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Another 'Umar' has come forward in the Delhi blast, who is he, how are the strings connected?
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दिल्ली ब्लास्ट में एक और 'उमर' आया सामने, कौन है ये, कैसे जुड़े हैं तार?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Thu, 13 Nov 2025 10:28 AM IST
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देश की राजधानी दिल्ली सोमवार शाम उस वक्त दहल उठी जब लाल किले के पास ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी एक आई-20 कार में हुए जोरदार धमाके ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। चश्मदीदों ने बताया कि गाड़ियों की लंबी कतार थी, सिग्नल ग्रीन होते ही जब कारें आगे बढ़ने लगीं, तभी अचानक आग का एक बड़ा गोला उठा और आसपास सबकुछ काला पड़ गया।
अब इस घटना से जुड़ा पहला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें पूरा मंजर कैद हो गया है लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास खड़ी आई-20 कार में अचानक धमाका होता है और कुछ ही सेकंड में चारों ओर धुआं और अफरा-तफरी मच जाती है।
जांच एजेंसियों के हाथ एक और बड़ी जानकारी लगी है। धमाके में इस्तेमाल की गई दूसरी संदिग्ध कार फोर्ड इकोस्पोर्ट दिल्ली के राजौरी गार्डन निवासी उमर के नाम पर पंजीकृत है।
रिकॉर्ड्स के मुताबिक, यह बीएस-4 डीजल इंजन वाली गाड़ी है जो सात साल से अधिक पुरानी है। वाहन का इंश्योरेंस 15 फरवरी 2026 तक और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट 5 दिसंबर 2025 तक वैध है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, यह गाड़ी ‘एक्टिव यूजिंग स्टेटस’ में दर्ज थी, यानी इसे नियमित रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था।
अब एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या उमर का इस धमाके से सीधा संबंध है, या आतंकियों ने किसी माध्यम से यह वाहन हासिल किया था। एनआईए और दिल्ली पुलिस ने उमर के सभी वित्तीय व डिजिटल ट्रांजैक्शन की जांच शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने धमाके के बाद विशेष दल गठित किया है। फोरेंसिक टीमें घटनास्थल से 40 से अधिक नमूने इकट्ठा कर चुकी हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में उच्च गुणवत्ता वाले औद्योगिक विस्फोटक के उपयोग की संभावना जताई गई है। एनआईए अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट में प्रयोग हुआ डिवाइस “रिमोट-एक्टिवेटेड” हो सकता है। यह भी संदेह है कि आई-20 और इकोस्पोर्ट दोनों कारें एक ही नेटवर्क से जुड़ी थीं।
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली ब्लास्ट के पीछे ‘वाइट कॉलर आतंकी नेटवर्क’ का हाथ है। यह नेटवर्क पिछले दो वर्षों से गुपचुप तरीके से काम कर रहा था।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस ग्रुप ने लोगों को कट्टरपंथ की राह पर लाने और फंड जुटाने के लिए एन्क्रिप्टेड चैनलों का इस्तेमाल किया। वे खुद को धर्मार्थ व शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े पेशेवर बताकर धन व विस्फोटक सामग्री जुटा रहे थे।
फरीदाबाद से पहले गिरफ्तार किए गए आठ संदिग्धों की पूछताछ में इसी नेटवर्क का जिक्र मिला था, जिससे उमर का नाम भी उभरकर आया है। अब एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या दिल्ली धमाके और फरीदाबाद मॉड्यूल के बीच सीधा कनेक्शन है।
घटना का जो सीसीटीवी सामने आया है, वह भयावह है। फुटेज में दिखता है कि ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ियां धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थीं। तभी अचानक आई-20 से आग का गोला निकलता है और पास खड़े ऑटो, बाइक और अन्य कारें जल उठती हैं। कुछ ही पलों में कैमरे की स्क्रीन काली हो जाती है। यह वीडियो अब एनआईए की जांच का हिस्सा है। विशेषज्ञ यह पता लगाने में जुटे हैं कि विस्फोट का कारण रासायनिक रिएक्शन था या रिमोट डिवाइस का इस्तेमाल किया गया।
धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने सभी ऐतिहासिक स्थलों, मेट्रो स्टेशनों और बाजारों में हाई अलर्ट घोषित किया है। सीआरपीएफ, एसपीजी और स्थानीय पुलिस ने मिलकर निगरानी बढ़ा दी है। एनआईए अधिकारियों का कहना है कि “यह घटना इंडियन कैपिटल अटैक की साजिश का हिस्सा थी, जिसे वक्त रहते रोका गया।”
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि दिल्ली ब्लास्ट को “जघन्य आतंकी कृत्य” माना जा रहा है। सरकार ने जांच एजेंसियों को “कड़ी कार्रवाई” के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।”
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