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Haryana Samwad 2025: संवाद में हिस्सा लेंगे स्वामी रामदेव; साझा करेंगे योग और सनातन मूल्यों पर अपने विचार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: राहुल कुमार Updated Tue, 16 Dec 2025 10:55 AM IST
सार

हरियाणा में 17 दिसंबर को आयोजित होने जा रहे अमर उजाला संवाद में सिनेमा, खेल और रचनात्मक जगत की जानी-मानी हस्तियां शिरकत करेंगी। योग गुरु एवं संस्थापक पतंजलि योगपीठ स्वामी रामदेव के साथ सनातन की बात होगी। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी शामिल होंगे। वहीं, देश की कई प्रतिष्ठित हस्तियां, नीति निर्माता और विशेषज्ञ गुरुग्राम के होटल क्राउन प्लाजा में जुटेंगे।
 

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yoga guru Swami Ramdev At Amar Ujala Samwad haryana 2025
योग गुरु स्वामी रामदेव - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
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योग गुरु स्वामी रामदेव देश-विदेश में योग और आयुर्वेद के प्रमुख प्रवर्तक के रूप में पहचाने जाते हैं। उन्होंने पतंजलि योगपीठ की स्थापना कर योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। स्वामी रामदेव के योग शिविरों से करोड़ों लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। वे भारतीय जीवनशैली, स्वास्थ्य और सनातन संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के प्रयासों में सक्रिय रहे हैं। पिछले 25 साल से योग को लेकर चर्चा में हैं। हरियाणा संवाद में योग, स्वास्थ्य और सनातन मूल्यों पर अपने विचार साझा करेंगे।

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स्वामी रामदेव का जीवन परिचय
पूरी दुनिया को योग का पाठ पढ़ाने वाले स्वामी रामदेव का असली नाम राम कृष्ण यादव है। स्वामी रामदेव का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के अली सैयद्पुर गांव में हुआ। बचपन यहीं पर बीता। बचपन का नाम राम कृष्ण था। खबरें मिली हैं कि बचपन में ही शहीद भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल की तस्वीरें देखकर रामदेव क्रांतिकारी बनने की सोचा करते थे। किसे पता था कि ये एक दिन देश में योग की क्रांति लाएंगे।
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बाबा रामदेव को शुरू से ही योग में दिलचस्पी थी। योग के प्रति लगाव के कारण एक दिन उन्होंने घर-बार छोड़कर ऋषिकेश जाने की ठान ली। आचार्य प्रद्युम्न व योगाचार्य बल्देवजी से संस्कृत व योग की शिक्षा ली। युवावस्था में संन्यास लिया और पहले वाला रामकृष्ण, स्वामी रामदेव के नये रूप में बदल गया। रामदेव ने कालवा गुरुकुल, जींद जाकर नि:शुल्क योग सिखाया। उसके बाद हरिद्वार आकर कनखल के कृपालु बाग आश्रम में रहने लगे। यहीं उन्हें अपने जीवन का निर्णायक मोड़ मिला। एक धार्मिक टीवी चैनल ने उन्हें योग के एक प्रोग्राम में फीचर करना शुरू किया। बाबा ने टीवी के माध्यम से जनता तक योग की शक्ति को पहुंचाया। यहीं से बाबा रामदेव ने योग को एक बड़ा ब्रांड बनाने की शुरुआत हुई।

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वर्ष 2001 में दिव्य योग मंदिर कनखल से निकलकर स्वामी रामदेव ने योग शिविरों की जो श्रृंखला ज्वालापुर के पांडेवाला मैदान से शुरू की थी, उसकी पहुंच आज देश से बाहर निकलकर विश्व के कोने-कोने तक पहुंच गई है। स्वामी रामदेव के प्रयासों से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच पर योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा। दुनिया के 193 देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव का समर्थन किया। 

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