Kathua Encounter: अब द्रब्बड़ में दिखे संदिग्ध, खाना मांगने घर में घुसे, डरकर भागा परिवार; तलाशी अभियान जारी

सुफैन मुठभेड़ स्थल से करीब चार किमी दूर द्रब्बड़, जंगेड़ा इलाके में तीन संदिग्ध देखे जाने की सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर ली है। बताया जा रहा है कि पिट्ठू बैग लिए तीनों एक घर में घुसे और बुजुर्ग महिला से खाने की मांग की। बुजुर्ग महिला चिल्ला पड़ीं जिससे उनका परिवार भाग निकला।

सूत्रों के अनुसार, अजनबियों को देख बुजुर्ग महिला ने शोर मचाया। इस पर परिवार भाग निकला। पर संदिग्ध नहीं भागे। तीनों ने घर में मिली रोटी-सब्जी खाई। भाग सकने में असमर्थ महिला को पैसे देने का प्रयास किया। परिवार का एक बच्चा डर के मारे खेतों में जाकर छिप गया। इसको लेकर कहा जाता रहा कि संदिग्धों ने बच्चे को अगवा कर लिया है। संदिग्धों के जाते ही बच्चा वापस आ गया। रात करीब पौने आठ बजे सुरक्षाबलों को इसकी सूचना मिली। रात नौ बजे इलाका घेर लिया गया। पास के क्षेत्रों में भी सर्च शुरू की गई है। 27 मार्च को अंबे नाल के जिस क्षेत्र में मुठभेड़ हुई थी वहां 5 आतंकी घेराबंदी में लिए जाने की सूचना थी। इनमें से दो आतंकी ढेर किए जा सके। तीन भाग गए थे, जिनकी तलाश भी जारी है।
संदिग्ध देखने की सूचना पर सुरक्षाबलों ने चलाया तलाशी अभियान
बिलावर के कोहग गांव में रविवार को सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। संयुक्त तलाशी अभियान में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने इलाके का चप्पा-चप्पा खंगाला, लेकिन शाम 6 बजे तक चलाए गए अभियान में सुरक्षाबलों को कामयाबी नहीं मिली।
सूत्रों के अनुसार कोहग इलाके में संदिग्ध दिखाई देने की सूचना मिलने के बाद रविवार दोपहर 12:30 बजे सुरक्षा बलों ने गांव में सगन तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान ड्रोन की मदद भी ली गई और हेलीकॉप्टर के माध्यम से पैरा कमांडोज को भी इलाके में उतारा गया। दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक तलाशी अभियान लगातार जारी रहा। इस दौरान कोहग गांव के मुख्य बाजार की सभी दुकानों को बंद करवा दिया गया, जिससे कोहग और आसपास से सटे इलाकों में तनाव की स्थिति बनी रही।
बता दें कि कोहग से सटे इलाकों में पिछले कई महीनों से आंतकी गतिविधियां हुई हैं। पिछले साल सितंबर में इसी इलाके से सटे धनु परोल इलाके मे आतंकवादियों की सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इसमें जम्मू कश्मीर पुलिस के एक जवान ने शहादत पाई थी, वहीं सुरक्षाबलों ने एक आंतकी को ढेर किया था।
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भीनी, उज्ज दरिया आदि नदी नालों मे सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुफैन इलाके में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुख्य मार्गों के साथ-साथ लिंक मार्गों पर सुरक्षा बल डटे हुए हैं और आने-जाने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। बता दें कि उपमंडल के इलाकों में पिछले 6 महीनों से आतंकवादी गतिविधियों में काफी बढ़ोतरी देखी गई है, जिसके कारण लोगों के दिलों में दहशत का माहौल है।
सूत्रों के अनुसार सुफैन इलाके में पांच आतंकवादी देखे गए थे, जिनमें से सुरक्षा बलों ने दो को ढेर कर दिया। अन्य तीन आतंकवादियों का कोई भी पता नहीं चल पाया है इससे भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर बिलावर के इलाके की ओर रुख कर गए हों।
