भी मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था। इस बार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर बने मजबूत लो-प्रेशर सिस्टम ने मानसून को तेजी से आगे बढ़ाया, जिससे 29 मई तक मुंबई, महाराष्ट्र का बड़ा हिस्सा और पूर्वोत्तर भारत में बारिश का दौर शुरू हो गया।
18 दिन की रफ्तार पर लगी ब्रेक
हालांकि, 29 मई के बाद मानसून की रफ्तार थम गई। पूरे 18 दिन यानी 16 जून तक मानसून आगे नहीं बढ़ पाया। इस दौरान खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में लोग गर्मी से बेहाल रहे। इसकी वजह रही एंटी-साइक्लोनिक हवाएं, जो मानसून की नमी वाली हवाओं के रास्ते में बाधा बनीं।
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दिल्ली में भी समय से पहले पहुंचा मानसून
मानसून के रुकने के बाद धीरे-धीरे इसकी रफ्तार फिर तेज हुई और आखिरकार 29 जून को दिल्ली में मानसून ने दस्तक दे दी। आमतौर पर दिल्ली में 30 जून को मानसून पहुंचता है, लेकिन इस बार यह एक दिन पहले आ गया। इसके साथ ही पूरे देश में मानसून नौ दिन पहले ही सक्रिय हो गया। IMD के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब पूरे भारत में इतनी जल्दी मानसून फैल गया हो। साल 2020 में मानसून 26 जून तक पूरे देश में छा गया था।
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अब कैसी रहेगी बारिश की स्थिति?
मौसम विभाग का कहना है कि इस बार मानसून की शुरुआती स्थिति अच्छी है, लेकिन बारिश की मात्रा और वितरण अगले कुछ हफ्तों में साफ हो पाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून के शुरुआती सक्रिय रहने से खेती और जल संकट प्रभावित इलाकों को राहत मिल सकती है। हालांकि आगे चलकर मानसून में रुकावट या बारिश की कमी से भी इन इलाकों में समस्या बढ़ सकती है। फिलहाल लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिल चुकी है और किसान भी समय पर बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं।
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मानसून हर साल सबसे पहले केरल पहुंचता है, जिससे पूरे देश में बारिश की शुरुआत मानी जाती है। इस बार मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी था। साल 2009 में भी मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था। इस बार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर बने मजबूत लो-प्रेशर सिस्टम ने मानसून को तेजी से आगे बढ़ाया, जिससे 29 मई तक मुंबई, महाराष्ट्र का बड़ा हिस्सा और पूर्वोत्तर भारत में बारिश का दौर शुरू हो गया।
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18 दिन की रफ्तार पर लगी ब्रेक
हालांकि, 29 मई के बाद मानसून की रफ्तार थम गई। पूरे 18 दिन यानी 16 जून तक मानसून आगे नहीं बढ़ पाया। इस दौरान खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में लोग गर्मी से बेहाल रहे। इसकी वजह रही एंटी-साइक्लोनिक हवाएं, जो मानसून की नमी वाली हवाओं के रास्ते में बाधा बनीं।
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दिल्ली में भी समय से पहले पहुंचा मानसून
मानसून के रुकने के बाद धीरे-धीरे इसकी रफ्तार फिर तेज हुई और आखिरकार 29 जून को दिल्ली में मानसून ने दस्तक दे दी। आमतौर पर दिल्ली में 30 जून को मानसून पहुंचता है, लेकिन इस बार यह एक दिन पहले आ गया। इसके साथ ही पूरे देश में मानसून नौ दिन पहले ही सक्रिय हो गया। IMD के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब पूरे भारत में इतनी जल्दी मानसून फैल गया हो। साल 2020 में मानसून 26 जून तक पूरे देश में छा गया था।
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अब कैसी रहेगी बारिश की स्थिति?
मौसम विभाग का कहना है कि इस बार मानसून की शुरुआती स्थिति अच्छी है, लेकिन बारिश की मात्रा और वितरण अगले कुछ हफ्तों में साफ हो पाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून के शुरुआती सक्रिय रहने से खेती और जल संकट प्रभावित इलाकों को राहत मिल सकती है। हालांकि आगे चलकर मानसून में रुकावट या बारिश की कमी से भी इन इलाकों में समस्या बढ़ सकती है। फिलहाल लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिल चुकी है और किसान भी समय पर बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं।