BJP: क्या चुनाव सुधार पर अमित शाह ने हर सवाल का जवाब दे दिया, अब अपने सहयोगियों की बात सुनेगी कांग्रेस?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार 'वोट चोरी' और चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाकर केंद्र सरकार और आयोग को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। वे भाजपा की विभिन्न चुनावी जीत को भी इसी आरोप से जोड़ते रहे हैं। बुधवार को संसद में चुनाव सुधारों पर हुई चर्चा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के इन सभी आरोपों का विस्तृत जवाब दिया।
विस्तार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार 'वोट चोरी' और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को घेरते रहे हैं। भाजपा की केंद्र और विभिन्न राज्यों के चुनावों में जीत को भी वे 'वोट चोरी' से जोड़ते रहे। बुधवार को संसद में चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि देश के आजाद होने से कुछ वर्ष पहले तक मुख्य चुनाव आयोग की नियुक्ति केवल तत्कालीन प्रधानमंत्री ही किया करते थे। 45 दिनों के अंदर सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने का काम भी पहले से निर्धारित नियमों के आधार पर किया जाता है। लेकिन क्या कांग्रेस शाह के जवाबों से संतुष्ट होगी? अब कांग्रेस की रणनीति क्या रह सकती है?
अमित शाह के संबोधन के दौरान कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। लेकिन अमित शाह ने बताया कि पूरी चुनावी प्रक्रिया नियमों के आधार पर चल रही है। देश के आजाद होने के समय ही चुनाव कराने के कुछ नियम-कानून बनाए गए थे। चुनाव उसी प्रक्रिया से कराए जा रहे हैं। लेकिन अब उन्हीं नियमों पर चुनाव होने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। शाह ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में पहले विपक्ष की कोई भूमिका नहीं होती थी, लेकिन अब नेता विपक्ष को उसमें शामिल किया जाता है जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
कांग्रेस सरकारों के द्वारा पूर्व में मुख्य चुनाव आयुक्तों को अपनी सरकार में मंत्री बनवाने और उन्हें चुनाव लड़ाने का मुद्दा उठाकर शाह ने यह बताने की कोशिश की कि मुख्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और उन्हें बाद में लाभ देने के मामले में कांग्रेस बेदाग नहीं है। शाह ने कहा कि एसआईआर के द्वारा केवल उन घुसपैठियों को बाहर किया जा रहा है जो देश के बाहर से आए हैं।
कांग्रेस के सहयोगी भी वोट चोरी के आरोपों से सहमत नहीं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी वोट चोरी के आरोपों के द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी को घेरने का काम करते रहे हैं, लेकिन इस मामले का एक पक्ष यह भी है कि इंडिया गठबंधन के कई दूसरे दल भी कांग्रेस के इन आरोपों से सहमत नहीं हैं। स्वयं कांग्रेस के कई नेताओं ने भी वोट चोरी और ईवीएम पर विवाद खड़ा करने की बजाय अपना प्रदर्शन सुधारने की बात कही थी।
कुछ ही दिन पूर्व जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि वे वोट चोरी के आरोपों से सहमत नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में मजबूत जीत हासिल करने के बाद भी उन्होंने कहा था कि वोट चोरी के आरोपों से वे सहमत नहीं हैं क्योंकि अपने राज्य की चुनावी प्रक्रिया को वे बेहद करीब से देख रहे थे और उनके वोट पूरी तरह उनके अनुमानों के अनुसार ही आए हैं। ऐसे में वोट चोरी के आरोपों से वे सहमत नहीं हैं।
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राजद भी सहमत नहीं थी
बिहार चुनाव में कांग्रेस ने वोट चोरी को मुद्दा बनाया था। राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर वोटर अधिकार यात्रा भी निकाली थी। लेकिन उस समय से ही ये बातें लोगों के सामने आ रही थीं कि राजद वोट चोरी के आरोपों से सहमत नहीं है। यही कारण था कि तेजस्वी यादव ने अपनी बाद की सभाओं में लगातार बेरोजगारी और महंगाई को मुद्दा बनाने की कोशिश की। उन्होंने वोट चोरी पर उतना आक्रामक रुख नहीं अपनाया।
पश्चिम बंगाल में भी होगा यही हाल
अमित शाह ने कहा कि बिहार में एसआईआर को मुद्दा बनाने के बाद भी विपक्ष को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भी घुसपैठियों को बाहर करने का काम किया जा रहा है। यदि तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर का विरोध करती हैं तो उन्हें भी पश्चिम बंगाल में उसी तरह की हार का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस के पास मुद्दा नहीं, केवल मुद्दा बनाने के लिए लगाती है आरोप
भाजपा प्रवक्ता अनिरुद्ध प्रताप सिंह ने अमर उजाला से कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में एक-एक बयान देकर साफ कर दिया है कि विपक्ष के सारे आरोप आधारहीन हैं। चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के आधार पर चल रही है और नियमों के आधार पर ही चुनाव कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। यही कारण है कि अब मुद्दों की तलाश में भटकती कांग्रेस बेसिरपैर की बातें उठाकर जनता को अपनी ओर खींचना चाहती है। लेकिन जनता कांग्रेस को कोई समर्थन नहीं दे रही है क्योंकि जनता देख रही है कि उसके मुद्दों में कोई कारण नहीं है और यह केवल जनता में भ्रम पैदा करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस जनता के हित से जुड़े मुद्दों पर बात नहीं करेगी तो उसे कोई समर्थन नहीं मिलेगा।
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