आतंकी मददगारों के नेटवर्क की तलाश तेज, छह से ज्यादा लोग हिरासत में
कठुआ और बिलावर की सीमा में पहाड़ी तलहटियों में सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी मददगारों के नेटवर्क की तलाश तेज कर दी है। पूर्व में भी इस इलाके से आतंकियों को मदद मिलने के मामले सामने आए थे। पाकिस्तान के साथ मिलकर देश के खिलाफ साजिशें रचने और आतंकियों की मदद करने के आरोपी अंबे नाल निवासी मोहम्मद लतीफ उर्फ हाजी के परिवार के छह से ज्यादा लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। हाजी लतीफ पिछले साल से ही जेल में है।
उधर, बिलावर के कोहग इलाके में संदिग्ध देखे जाने की सूचना पर सेना, सीआरपीएफ और पुलिस की टीम ने तलाशी अभियान चलाया। दोपहर 12 बजे से कोहग के बाजार बंद करवाकर चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई। देर शाम तक कोई संदिग्ध हाथ नही आया। कठुआ के राजबाग थानाक्षेत्र में महानाल से सटे इलाके में शाम ढलने के बाद संदिग्ध देखे जाने की सूचना के बाद घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया गया।
कठुआ मुख्यालय से मात्र 25 से 30 किलाेमीटर की सड़क दूरी पर आतंकियों के लिए पहाड़ों पर जाने से पहले मदद का एक पूरा नेटवर्क पिछले साल सामने आया था। इस बार भी सुफैन, अंबे नाल में उसी जगह आतंकियों की मौजूदगी दर्ज की गई, जहां से पिछले साल आतंकी मददगारों का सरगना पकड़ा गया था। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि हाजी के जेल जाने के बाद पाकिस्तान ने इन्हीं इलाकों में फिर से अपना नेटवर्क तैयार किया है, जिनकी मदद से आतंकी घुसपैठ के बाद पहाड़ों तक पहुंचने वाले थे।
कई और रडार पर
खूफिया सूत्रों के अनुसार अंबे नाल से हिरासत में लिए गए लोगों में हाजी लतीफ के रिश्तेदारों को नगरी के संयुक्त पूछताछ केंद्र ले जाया गया है। जहां उनसे आतंकियों की घुसपैठ या मौजूदगी के संबंध में पूछताछ की जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों की नजर कुमरी कठेरा, बोहड़ा, अठियाल्ता और थीन के आसपास के इलाकों में बसे कई लोगों पर भी बनी हुई है।
खानाबदोशों की आड़ में आतंकी पहाड़ों पर उनके ढोक में पहुंचने की फिराक में
पारा चढ़ने के साथ ही यह समय खानाबदोश परिवारों के पहाड़ों की ओर लौटने का है। ये खानाबदोश परिवार पहाड़ों पर ढोक (मिट्टी के छोटे-छोटे घर) बनाकर रहते हैं। सर्दियों में ये अपने पशुओं के साथ ढोक छोड़कर मैदानी इलाकों में चले जाते हैं और गर्मी शुरू होते ही फिर आ जाते हैं। पंजाब और जम्मू-कश्मीर के कठुआ सांबा जिले से खानाबदोशों के सैकड़ों परिवार अपने काफिले के साथ जंगलों से अपनी मौसमी रिहायशी तक पहुंचने के लिए अगले कुछ दिनों तक सफर करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, आतंकी भी मैदानों से जंगल की ओर जाने के लिए इनकी आड़ लेने की फिराक में हैं। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक हाल में आतंकियों का एक बड़ा समूह घुसपैठ कर आया है, जो अलग-अलग ग्रुप में बंट गया है। फिलहाल ये कठुआ के मैदानी इलाकों से सटी छोटी पहाड़ी तलहटियों में अपनी लोकेशन बदलकर खुद को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं। सुरक्षाबल भी खानाबदोशों की पहाड़ों की ओर आगमन शुरू होने से पहले इन आतंकियों का सफाया करना चाहते हैं।
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