सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   West Bengal Voter list revision hearing phase poses a challenge for the Election Commission News In Hindi

West Bengal SIR Row: चुनाव आयोग के विशेष पर्यवेक्षक बोले- आपत्तियों पर सुनवाई जनगणना से अधिक जटिल-चुनौतीपूर्ण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: शुभम कुमार Updated Tue, 16 Dec 2025 10:15 AM IST
सार

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची सुधार का सुनवाई चरण बेहद चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। 2025 की सूची के आधार पर 7.66 करोड़ फॉर्म में से 58 लाख फॉर्म जमा नहीं हुए, 1.34 करोड़ में विसंगतियां पाई गईं और कई नाम 2002 की सूची से मेल नहीं खाते। आइए जानते है कि इन चुनौतियों को लेकर चुनाव अधिकारी सुब्रत गुप्ता ने क्या कहा?

विज्ञापन
West Bengal Voter list revision hearing phase poses a challenge for the Election Commission News In Hindi
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची सुधार का सुनवाई चरण चुनौतीपूर्ण मोड़ पर है। राज्य में चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त विशेष पर्यवेक्षक सुब्रत गुप्ता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया कि सुनवाई में कठिनाइयां अब तक पूरी हुई गिनती (एन्यूमेरशन) से भी ज्यादा होंगी। उन्होंने बताया कि राज्य में जारी 2025 की मतदाता सूची के आधार पर 7.66 करोड़ एन्यूमेरशन फॉर्म वितरित किए गए थे। अभी तक इनमें से 58 लाख फॉर्म इकट्ठा नहीं किए गए हैं, क्योंकि मतदाता या तो अपने पते पर नहीं थे या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके थे या फिर मर चुके थे या डुप्लीकेट एंट्री थी।

Trending Videos


इसके अलावा, लगभग 1.34 करोड़ फॉर्म में तर्कसंगत विसंगतियां मिलीं। इसमें पिता और माता के नाम में गलतियां, मतदाता और उनके अभिभावकों या दादा-दादी के बीच असामान्य उम्र अंतर जैसी समस्याएं शामिल हैं। ऐसे में लगभग 30 लाख फॉर्म 2002 की सूची से मैप नहीं हुए और 85 लाख फॉर्म में नामों की असंगतियां पाई गईं। सुब्रत गुप्ता ने कहा कि इन सभी मामलों में सुनवाई करनी होगी ताकि अंतिम सूची सही और सटीक प्रकाशित हो। उन्होंने अनुमान लगाया कि इन सभी चिजों के बीच सुनवाई में लगभग 2 करोड़ मतदाता शामिल हो सकते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें:- Vijay Diwas: सेना के शौर्य को सलाम...,विजय दिवस पर राष्ट्रपति, पीएम मोदी समेत कृतज्ञ राष्ट्र ने दी श्रद्धांजलि

सुब्रत गुप्ता ने बीएलओ के काम को सराहा
सुब्रत गुप्ता ने कहा कि एन्यूमेरशन चरण सफलतापूर्वक पूरा हुआ और BLOs का काम उत्कृष्ट रहा। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में अधिकतर बदलाव सकारात्मक होंगे और मतदाताओं को ज्यादा खुशियां देंगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबावों के बावजूद, यह पूरी प्रक्रिया नागरिक-केंद्रित और त्रुटिरहित मतदाता सूची बनाने के लिए की जा रही है।

चुनाव आयोग के सामने कितनी कठिनाई?
बता दें कि वर्तमान में राज्य में केवल 3,300 EROs/AEROs हैं। अगर सुनवाई 45 दिनों में पूरी करनी हो, तो प्रत्येक अधिकारी को हर दिन लगभग 140 सुनवाई करनी होंगी। प्रत्येक सुनवाई केवल 10 मिनट की भी हो, तो भी दैनिक कार्यक्रम लगभग 23.5 घंटे का होगा, जो संभव नहीं है। इसलिए आयोग से 2,500-3,000 और अधिकारी नियुक्त करने की मांग की गई है। इसके बाद भी प्रत्येक अधिकारी को दिन में 50-100 सुनवाई करनी होंगी, जो चुनौतीपूर्ण कार्य है।

ये भी पढ़ें:- UNSC: 'पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र..', भारत का संयुक्त राष्ट्र में पड़ोसी देश को फिर मुंहतोड़ जवाब

इस बात को लेकर गुप्ता ने कहा कि गुणवत्ता प्रशिक्षण और अधिकारी की योग्यता सुनवाई के दौरान निर्णायक होगी। सुनवाई प्रक्रिया न्यायिक होने के कारण, किसी भी व्यक्ति को मताधिकार से वंचित करना मनमाना या पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता। वहीं पुरानी 2002 की सूची को डिजिटल करने में तकनीकी समस्याएं आईं। सुनवाई की नोटिस छपाई, वितरित करना, और अनुपस्थित मतदाताओं के लिए वैकल्पिक तारीख तय करना भी एक बड़ी चुनौती है।

अन्य वीडियो

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed